राजसमंद जिले के लिए एक अच्छी खबर यह है कि इस बार अक्टुबर माह में पहली बार बाघेरी नाका बांध छलकने वाला है। अभी यह आधा फीट ही खाली है। इस बार मानसून की बेरूखी से पहले लोगों को यही प्रतित हो रहा था कि इस बार बाघेरी नाका बांध खाली रहेगा तो जल संकटट उत्पन्न होगा। बांध के छलकने के बाद नहाने पर पाबंदी रहेगी।
राजसमंद में बाघेरी का नाका अधिकांश तौर पर बाघेरी जुलाई, अगस्त माह में छलक जाता है। 32.80 फीट भराव क्षमता वाले बाघेरी का जलस्तर रविवार शाम को 7 बजे तक 32.30 हो गया। कैचमेंट में बारिश होने से 24 घंटे में यहां एक फीट पानी की आवक हुई। बाघेरी से जिले के 292 और उदयपुर जिले के 20 गांवों में पेयजल आपूर्ति होती है। ऐसे में एक साल के लिए जिले में पेयजल संकट टल गया है।
बाघेरी नाका एईएन आलोक सक्सेना ने बताया कि बांध में पानी की आवक लगातार जारी है। बाघेरी नाका देर रात या सोमवार तक लबालब होकर छलकने की उम्मीद है। रविवार शाम तक बाघेरी नाका का जल स्तर 32.30 फीट हो गया है। बाघेरी नाका की 350 एमएसीएफटी भराव क्षमता है। कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने बाघेरी पर नहाने की अनुमति नहीं दी है। बाघेरी पर दो पुलिस जवान तैनात किए जाएंगे।
राजसमंद के 190 व उदयपुर जिले के 20 गांवों में बाघेरी से पेयजल आपूर्ति होती थी। लेकिन कुछ सालों में बाघेरी से और भी गांवों को जोड़कर 292 गांवों में पेयजल आपूर्ति होती है। इसमें उदयपुर जिले के 20 गांव यथावत हैं, जबकि राजसमंद जिले के 292 गांवों में पेयजल आपूर्ति होती है। पेयजल के साथ यह पिकनिक प्वाइंट के तौर पर भी विकसित हो गया।
इससे पहले कब छलका बाघेरी नाका
बाघेरी नाका 2006 में बनकर तैयार हुआ, उसी साल छलक गया था। इसके बाद 2007 में छलका था। लेकिन दो साल कमजोर मानसून के चलते 2008 व 2009 में ओवरफ्लो नहीं हुआ। जबकि 2011 से 2015 तक लगातार बाघेरी ओवरफ्लो हुआ। 27 जुलाई 2010, 17 अगस्त 2011, 29 अगस्त 2012, 18 अगस्त 2013, 27 अगस्त 2014 को, 27 जुलाई 2015, 18 जुलाई 2016, 22 जुलाई 2017, 29 जुलाई 2018, 16 अगस्त 2019 व 24 अगस्त 2020 को छलका था।