राजस्थान में कोराेना के नए वैरिएंट का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में तीसरी लहर आने का खतरा मंडराने लग गया है। इसको लेकर राजस्थान के सभी कलेक्टरों को अस्पतालों में दवाइयां और ऑक्सीजन का स्टॉक रखने के निर्देश जारी किए है। सरकार भी मरीजों की संख्या को लेकर चिंता में है। कहीं फिर से दूसरी लहर की तरह बड़े संकट का सामना न करने पड़े। प्रिंसिपल सेक्रेटरी हेल्थ अखिल अरोड़ा की ओर से एक आदेश जारी करते हुए सभी कलेक्टर्स को जिलों के हॉस्पिटल में दवाइयों और ऑक्सीजन का पर्याप्त स्टॉक रखने और सेंसेटिव एरिया में टेस्टिंग और ट्रेसिंग बढ़ाने के लिए निर्देश दिए है।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संग हुई कोविड मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में मौजूद विशेषज्ञों ने सलाह दी थी कि राजस्थान में जिस तेजी से केस आने लगे हैं। यह थर्ड वेव की कॉल बेल बजने के समान है। ऐसे में अगर अभी से सतर्क नहीं हुए तो आने वाले समय में केसों में तेजी से इजाफा देखने को मिल सकता है। इसे चेतावनी को देखते हुए मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट ने यह आदेश जारी कर कलेक्टर्स को अलर्ट जारी किया है।
जिन जिलों में ब्लॉक लेवल या एरिया वाइज ज्यादा कोरोना के केस आ रहे है वहां सैम्पलिंग बढ़ाकर कोरोना के नए रोगियों की पहचान कर उनको आइसोलेट किया जाए। जिन लोगों के कोरोना के पहली डोज लग गई और दूसरी नहीं लगी है उनको दूसरी डोज लगाई जाए। वहीं जो लोग पहली डोज भी लगाने नहीं आए उनको वैक्सीनेशन के लिए जागरूक किया जाए। वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने और कोविड नियमों की पालना लोग कर सके इसके लिए लोगों में जागरूक पैदा करने के लिए स्वयं सेवी संगठनों, धर्म गुरुओं, व्यापारिक संगठनों की मदद ली जाए। उनके संग बैठक कर उनकी इस अभियान में भागीदार सुनिश्चित करवाई जाए। 15 से 18 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू करने और 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों, हेल्थ वर्कर्स को तीसरी डोज लगाने की केन्द्र सरकार ने घोषणा की है। इसको लेकर तैयारियां करने के निर्देश दिए है।
थर्ड वैव की तैयारियों के लिए जिले में लगाए गए नए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की स्थिति जांच ले और मॉकड्रिल करके उनकी टेस्टिंग करने के निर्देश दिए है, ताकि इनमें अगर कोई खामी रह गई हो तो उसे अभी दूर कर सके। इससे जरूरत के समय पूरे संसाधन अच्छे से काम में लिए जा सके। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत कोरोना के उपचार को भी शामिल किया है। इस लिए सभी प्राइवेट हॉस्पिटल को सूचित किया जाए और उनसे कोविड के इलाज के लिए आवश्यक दवाइयों और बैड की व्यवस्था रखने के निर्देश दिए है।