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फ्री फायर गेम खेलते-खेलते एक लड़के को एक लड़की से प्यार हो गया। लड़के ने अपनी मां के गहने और 28 हजार रुपए नकद लेकर लड़की के पास पहुंच गया। भाई को मैसेज के जरिए कहा मुझे ढूंढना मत मैं बहू लेकर आ रहा हूं।
यह मामला राजस्थान के जयपुर से 80 किलोमीटर दूर खाटूश्यामजी का है। यहां एक लड़के को फ्री फायर गेम खेलते-खेलते पटना की एक लड़की से प्यार हो गया। लड़क जयपुर से पटना पहुंच जाता है फिर वह अपनी प्रेमिका को लेकर वापस चल पड़ता है। इस बीच किशोरी के परिजनों को भनक लग जाती है। वे दोनों को दिल्ली में पकड़ लेते हैं। लड़के को समझाकर लड़की को अपने साथ लेकर पटना लौट जाते हैं और लड़की को रांची भेज दिया जाता है। दरअसल लड़की पटना में अपने मामा के यहां रह रही थी। लेकिन वह दीवाना फिर पीछे-पीछे रांची पहुंच जाता है, वहां लड़की से मुलाकात नहीं होने पर पटना आ जाता है। इस दौरान लड़के के परिजन मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसे तलाशते हैं तो किशोर अपने भाई को मैसेज करता है कि ढूंढ़ों मत, बहू लेकर आऊंगा। हालांकि पुलिस से साथ पटना पहुंचे परिजन उसे बस स्टैंड पर पकड़ लेते हैं। राजस्थान लाकर उसकी काउंसिलिंग कराई जाती है।

जयपुर से करीब 80 किलोमीटर दूर खाटूश्यामजी का हेमंत 11वीं कक्षा में पढ़ रहा है।ऑनलाइन क्लास के लिए पिता ने मोबाइल दिलाया था। पढ़ाई की बीच उसे फ्री फायर गेम की लत लग गई। गेम खेलते खेलते उसकी जान-पहचान पटना की सपना (बदला हुआ नाम) से हुई। दोनों एक ग्रुप में गेम खेलने लगे। पांच महीनों में पहले दोस्ती फिर दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया। सपना ने उसे पटना आकर शादी की बात कही तो वह राजस्थान से बिहार के लिए निकल पड़ा। हेमंत ने 22 जुलाई को मां की अलमारी से सोने की अंगूठी, नथ व टीका, डेढ़ किलो चांदी के पायजेब, तगड़ी और 28 हजार रुपए लिए। खाटू से बस पकड़ी और जयपुर सिंधी कैंप आ गया। जयपुर में पटना की बस नहीं मिलने वह ट्रेन से अगली सुबह तक दिल्ली पहुंच गया। यहां से आगे की ट्रेन पकड़कर वह 24 जुलाई की सुबह पटना में था। मोबाइल पर हेमंत की सपना से बात होती है और दोनों एक दूसरे के सामने होते हैं। कुछ देर मेल-मुलाकात के बाद अपनी प्रेमिका को लेकर हेमंत दिल्ली लौटता है। उधर, सपना के घर से गायब होने पर घरवालों ने उसकी खोजबीन शुरू की। लोकेशन निकाली और उसके मामा भी पीछे.पीछे दिल्ली आ पहुंचे। दिल्ली में दोनों को पकड़ लिया। सपना के मामा ने हेमंत को डांट डपटकर समझाया और अपने घर जाने को कहा। वह सपना को लेकर वापस पटना के लिए चल दिए।

हेमंत पर समझाने.बुझाने का कोई असर नहीं हुआ, वह ट्रेन में बैठकर पीछे.पीछे फिर पटना आया। पता चला कि सपना पटना से रांची चली गई तो हेमंत भी रांची पहुंच गया। स्टेशन पर उसकी तलाश करता रहा, सपना का कुछ पता नहीं चलने वह वापस पटना लौट आया। अब तक करीब छह दिन हो गए हेमंत को अपने घर से निकले हुए। उसके परिजनों ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस को उसके मोबाइल की लोकेशन पटना में मिली। पटना पहुंच कर पुलिस व परिजन उसकी तलाश करने लगे। तभी हेमंत ने अपने भाई को बस से उतरते देख लिया। इस पर उसने भाई को मैसेज किया, मैं बहू लेकर आ रहा हूं। तुम पटना से घर चले जाओ। मुझे तलाश मत करो। हेमंत ने मोबाइल भी बंद कर लिया। करीब डेढ़ घंटे के बाद दोबारा से फोन चालू किया तो पुलिस और परिजनों ने उसे पटना बस स्टैंड पर पकड़ लिया। सब उसे 30 जुलाई की शाम वापस लेकर राजस्थान पहुंचे। यहां चाइल्ड हेल्पलाइन के जरिए उसकी काउंसिलिंग कराई गई। हेमंत ने अपनी गलती कबूल की और मां के पास रहने की बात कही है। घर आने पर हेमंत ने बताया कि ट्रेनों व बसों में 10 हजार रुपए खर्च कर डाले। बाकी गहने व जेवरात उसके पास से मिल गए हैं। वह बसों और ट्रेनों में ही सोता था। ट्रेन लेट होने पर स्टेशन पर सो जाता था।