01 46 https://jaivardhannews.com/due-to-the-arrival-of-external-contractor-in-rajsamand-the-bridge-worth-crores-of-local-contractors-collapsed-and-open-commission-polls/

लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

नगरपरिषद राजसमंद में प्रत्येक वार्ड के समग्र विकास के लिए 15-15 लाख रुपए के विकास कार्यों के टेंडर में उदयपुर एक ठेकेदार द्वारा कॉपी डालने से स्थानीय ठेकेदारों का पुल ध्वस्त हो गया। लगातार दूसरे दिन बाहरी ठेकेदारों से स्थानीय ठेकेदारों की सांठगांठ का पुल सफल नहीं होने पर बवाल मच गया। बाहरी ठेकेदार पर टेंडर नहीं डालने का अनैतिक दबाव स्थानीय ठेकेदारों द्वारा बनाने का आरोप लगाया। स्थानीय ठेकेदारों ने कतिपय एक ठेकेदार को घेरा और तूं- तूं मैं- मैं के साथ तीखी तकरार भी हो गई, जिससे कमीशन की पोलपट्टी खुलकर सामने आ गई।
जानकारी के अनुसार नगरपरिषद द्वारा 9 दिसंबर को टेंडर डालने की अंतिम तिथि होने पर स्थानीय ठेकेदारों ने सभी मिलकर सभी निर्माण कार्य लेेने के लिए पुल बिठा दिया। तभी उदयपुर से आए एक ठेकेदार ने नगरपरिषद पहुंच कर टेंडर डाल दिया। इससे स्थानीय ठेकेदार द्वारा ऊंची दर पर टेंडर उठाने के लिए एकजुट होकर बनाया पुल टूट गया। इस पर स्थानीय ठेकेदारों ने बाहरी ठेकेदार का विरोध भी किया, मगर वह चलता बना। उसके बाद शुक्रवार को फिर प्रत्येक वार्ड के लिए 15- 15 लाख के टेंडर होने पर फिर स्थानीय ठेकेदारों ने पुल बनाया और फिर मिल बांटकर स्थानीय स्तर पर ऊंची दर पर टेंडर भरने कर रणनीति बनाई। लेकिन एनवक्त उदयपुर से फिर वही ठेकेदार पहुंच गया और नगरपरिषद की निर्माण शाखा में टेंडर की कॉपी डाल दी। इस पर स्थानीय ठेकेदारों ने कतिपय ठेकेदार द्वारा कॉपी डालने पर अनैतिक दबाव बनाया। इसको लेकर दोनों पक्षों के ठेकेदारों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई, जिसमें कथित तौर पर बाहरी ठेकेदार पर टेंडर की कॉपी वापस उठाने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। इस बीच इस बीच मीडियाकर्मी पहुंच गए और कैमरे का फ्लश चमकने के साथ ही ठेकेदार इधर उधर हो गए। फिर एकांत में मीटिंग के बाहर सभी ठेकेदार वापस नगरपरिषद पहुंचे, जहां कथित तौर पर टेंडर की कॉपी वापस निकालने की मंशा लेकर आए, लेकिन मीडिया के होने से कुछ नहीं हो पाया। इसके साथ ही नगरपरिषद में ठेकेदारों की आपसी सांठगांठ और कमीशन के खेल की पोल खुलकर सामने आ गई। साथ ही कहीं न कहीं नगरपरिषद के अधिकारी एवं कार्मिकों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

स्थानीय ठेकेदार बोले- कम दर पर टेंडर न लें
नगरपरिषद में ठेकेदारों की आपसी खींचातानी के दौरान स्थानीय ठेकेदार बोल रहे थे कि कम दर में टेंडर क्यों भरे जा रहे हैं, जब मिलकर ऊंची दर पर टेंडर ले सकते हैं। स्थानीय ठेकेदार अपनी तय दरें ही भरकर टेंडर डालने का दबाव बना रहे थे। साथ ही यहां तक दबाव बनाया कि अगर यह टेंडर ले लिया, तो फिर यहां काम करके दिखाना… यहां तक चेता दिया। इस तरह ठेकेदारों की आपसी मिलीभगत की पोल खुल गई और कहीं न कहीं विभागीय अधिकारी, कार्मिकों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

दफ्तर में नहीं थे सभापति- आयुक्त
नगरपरिषद में टेंडर को लेकर कथित तौर पर हुई धांधली के दौरान सभापति अशोक टांक और आयुक्त जनार्दन शर्मा दफ्तर में नहीं थे। गुरुवार को भी बहस के बाद तकरार हुई और शुक्रवार को विवाद ज्यादा बढ़ गया। फिर भी सभापति व आयुक्त नहीं थे।

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  • Laxman Singh Rathor in jaivardhan News

    लक्ष्मणसिंह राठौड़ अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया जगत में 2 दशक से ज़्यादा का अनुभव है। 2005 में Dainik Bhaskar से अपना कॅरियर शुरू किया। फिर Rajasthan Patrika, Patrika TV, Zee News में कौशल निखारा। वर्तमान में ETV Bharat के District Reporter है। साथ ही Jaivardhan News वेब पोर्टल में Chief Editor और Jaivardhan Multimedia CMD है। jaivardhanpatrika@gmail.com

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By Laxman Singh Rathor

लक्ष्मणसिंह राठौड़ अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया जगत में 2 दशक से ज़्यादा का अनुभव है। 2005 में Dainik Bhaskar से अपना कॅरियर शुरू किया। फिर Rajasthan Patrika, Patrika TV, Zee News में कौशल निखारा। वर्तमान में ETV Bharat के District Reporter है। साथ ही Jaivardhan News वेब पोर्टल में Chief Editor और Jaivardhan Multimedia CMD है। jaivardhanpatrika@gmail.com