प्रशासन गांवों के संघ अभियान 2 अक्टुबर गांधी जयंती से इसकी शुरूआत हुई है। अब ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का समापन अब उनके गांव में ही हो सकेगा। ग्रामीणों को समस्याओं के लिए इधर उधर नहीं भटकना पड़े इसके लिए सरकार ने प्रशासन गांवों के संग अभियान की शुरूआत की।
दो अक्टूबर महात्मा गांधी जयंती पर प्रशासन शहरों के संग अभियान की शुरुआत हुई। अभियान के तहत शहर के सभी वार्डों के शिविर नगर परिषद कार्यालय में ही हाेंगे। इसके तहत पहले दिन शहर के सभी वार्डों के आवेदन लिए जाएंगे। इसके बाद नियमित रूप से वार्ड वाइज शिविर 4 अक्टूबर से होंगे। नगर परिषद सभापति अशोक टांक ने बताया कि शिविर के दौरान परिषद कार्यालय में शिविर स्थल पर सभी विभागों के अधिकारी-कार्मिक मौजूद रहेंंगे। अपने-अपने विभाग से संबंधित आवेदन और शिकायतें प्राप्त करते हुए यथा संभव माैके पर ही निस्तारण करेंगे। बताया कि शहर के वार्ड संख्या एक से 45 में शिविरों का आयोजन 4 अक्टूबर से 27 दिसंबर तक हाेगा। इसमें प्रत्येक वार्ड के लिए दो से चार दिन की अवधि के लिए शिविरों का आयोजन होगा।
आवेदन से पहले करवाएं दस्तावेजों की जांच : आयुक्त ने बताया शहरवासी अपना कोई भी आवेदन करने से पहले उसके जरूरी दस्तावेजों की जांच आवश्यक रूप से करवा लें। इससे वे आवेदन के निरस्त होने या बार-बार संबंधित दस्तावेज को लेकर होने वाली परेशानी से भी बचेंगे। बताया कि संबंधित दस्तावेजों की जांच शहरवासी परिषद कार्यालय में अभियान को लेकर स्थापित की हेल्प डेस्क पर करवा सकते हैं। जांच के बाद वे दस्तावेजों में पाई कमी पूरी करके ही आवेदन करें, ताकि आवेदनाें का समय पर निस्तारण हो। खासतौर पर 69 ए और खांचा भूमि के लिए आवेदन करने वाले आवेदक इस बात ध्यान रखें कि वे दस्तावेजों की पूर्व में जांच करवा लें। शिविरों में वन भूमि, चरागाह एवं नवीन कब्जों के नियमन नहीं होंगे। आयुक्त ने बताया कि शहरवासी सिर्फ ई-मित्र से ऑनलाइन ही नहीं, बल्कि ऑफलाइन परिषद के कार्यालय में शिविर स्थल पर पहुंचकर भी आवेदन कर सकेंगे। शिविर में वे ही काम हाेंगे जो परिषद की अभियान की सूची में हैं।