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वैक्सीन लगवाने वाले 15 लोगों को कोरोना हो गया। वैक्सीनेशन के बावजूद कोरोना पॉजिटिव होने से लोगों में डर का माहौल है। एक्सपर्ट का कहना है कि वैक्सीनेशन के बावजूद लोगों को सावधानी बरती होगी। विशेषज्ञ बताते है कि टीके बाद भी लोगों को सोशल डिटस्टेंस, माास्क लगाना जरूरी है तभी इस वायरस से बचाव हो सकता है।

अमेरिका के ओक्लाहोमा में एक शादी में 15 वैक्सीनेटेड लोगों को कोरोना हो गया। पिछले दिनों टेक्सास के 6 डेमोक्रेटिक सदस्य, व्हाइट हाउस की एक सहायक और स्पीकर नैन्सी पेलोसी के सहायक को भी वैक्सीन लगने के बावजूद कोरोना हो गया। पिछले कुछ सप्ताह से अमेरिका में कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बावजूद पॉजिटिव केस लगातार सामने आ रहे हैं। एक्सपर्ट्स इसकी 3 प्रमुख वजह बता रहे हैं। पहली- अमेरिका में तेजी से फैलता घातक डेल्टा वैरिएंट। दूसरी- धीमी गति से वैक्सीनेशन और तीसरा- तकरीबन सभी पाबंदियों का खत्म हो जाना। इधर, भारत में इन तीनों मामलों में हालात अमेरिका से खराब है।

अमेरिका में इन दिनों जितने भी लोग कोरोना पॉजिटिव आ रहे हैं, उनमें से 83% को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। इसका एक दूसरा पहलू ये भी है कि अस्पतालों में भर्ती हो रहे करीब 4% लोग ऐसे हैं जिनका वैक्सीनेशन हो चुका है। अपने देश की ICMR यानी इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च की तरह अमेरिका में काम करने वाली CDC यानी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल अप्रैल से वैक्सीनेशन के बावजूद गंभीर कोरोना और मौत के कुल 5500 से ज्यादा मामले रिकॉर्ड कर चुकी है।

अमेरिका में एक्सपर्ट वैक्सीनेशन के बाद भी कोरोना होने की जिन तीन वजहों को गिना रहे हैं, उन मामलों में भारत की स्थिति और भी ज्यादा खराब है।

  1. डेल्टा वैरिएंटः भारत में इन दिनों रोज कोरोना के करीब 40 हजार नए मामले मिल रहे हैं। ICMR की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इनमें करीब 87% डेल्टा वैरिएंट के ही मामले हैं।
  2. धीमा वैक्सीनेशन : अमेरिका में 23 जुलाई तक 49% आबादी को वैक्सीन की पूरी डोज दी जा चुकी है। वहीं भारत में केवल 6.4% लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दी गई थी।
  3. ढीली पाबंदियां : अमेरिका में CDC ने वैक्सीन की सभी डोज लेने वालों को मास्क न पहनने की छूट के साथ सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर भी नियम काफी ढीले कर दिए हैं। वहां लॉकडाउन भी नहीं है। वहीं, भारत में मास्क न पहनने की छूट तो नहीं दी गई है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार मास्क पहनने वालों की तादाद 74% कम हो चुकी है। तकरीबन सभी राज्यों में लॉकडाउन जैसी पाबंदियां खत्म कर दी गई हैं। हर जगह भारी भीड़ है।

मास्क की छूट खत्म हो, वैक्सीनेशन के बाद भी कोरोना फैला सकते हैं लोग: एक्सपर्ट

वैक्सीन लगवाने के बाद भी कोरोना होने का मतलब यह नहीं है कि वैक्सीन काम नहीं कर रही हैं, बल्कि यह है कि वैक्सीन की कामयाबी बीमारी से बचाव को लेकर उठाए गए कदमों पर निर्भर करती है। वैक्सीन लगवाने के बाद कोई भी पूरी तरह वायरस से सुरक्षित नहीं होता है। उल्टा वैक्सीनेशन के बाद बिना लक्षणों वाला पॉजिटिव शख्स दूसरों को कोरोना फैला सकता है। यानी वो कोरोना का कैरियर भी बन सकता है। अमेरिका में कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की सलाह के उलट वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी घरों के भीतर और भीड़भाड़ वाली जगहों जैसे मॉल या कन्सर्ट हॉल में मास्क पहनना चाहिए। इसके बावजूद CDC ने स्थानीय प्रशासन को कोरोना फैलने के हिसाब से मास्क को लेकर नीति में बदलाव की छूट दे रखी है। इसी आधार पर कैलिफोर्निया और लॉस एंजिल्स काउंटी में स्वास्थ्य अधिकारी इंडोर मास्किंग की ओर लौटना चाहते हैं। शायद इसी वजह से भारत में इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) की सलाह पर देश भर में वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने वालों को भी मास्क पहनना जरूरी है।
कोरोना के डेल्टा वैरिएंट को लेकर बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। इसे लेकर एक्सपर्ट्स में अनिश्चितता है। हालांकि यह भी कोरोना के दूसरे वैरिएंट्स की तरह आमतौर पर बंद जगहों पर सांस के साथ फेफड़ों के भीतर पहुंचता है। मगर डेल्टा वैरिएंट कोरोना के मूल वायरस से दोगुनी तेजी से फैलता है। डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित शख्स में कोरोना के मूल वैरिएंट के मुकाबले 1000 गुना ज्यादा वायरस होते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि ऐसा शख्स गंभीर रूप से बीमार होगा, बल्कि इसके मायने यह हैं कि डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित शख्स लंबे समय तक ज्यादा लोगों को बीमार कर सकता है।