मावली-मारवाड़ ट्रेन के इंजन में तकनिकी खराबी के चलती ट्रेन में अचानक आग लग गई। लोको पायलट से सुझबुझ दिखाते हुए ट्रेन को रोक लिया। इससे बड़ा हादसा होते होते टल गया। आग लगने से ट्रेन में बैठे यात्रियां में हड़कंप सा मच गया। रेल बीच रास्ते में ही 4 घंटे खड़ी रही। दूसरे इंजिन के आने के बाद दोपहर में करीब 3.40 बजे ट्रेन काे मारवाड़ के लिए रवाना किया गया।
मावली से मारवाड़ जाने वाली रेल सोमवार सुबह 11 बजे देवगढ़ स्टेशन पहुंची। देवगढ़ से दो किलोमीटर दूर आगे चलती हुई रेल के इंजिन के आगे के हिस्से में अचानक धुंआ निकलने लगा। देखते ही देखते आग की लपटें निकलने लग गई। धुंआ देखते ही लोको पायलट रामसिंह ने सूझबूझ दिखाते हुए ट्रेन को तुरंत ही रोक दिया। ट्रेन के खड़ी होते ही ट्रेन गार्ड गगन शर्मा, सह लोको पायलट, यात्री व आस-पास के लोग भी इंजिन के पास पहुंच गए। आग लगने से रेलयात्रियों और अन्य लोगों में हड़कंप मच गया। रेल स्टाफ ने तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी। देवगढ़ से दमकल पहुंची। करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग लगने से रेल का इंजन फेल हो गया।
जिससे ट्रेन वहीं रुकी रही। रेल स्टाफ ने इस पूरे मामले की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को दी। इस पर मावली से दूसरा इंजिन रवाना किया गया। कामलीघाट स्टेशन अधीक्षक रामसहाय मीणा ने बताया कि तकनीकी खराबी के चलते कामलीघाट चौराहे के समीप मावली-मारवाड़ रेल के इंजन में आग लग गई थी, जिससे इंजन फेल हो गया। इससे मावली मारवाड़ मार्ग की दोनो ट्रेन लेट हो गई। मीणा ने बताया कि मारवाड़ से मावली जाने वाली रेल के कामलीघाट पहुंचने के बाद उसके इंजिन से दोपहर करीब 3.20 बजे रास्ते में खड़ी रेल को करीब साढ़े 4 घंटे बाद कामलीघाट स्टेशन पर लाया गया और कामलीघाट से रेल को 3.
पहली बार मावली-मारवाड़ ट्रेन के इंजिन में आगजनी
मावली मारवाड़ ट्रैक आजादी से पहले का बना हुआ है। ऐसे में इस ट्रैक पर पूर्व में उदयपुर से जोधपुर सीधी मीटर गेज लाइन भाप के इंजिन की निकलती थी। उस दौरान भी कभी भी ट्रेन के इंजिन में आगजनी जैसी कोई घटना नहीं हुई। अभी वर्तमान में यह ट्रेन मावली से मारवाड़ तक संचालित होती है। इस दौरान इस पर डीजल इंजिन चलता है। सोमवार को अज्ञात कारणों से मावली मारवाड़ ट्रेन के इंजन में आगजनी की पहली घटना हुई है।