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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भगोड़े आर्थिक अपराधियों को चेतावनी दी। पीएम ने ‘बिल्ड सिनर्जी फॉर सीमलेस क्रेडिट फ्लो एंड इकोनॉमिक ग्रोथ’ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार ‘भगोड़े आर्थिक अपराधियों को भारत वापस लाने के लिए डिप्लोमेटिक समेत अन्य चैनलों का इस्तेमाल कर रही है। मैसेज बहुत ही स्पष्ट है, देश लौट आओ।’

मोदी ने कहा कि ‘सरकार ने डिफॉल्टर्स से लगभग 5 लाख करोड़ रुपए की रिकवरी की है।’ वहीं बैंकों के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा, ‘2014 के पहले की जितनी भी परेशानियां थीं, चुनौतियां थीं, हमने एक-एक करके उनके समाधान के रास्ते तलाश किए हैं। हमने NPA की समस्या का हल निकाला, बैंकों को पूंजी उपलब्‍ध कराई और उनकी ताकत को बढ़ाया।’ मोदी ने अपने संबोधन के दौरान किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे बड़े आर्थिक अपराधियों की ओर था।

विजय माल्या 2016 से देश से बाहर
शराब कारोबारी विजय माल्या को सबसे पहले 2019 में मुंबई में स्पेशल प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट ने भगोड़ा अपराधी घोषित किया था। भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत ऐसा किया गया था। विजय माल्या ने 17 बैंकों से करीब 9 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। 2 मार्च 2016 से विजय माल्या देश से फरार है।

नीरव मोदी 2018 से देश से फरार
2019 के अंत में, फरार हीरा व्यापारी नीरव मोदी को भी मुंबई की एक अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था। नीरव मोदी भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित होने वाला देश का दूसरा व्यक्ति था। नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 14 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है। 1 जनवरी 2018 से वह देश से फरार है।

भगोड़ा आर्थिक अपराधी एक ऐसा व्यक्ति है, जिसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया हो और उसने आपराधिक मुकदमे से बचने के लिए देश छोड़ दिया हो। एक बार जब व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया जाता है, तो एजेंसी को उसकी संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार मिल जाता है।