कोरोना वायरस एक अजीत केस सामने आया है। एक महिला डॉक्टर ने दोनो डोज लगवा दी। फिर भी उसमें दो वैरियंट से संक्रमित हो गई। कोरोनो की दूसरी लहर अब कम हो चुकी है लेकिन देश में कोरोना के नए-नए वैरिएंट सामने आ रहे है। हालांकि इस महिला डॉक्टर पर मेडिकल टीम नजर रखे हुए है। दो वैरिएंट होने के बावजूद महिला डॉक्टर सुरक्षित है।
असम के डिब्रूगढ़ में एक महिला डॉक्टर कोरोना के दो वैरिएंट्स (अल्फा और डेल्टा) से संक्रमित पाई गई है। रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर डिब्रूगढ़ के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. बीजे बोरकाकोटी ने इसकी जानकारी दी है। डॉ. बोरकाकोटी ने बताया कि डबल इंफेक्शन किसी अन्य मोनो-संक्रमण के समान है। ऐसा नहीं है कि दोहरे संक्रमण से बीमारी गंभीर हो जाएगी। हम केस पर एक महीने से नजर बनाए हुए हैं। वह बिल्कुल ठीक हैं। चिंता जैसी कोई बात नहीं है।
डॉ. बोरकाकोटी ने कहा कि डबल इंफेक्शन तब होता है जब दो वैरिएंट एक व्यक्ति को एक साथ या बहुत कम समय में संक्रमित करते हैं। संक्रमण के बाद एंटीबॉडी बनने में 2-3 दिन का समय लगता है, लेकिन कभी-कभी इसके भीतर ही दोनों वैरिएंट एक्टिव हो जाते हैं। इससे पहले ऐसे मामले ब्रिटेन, ब्राजील और पुर्तगाल में सामने आ चुके हैं। हो सकता है यह भारत का पहला केस हो। महिला डॉक्टर के पति भी अल्फा वैरिएंट से संक्रमित थे। दिल्ली में CSIR-IGIB के निदेशक डॉ अनुराग अग्रवाल ने बताया कि लीनिएज A से संक्रमित होना और लीनिएज B से रिइंफेक्शन होना काफी कॉमन है लेकिन लीनिएज A+B से एक साथ संक्रमण के भी कुछ केस मिले हैं।
विधानसभा चुनाव के बाद डेल्टा वैरिएंट के केस मिले
असम में इस साल फरवरी-मार्च के आसपास असम में दूसरी लहर के शुरुआती चरण में कोरोना के ज्यादातर मामले अल्फा वैरिएंट के थे। फिर अप्रैल में विधानसभा चुनाव के बाद डेल्टा वैरिएंट के केस सामने आने लगे। उत्तर-पूर्वी राज्यों में इन दिनों कोरोना मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। दूसरी लहर की पीक के दौरान मई में असम में 6,500 से अधिक केस मिले थे। सोमवार को 1,797 नए मामले सामने आए।