उदयपुर के कानोड़ निकटवर्ती बड़ा राजपुरा निवासी मदन मोहन पाटीदार उर्फ टोनी (30) पुत्र कैलाश चंद्र पाटीदार की मौत के रहस्य से आखिरकार घटना के 8 दिन बाद परत दर परत पुलिस ने खुलासा कर दिया। जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जिला पुलिस अधीक्षक भूवन भूषण यादव ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि मृतक मदन मोहन को भींडर चिकित्सालय पहुंचाने वाले तीनों आरोपी ही हत्या के मास्टरमाइंड निकले। किशन करेरी निवासी राजू गुर्जर पुत्र बालू लाल गुर्जर, उसके साथी निवासी आरथला थाना डूंगला निवासी पुष्पेंद्र सिंह उर्फ पप्पी पुत्र निर्भय सिंह सिसोदिया व देवीपुरा थाना डूंगला निवासी रतन सिंह पुत्र किशन सिंह देवड़ा ने मिलकर मृतक को हनी ट्रैप में फंसाने का प्लान बनाया और इस मामले में एक जीरापुर मध्य प्रदेश निवासी अंजू भिलाला नाम की युवती से सम्पर्क किया। युवती को सिम व मोबाइल उपलब्ध करवाते हुए मदन मोहन से बात करवाई। पुलिस ने घटनाक्रम में सात लोगों को नामजद किया है, जिसमें से तीनों युवकों कन्नौज पुलिस थाना भदेसर जिला चित्तौड़गढ़ निवासी अनीश पुत्र मोहम्मद हफीज मुसलमान व एक युवती को गिरफ्तार किया। अन्य की तलाश जारी है।
आरोपियों ने और भी वारदातें कबूली
पुलिस द्वारा सरगना राजू गुर्जर सहित उसके साथियों से पूछताछ की गई। जिसमें उसने डूंगला, भादसोड़ा, सांवलिया जी, आवरा के लोगों के साथ हनीट्रैप में फंसाकर पैसे ऐंठने की बात कबूली। पुलिस बताया कि मामले का मास्टरमाइंड राजू गुर्जर सरगना का प्रमुख था और इसके साथ पूरी गैंग यही काम करती थी ।
इस टीम ने किया मामले का खुलासा
जिला पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए टीम गठित की। जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डॉ. प्रियंका, वल्लभनगर डिप्टी रविंद्र प्रताप सिंह, सहायक पुलिस अधीक्षक वृत मावली आईपीएस मनीष कुमार, सीआई पुनाराम गुर्जर, कानोड़ थाना अधिकारी मनीष कुमार खोईवाल हैड कांस्टेबल अनिल कुमार, कांस्टेबल जालम सिंह, जसवंत, सचिन, हिंगलाज दान, रिंकूराम, महिला कांस्टेबल जयेंद्र कुंवर, पूजा, चालक मोहम्मद यूसुफ, साइबर सेल नेतराम गुर्जर, लोकेश रायकवाल का सहयोग रहा।