भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की साइट हैक कर फर्जी वोटर कार्ड प्रिंट करने के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। मामले की जांच के लिए यूपी पुलिस बारां पहुंची। यूपी पुलिस ने बारां के छबड़ा कस्बे में पहुंचकर नामजद आरोपी दीपक मेहता से पूछताछ की। पुलिस की टीम दीपक के ई-मित्र कार्यालय पर भी गई। शुरुआती छानबीन में सामने आया कि फर्जी गोरखधंधे में दीपक व उसके बड़े भाई संजीव के अकाउंट का इस्तेमाल होता था। दोनों भाइयों के 5 अकाउंट में पैसा आता था। इन अकाउंट को दीपक ऑपरेट करता था, फिर इन पैसों में से दीपक, 50 प्रतिशत हिस्सा मुख्य आरोपी विपुल सैनी को ट्रांसफर करता था। यूपी पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी दीपक यूट्यूब पर अपना खुद का चैनल चलाता है। उसके अच्छे खासे फॉलोअर हैं।
छबड़ा डीएसपी ओमेंद्र शेखावत ने बताया कि आरोपी दीपक मेहता के कुंभराज SBI (एमपी) के अकाउंट में साढ़े 3 लाख, छबड़ा AU बैंक अकाउंट में 5 लाख व ICICI बैंक में 50 हजार रुपए की जानकारी मिली है। उसके बड़े भाई संजीव के छबड़ा AU बैंक अकाउंट में 5 लाख व SBI बैंक अकाउंट में 4 हजार रुपए मिले हैं। दोनों के 5 खातों में करीब 14 लाख की राशि मिली है। खातों को फ्रीज किया है। साल भर के ट्रांजेक्शन की पड़ताल की जा रही है। दीपक इन्ही खातों के जरिए विपुल को ऑन लाइन पैसा ट्रांसफर करता था। शुरुआती जांच में 12 लाख रुपए विपुल के खाते में ट्रांसफर करने की जानकारी सामने आई है।
लेपटॉप, मोबाइल जब्त
पुलिस ने आरोपियों के पास से 2 लेपटॉप, 3 मोबाइल,डेमो कार्ड सहित अन्य उपकरण जब्त किए हैं। दीपक लगभग 80 हजार रुपए कीमत वाला आइफोन 12 इस्तेमाल करता था।
हर स्टेट का डाटा था
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि गिरोह के सदस्यों के पास 3-4 स्टेट को छोड़कर हर स्टेट का डाटा था। ये 20 आईडी के 200 रुपए लेते थे। यानी हर आईडी प्रिंट के 10 रुपए इनके खाते में आते थे। डाटा खरीददार कौन था, फिलहाल ये पता नही चला है। दीपक ने अभी तक एक भी कार्ड प्रिंट नहीं किए थे। डेढ़ साल पहले तक दीपक के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। पिता रामगोपाल मेहता के खाते में 2-3 बीघा जमीन थी। दीपक डेढ़ साल पहले विपुल के सम्पर्क में आया था। जिसके बाद दीपक ने एक साल में रूपारेल में पक्का मकान बनाया, कार और दो लेपटॉप खरीदे। वो 80 हजार रुपए का मोबाइल ऑपरेट करता था। हाल ही में जुलाई महीने में छबड़ा में ई मित्र शुरू किया था। सूत्रों की माने तो इनके अकाउंट से साल भर में 50-60 लाख का लेन देन हुआ है।
दीपक का बड़ा भाई संजीव (25) ITI होल्डर है। कुछ समय पहले उसकी शादी हुई है। पहले वो किसी प्लांट में काम करता था। लॉक डाउन के बाद से बेरोजगार था। संजीव, दीपक से ऑन लाइन काम सीख रहा था। पुलिस ने दोनों भाइयों को गिरफ्तार किया है। दीपक, टेक्नीकल मेहता के नाम से यूट्यूब पर चेनल चलाता था। इसके अच्छे फॉलोअर हैं। इसी बात से विपुल प्रभावित था। शुरुआत में विपुल ने तीन-चार वेबसाइट के विज्ञापन करवाए। बाद में उन साइटों को बंद कर दिया। फिर फर्जी वोटर आईडी कार्ड प्रिंट करने का गोरखधंधा शुरू किया। विपुल ने भारत निर्वाचन आयोग की साइट हैक करके तीन महीने पहले ही जस्ट प्रिंट नाम से एक फर्जी साइट बनाई थी। जिसमें अरमान मलिक, विकेश, हर्षा उर्फ हरिओम व दीपक को शामिल किया। ये फर्जी वेबसाइट दीपक के अकाउंट से लिंक थीं।