राजसमंद जिले के राजपुरा में निजी खातेदारी खेत की जमीन जबरन कब्जाने, कुएं व कमरे को तोड़ खुर्दबुर्द करने के आरोप को लेकर किसान परिवार ने रेलमगरा उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर जमीन दिलाने की मांग उठाई। पीड़ित परिवार ने एसडीएम से निष्पक्ष जांच कर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए जल्द कार्रवाई न होने पर आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। परिवार के खेत, कुएं व कमरे को खुर्दबुर्द करते जबरन उसकी जमीन पर माइंस का मलबा व केमिकल डाल दिया। साथ ही जमीन का कुछ हिस्सा भी जबरन हिन्दुस्तान जिंक के नाम अंकित हो गया, जबकि न तो जमीन बेची और न ही सरकार द्वारा जमीन का कोई अधिग्रहण किया है।
राजपुरा निवासी जीतमल गाडरी, भागचंद गाडरी, प्यारी गाडरी ने रेलमगरा उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर हिन्दुस्तान जिंक पर जबरन उसकी जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया। ज्ञापन में बताया कि राजपुरा में उसके स्वामित्व व आधिपत्य की कृषि भूमि आराजी नंबर 571 व 572 पर जबरन हिन्दुस्तान जिंक माइंस द्वारा कब्जा कर लिया। इसके लिए न तो सरकार द्वारा कोई अधिग्रहण किया गया और न ही जिंक प्रबंधन द्वारा उसकी जमीन खरीदी गई तथा न ही उक्त जमीन के पेटे उन्हें कोई मुआवजा राशि दी गई है। बताया कि पहले पूरी जमीन उनके पिता गणेश गाडरी के नाम थी, जिसमें से आधी जमीन अब हिन्दुस्तान जिंक के नाम दर्ज हो गई, जबकि न तो जमीन का विक्रय किया और न ही प्रशासन द्वारा जमीन का अधिग्रहण किया गया। ऐसे में उनके खातेदारी कृषि भूमि का नामान्तरण हिन्दुस्तान जिंक के नाम कैसे खुल गया। राजस्व रिकॉर्ड देखने पर यह अनियमितता सामने आने के बाद पीड़ित जब दरीबा स्थित हिन्दुस्तान जिंक माइंस में गए, तो वहां के अधिकारियों द्वारा न तो उनकी बात सुनी गई और न ही कोई संतोषप्रद जवाब दिया गया। पीड़ित का आरोप है कि बड़ी कंपनी है। बेवजह लड़ाई झगड़ा नहीं करें और कंपनी तो शेष रही जमीन भी अपने नाम करवा लेगी। साथ ही कंपनी द्वारा अनैतिक दबाव बनाते हुए पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने का भी आरोप लगाया। पीड़ित ने एसडीएम को ज्ञापन देकर बताया कि कंपनी के कार्मिक व अधिकारियों द्वारा उन्हें डराया व धमकाया जा रहा है। पीड़ित परिवार ज्ञापन में चेताया कि निष्पक्ष जांच, कार्रवाई न होकर न्याय नहीं मिलने पर परेशान होकर आत्मदाह करने को मजबूर होंगे।
राजस्व रिकॉर्ड में नाम से किसान को पता चली गफलत
पीड़ित परिवार ने एसडीएम को दिए ज्ञापन व राजस्व रिकॉर्ड की जमाबंदी के अनुसार कृषि भूमि खाता संख्या 56 पर कुल 6 खातेदार है। जीतमल गाडरी, धापुबाई, प्यारीबाई, भागचंद, रूकमणी और हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड राजपुरा दरीबा माइंस के अधिकृत प्रतिनिधि नरेंद्र राजपुरोहित का नाम अंकित है। पीड़ित ने राजस्व रिकॉर्ड में बिना विक्रय, अधिग्रहण के नामान्तरण खुलने पर भी सवाल उठाया और जांच कर न्याय की गुहार लगाई है।