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राजसमंद की जनता के कुछ तीखे व रोचक सवालों पर जयवर्द्धन के जरिये भाजपा प्रत्याशी दीप्ति किरण माहेश्वरी ने दिए खुलकर जवाब। इसी पर हमारे उप सम्पादक विजय शर्मा का Exclusive Interview
सवाल : राजनीति में आने का आपका मानस बचपन से था या अभी किरणजी के निधन के बाद निर्णय लिया?
जवाब : नहीं, मेरा राजनीति में आने का कोई मानस नहीं था। किरण जी के निधन के बाद राजसमंद में स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा निकाली गई अस्थि कलश यात्रा के दौरान आमजन के द्वारा किरणजी के प्रति अपार संवेदनाओं के साथ बार बार हमें आग्रह किया गया। साथ ही दो- तीन बार सैकड़ों कार्यकर्ता हमारे घर आए और कहा कि जिस तरह किरणजी हमारे साथ खड़े रहे थे, उसी प्रकार आपका भी जुड़ाव बना रहे। इसीलिए आप भी टिकट के लिए दावेदारी करो और राजसमंद सीट से चुनाव लड़ो। प्रभु द्वारकाधीश की कृपा और राजसमंद की जनता के अपार जनसमर्थन का ही परिणाम है कि मैं आज राजसमंद में आप सब के साथ खड़ी हूं।
सवाल : किरणजी की बड़ी उपलब्धियां आप किसे मानते हैं?
जवाब : उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि उनका कार्यकाल दो दशक का रहा। उन्होंने निरन्तर जनसेवा का कार्य किया है और हम शहर से लेकर गांव- ढाणी तक जहां भी जाते हैं, तो वहां के लोग कहते हैं कि किरणजी ने तो हमारा फोन एक बार में उठा लिया और अस्पताल में हमारी मदद की, तो कोई कहते कि हमारा बिल कम करवाया। इस तरह वे प्रत्येक परिवार की मुसीबत में सदैव खड़ी रहती थी और घर घर से उनका जुड़ाव है, यहीं उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है। किरणजी हमारे लिए एक बड़ा परिवार छोडक़र गए हैं, जो सदैव हमारे सुख-दु:ख में खड़े हैं और हम भी उनके हर सुख- दु:ख मेंं खड़े हैं।
सवाल : आप राजनीति में अपना आदर्श किसे मानती हैं?
जवाब : मेरी आदर्श मेरी मां किरणजी ही रही है। राजनीति हो या चाहे मेरी पर्सनल लाइफ हो। बचपन से ही वे मेरी आदर्श है। वो हर किरदार में सफल रही, चाहे वह एक माता के रूप में, चाहे एक बहू के रूप, चाहे एक पत्नी के रूप और चाहे एक राजनीतिज्ञ के रूप में हो। एक राजनीतिज्ञ के रूप में रूप में उन्होंने राजनीति में काफी कार्य किया है। हमारे परिवार में उनके जाने से एक वेक्यूम क्रिएट हुआ है।
सवाल : किरण जी माहेश्वरी के राजनीतिक जीवन और उनकी कार्यशैली से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?
जवाब : वे कोई भी काम कल के लिए नहीं छोड़ती थीं। अगर किसी ने काम दिया या बताया है, तो वह आज ही होना चाहिए और अभी होना चाहिए। कितनी बार हम लोगों की ऐसी बात हो जाती थी कि मम्मी ये काम तो कल कर लेंगे, लेकिन वे बोलते नहीं, आज का काम आज ही होना चाहिए। वे अपने कार्य के प्रति दृढ़ निश्चयी थी। यहीं, नहीं किसी के द्वारा कोई कार्य बताया जाता, तो वापस उस कार्य का फीडबैक लेना भी कभी नहीं भूलते और पूछते थे कि वह काम हुआ या नहीं हुआ। यहां तक कि हम कभी घर का भी कोई काम उन्हें बताते, तो वे राजनीतिक व्यस्तता के बावजूद वे फोन कर बता देती थी कि वह काम मैंने कर दिया।
सवाल : कांग्रेस पर हमेशा यह इल्जाम लगता रहा है कि कांग्रेस वंशवाद को बढ़ावा देती है। दिवंगत किरणजी माहेश्वरी भी काफी बार इसके खिलाफ आवाज उठाती रही है। आपके राजनीति में उतरने के बाद ये चर्चाएं आम हो गई, इस पर आप क्या कहना चाहेंगी?
जवाब : किरणजी जब तक जीवित थें, तब तक उन्होंने कभी भी अपने पद का फायदा उठाकर परिवार के किसी भी सदस्य को राजनीति में नहीं लाए कि ये मेरी बेटी, ये मेरे पति, मेरा बेटा है, जिन्हें आप पार्टी में दायित्व दीजिए। जबकि वो उस पॉजीशन में थे, जो वे आसानी से कर सकते थे। वो सदैव वंशवाद के खिलाफ थी। वंशवाद तब होता है, जब नेता अपनी पॉजीशन का फायदा उठाकर अपने परिवार को बढ़ावा देते हैं। जिस प्रकार कांगे्रस में पूरी पार्टी ही एक ही परिवार के इर्द-गिर्द चलती है। यहां पर किरणजी के जाने के बाद जनता की भावना है कि हमारा परिवार उनके साथ जुड़ा रहे। जिस प्रकार किरणजी ने विकास के कार्य किए हैं, उसी प्रकार जनता को विश्वास है कि उनका कार्य आगे बढ़ता रहें। जनता के बार बार आग्रह के कारण आज मैं राजनीति में हूं।
सवाल : एक जनप्रतिनिधि बाहरी है या स्थानीय है। इस बात का क्षेत्र के विकास और राजनीति में कितना प्रभाव पड़ता है। आपकी नजर में इसके क्या मायने हैं?
जवाब : इंसान क्षेत्र के प्रति अपने व्यक्तिगत जुड़ाव से स्थानीय होता है। किरणजी हर घर घर से जुड़े हुए थे, क्षेत्र में ऐसा कोई गांव नहीं है, जिससे वे स्वयं नहीं जुड़े हुए थे। तो सबसे ज्यादा स्थानीय तो वो ही थे। राजनीति में ऐसे कितने ही जनें यहां रहते हुए भी, लोगों को नहीं पहचानते और यहां तक पड़ोसी को भी नहीं जानते हैं। मैं कहना चाहती हूं कि स्थानीय इंसान अपने कार्य क्षेत्र से होता है। प्रमुख बात यह है कि किस प्रकार वे लोगों के सुख- दु:ख में खड़ा रहता है। ऐसे कितने ही परिवार है कि जो कहते हैं कि हमने किरणजी को कॉल कर दिया, तो अब हम निश्चिंत हो सकते हैं। जब हर परिवार से आपका जुड़ाव हो जाता है, तब स्थानीय का तो प्रश्न ही नहीं रहता है और हम तो वसुधैव कुटुम्बकम को आदर्श मानने वाली विचाराधारा से आते हैं।
सवाल : गहलोत सरकार द्वारा वर्तमान में राजसमंद के विकास को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की गई है। आपको क्या लगता है, इन घोषणाओं का फायदा राजसमंद की जनता को मिलेगा?
जवाब : सबसे पहले तो मैं कहना चाहूंगी कि आज कांगे्रस सरकार को ढाई साल हो गए हैं राजस्थान में। जब कोई सरकार बनती है, तो कि उनका पहला कर्तव्य यह होता है कि वे विकास करें और लोगों के कार्य करें तथा गांव- ढाणी में बिजली, पानी जैसी मूलभुत सुविधाएं उपलब्ध करवाए। आप अगर सरकार में हैं, तो आपको करवाने ही चाहिए, लेकिन कांगे्रस ने ढाई साल में कोई कार्य नहीं किया। कृषि ऋण 10 दिन में माफ करने का वादा कर सत्ता में आए, मगर आज तक कुछ नहीं हुआ। अन्नपूर्णा योजना जो वसुंधराजी के कार्यकाल में चल रही थी, उसका नाम बदलकर इन्दिरा रसोई कर दिया और कोरोनाकाल में उसकी सख्त जरूरत थी, तब एक साल तक उस रसोई को बंद ही कर दी गई। ऐसे कई कार्य हैं, जो गहलोत सरकार ने बंद कर दिए। अब चूंकि राजसमंद विधानसभा उप चुनाव है, तो अचानक कांगे्रस को याद आया कि वहां बड़ी बड़ी घोषणाएं करनी चाहिए। और घोषणा भी किस पैसे की, डीएमएफटी। जो यहां की जनता का हक है। डीएमफटी के 500 करोड़ तो वे राज्य सरकार के पास ले जा चुके हैं, जो राजसमंद का पैसा है और उसे भी इधर उधर कर दिया। डीएमएफटी के उसी बजट से अब ये घोषणाएं कर रहे हैं, तो मैं पूछना चाहती हूं कि ढाई साल तक क्या किया। राजसमंद की जनता के लिए अब तक क्या किया। यहां की कोरोना जांच लेब भी नाथद्वारा ले गए, जो पूरे राजस्थान में हर जिला मुख्यालय पर है। राजसमंद के जिला चिकिसालय के डॉक्टर हटाकर नाथद्वारा ले जाने वाले इन चुनावों में फिर डॉक्टर लाकर क्या संदेश दे रहे हैं? चुनावों में सक्रिय होकर घोषणाएं करना कांगे्रस की आदत है और भाजपा की आदत है कि सदैव क्षेत्र का विकास करें। तो इन घोषणाओं का कोई मतलब नहीं है।
सवाल : जैसा कि अभी आपने बताया कि डीएमएफटी का फंड राज्य सरकार ने खींच लिया। यह चिंता किरणजी ने भी जताई थी कि कांगे्रस सरकार आने के बाद काफी कार्य इस कारण रूक गए। सरकार ने भाजपा विधायक के क्षेत्र में विकास को लेकर भेदभाव रखा। अब अगर आप भी विधायक बनती है, तो ऐसी स्थितियों से कैसे उबर पाएंगी?
जवाब : अभी सांसद दीयाजी भी भाजपा से है। जिला प्रमुख के साथ कई प्रधान भी भाजपा से है, तो हम समन्वय बिठाकर निश्चित रूप से सभी विकास कार्य करवाएंगे। जनहित के कार्य हर परिस्थिति में पूरे करवाने के प्रयास करेंगे। भाजपा की जीत निश्चित है और भाजपा के सभी जनप्रतिनिधि एकजुट होकर विकास कार्य करवाएंगे। क्षेत्र में भाजपा का नेतृत्व बहुत मजबूत है। केन्द्र में भी हमारी सरकार है और फिर गहलोत सरकार कब तक चल पाएगी, इसमें भी बहुत संशय है।
सवाल : अगर किसी कारण से जनता का पूर्ण आशिर्वाद आपको नहीं मिल पाता है, क्या तब भी आप राजसमंद में जनसेवा या राजनीति में सदैव सक्रिय रहेंगी?
जवाब : जैसा कि मैंने आपको कहा कि किरणजी के लिए राजसमंद एक राजनीतिक कार्यक्षेत्र नहीं था, बल्कि उनका एक बड़ा परिवार था। जो वो हमारे लिए छोडक़र गई। उस परिवार के साथ रहना और उस परिवार के हर सुख- दु:ख में खड़े रहना मैं जीवनभर अवश्य निभाऊंगी।
सवाल : राजसमंद में विकास की क्या क्या आपको संभावनाएं दिखाई देती है। अगर आप जीत जाते हैं, तो राजसमंद विधानसभा क्षेत्र में क्या- क्या करना चाहेंगी?
जवाब : जहां तक राजसमंद के विकास के विजऩ की बात है तो मैं आपको स्पष्ट करना चाहूंगी कि किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए किसी एक व्यक्ति की अपनी सोच को लागु करने की बजाय क्षेत्र की जनता, स्वयंसेवी संगठनों से विचार विमर्श कर प्राथमिकताएं तय करनी चाहिए। मेरा स्पष्ट मत है कि मैं क्या सोचती हूं इससे कई गुना अधिक महत्त्व इस बात का है कि जनता क्या चाहती है? यहां के समाज, संगठन, व्यवसायी, किसान, मजदूर, हमारे कार्यकर्ता क्या चाहते है? राजसमन्द का विकास केवल दीप्ति माहेश्वरी की सोच और दृष्टिकोण से ही नहीं होगा। हम किरणजी के आदर्शो पर चलते हुए निरंतर संवाद बनाए रखकर आमजन के बीच जाएंगे। उनसे सलाह मशविरा करेंगे। क्षेत्र के विकास की कार्ययोजना बनाएंगे और आमजन की आवाज को सरकार तक पहुंचाकर क्षेत्र के विकास हेतु हर संभव प्रयास करने का दायित्व मेरा है।
राजसमंद की प्राथमिकताओं की जहां तक बात है, तो मैं कोई सपने दिखाकर वोट नहीं मांगना चाहती हूं। किरणजी के जाते ही मेरे लिए यह निर्णय बहुत कठिन था, लेकिन यह विधाता की मर्जी, मां का आशीर्वाद और जनता का प्यार ही है कि मैं अब चुनाव लड़ रही हूं। मेरा सदैव प्रयास रहेगा कि जिस विकास पर राजसमन्द का हक़ है, वो उसे मिलकर रहे। उसके लिए जिससे लडऩा होगा लडूंगी। फिर भी यदि आप मुद्दे ही जानना चाहते हैं तो मैं बताना चाहूंगी कि राजसमन्द झील के सदैव लबालब रहने, झील सौन्दर्यीकरण के सभी कार्य जो वर्तमान सरकार द्वारा रोक दिए गए हैं, उन्हें पुन: चालू करवाना प्राथमिकता रहेगी। प्राकृतिक व ऐतिहासिक संसाधनों को नुकसान पहुंचाए बगैर एलिवेटेड या रिंग रोड, क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाना, टोल के लिए पूर्व में की गई पास व्यवस्था के लिए हरसंभव संघर्ष करना, गांवों में पेयजल, सडक़, रीको का नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित करना, भीलवाडा से गैस पाइप लाइन से राजसमंद को जोडऩा व अन्य मूलभुत आवश्यकताओं को प्राथमिकता से पूर्ण किया जाएगा। राजसमंद में ब्रॉडगेज, जो मेरी मम्मी का अधूरा सपना है, जिसे हमें पूरा करना है। युवाओं के लिए खेल मैदान, स्टेडियम, लाइब्रेरी आदि ऐसे कई मुद्दे है, जिन्हें जनसंपर्क के दौरान जाना है और अब उन पर कार्य करुंगी। हमारे पास कार्यकर्ताओं की सक्षम टीम है, जो क्षेत्र की आवश्यकताओं को समझकर आमजन की आवाज बनेंगे। बताने और गिनाने को बहुत मुद्दे है, लेकिन मैं सिर्फ मुद्दे गिनाने की बजाय कार्य करके बताना चाहती हूं, जिसका हिसाब स्वयं जनता आपको देगी। आज राजनैतिक क्षेत्र में बहुत कम सक्रिय रहने के बावजूद जनता से मिल रहा अपार स्नेह और अपनत्व इस बात की गवाही है कि किरणजी ने क्षेत्र के विकास की जो इबारत लिखी है, जनता ने उसे दिल से स्वीकार किया है और उनके प्रति इस चुनाव में कृतज्ञता दिखाना चाहती है।
सवाल : जैसा कि किरणजी केबिनेट मंत्री बनने के बावजूद हर गांव- ढाणी के कार्यकर्ता से जुड़ी रहती थी। हर कार्यक्रम में शरीक होती थी, क्या आप भी इतना समय आमजन को दे पाएंगी?
जवाब : क्या मैं रख पाऊंगी या नहीं रख पाऊंगी, तो यह तो भविष्य का प्रश्न है। यह तो जनता आपको बताएंगी कि मैं क्या कर पाई और क्या नहीं, परन्तु मैं आपको आश्वस्त करती हूं कि मेरा राजसमंद की जनता से हमेशा जुड़ाव रहेगा। मैं अपने कार्यक्षेत्र और अपने कार्य के प्रति दृढ़ निश्चयी हूं। मैंने मेरी मां किरणजी से गीता का कर्मयोग सीखा है और मैं मां की तरह ही दृढ़ संकल्पित हूं और उन्हीं की तरह जनता से जुड़ी रहूंगी।
सवाल : नगरपरिषद राजसमंद चुनाव में कांग्रेस ने बड़े अंतर के साथ जीत दर्ज की, भाजपा में गुटबाजी के आरोप लगे। इस विधानसभा चुनाव में किस प्रकार भाजपा एक हो पाएगी?
जवाब : मैं बताना चाहूंगी कि राजसमंद में कांगे्रस की कोई बड़ी जीत नहीं है, सिर्फ 2 हजार का अंतर रहा है। वह अंतर भी सिर्फ इसलिए आया, क्योंकि किरणजी के जाने के बाद राजसमंद की भाजपा के नेतृत्व में एक वेक्यूम आया। भाजपा एक ऐसा संगठन है, जिसमें हर कार्यकर्ता अपने संगठन के लिए नि:स्वार्थ भाव से कार्य करता हूं और उनका एक ही उद्देश्य रहता है कि भाजपा को जीताना है। भाजपा विश्व का सबसे बड़ा संगठन है। जब बड़ा संगठन हो जाता है, तो कई योग्य लोग उसमें जुड़ जाते हैं। पार्टी का हर कार्यकर्ता योग्य है और संगठित है। निश्चित रूप से भाजपा इस चुनाव में ऐतिहासिक अंतर से विजयी होगी।
सवाल : आप युवा है और महिला है, तो युवाओं व महिलाओं की आपसे अपेक्षाएं काफी बढ़ जाती है। आप इनके लिए क्या करना चाहेंगी?
जवाब : मैं राजसमंद जो अधूरे कार्य रह गए हैं, उसे पूरा करुंगी। खासकर महिलाओं को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस योजनाएं लेकर आएंगे। युवाओं के रोजगार के लिए राजसमंद में मिनरल इंडस्ट्रीज की अपार संभावना है, जिसे बढ़ावा देंगे। प्रयास करेंगे कि भीलवाड़ा तक पहुंची गैस पाइप लाइन से जोडक़र नई इंडस्ट्रीज लगें, ताकि क्षेत्रीय युवाओं को यहीं रोजगार मिल सकें।
सवाल : आप अपनी जीत को लेकर कितनी आश्वस्त है?
जवाब : जीत को लेकर मैं पूर्णतया आश्वस्त हूं। क्योंकि जनता ने ढाई सालों में कांगे्रस के झूठे वादों को देख लिया है और इन वर्षों में उन्होंने कोई वादा पूरा नहीं किया है। यह चुनाव लोकप्रिय जननेत्री किरणजी को श्रद्धांजलि के चुनाव है, इसलिए राजसमंद में तो जीत निश्चित है। इसमें किसी प्रकार का संशय नहीं है और जनसंपर्क में उमड़ रही अपार भीड़ इस विश्वास पर मुहर लगा रही है।
सवाल : हमारे जयवर्द्धन न्यूज के माध्यम से आम जन को क्या संदेश देना चाहेंगे?
जवाब : मैं आमजन को यही कहना चाहती हूं कि केवल भाजपा ही क्षेत्र का विकास कर सकती है। कांगे्रस केवल भ्रष्टाचार का विकास करती है। जिस तरह किरणजी आपके हर सुख-दु:ख में खड़ी रहती थीं, मैं यह विश्वास दिलाती हूं कि सदैव उनकी ही तरह आपके हर सुख- दु:ख में खड़ी रहूंगी और जो उनके जो विकास कार्य अधूरे रह गए हैं, उन्हें अवश्य पूरे करुंगी।