Honey Trap : राजसमंद शहर में एक ज्वैलरी व्यवसायी के हनी ट्रेप का शिकार बनने का खुलासा होने के बाद कांकरोली थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हनी ट्रेप गिरोह के सरगना सहित करीब आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। साथ ही एक एक के बाद एक कर 3 प्रकरण अकेले कांकरोली थाने में दर्ज हुए, जबकि राजनगर, कुंवारिया व नाथद्वारा थाने में एक एक प्रकरण दर्ज हुए हैं। हनी ट्रेप गिरोह की सरगना महिला है और गिरोह में कई महिलाएं व युववक शामिल हैं। गिरोह का टारगेट ज्वैलरी कारोबारी, मार्बल व्यवसायी, सेवानिवृत कार्मिक, अधिकारी है। इसी के चलते डाक विभाग के अधिकारी, रिटायर न्यायिक कार्मिक व व्यापारी चंगुल में फंसे है।
Rajsamand Police : कांकरोली थाना प्रभारी हनवंतसिंंह सोढा ने बताया कि हनी ट्रेप को लेकर एक कारोबारी ने रिपोर्ट दी। पुलिस ने त्वरित अनुसंधान करते हुए 31 दिसंबर को हनी ट्रेप की वारदात का खुलासा करते हुए देवगांव, राज्यावास निवासी संजू उर्फ सोनू वैष्णव, योगेश उर्फ राजेश गुर्जर, छापरी, गंगापुर जिला भीलवाड़ा निवासी कमलेश वैष्णव को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 5 हजार रुपए नकद, 4 लाख 95 हजार रुपए का चैक, कार जब्त किए थे। बताया कि गिरोह की मुख्य सरगना जलचक्की कांकरोली निवासी जन्नत बानु, उदयपुर निवासी सुनीता उर्फ शालिनी, नेगड़िया (भीलवाड़ा) निवासी अंबालाल ने मिलकर हनी ट्रेप की साजिश रची थी। उसके बाद एक और व्यापारी ने कांकरोली थाने पहुंचकर रिपोर्ट दी। डाक विभाग के कार्मिक खेमराज मेघवाल भी हनी ट्रेप का शिकार बना, जिसमें मुखर्जी चौराह, कांकरोली निवासी कोमल यादव, एक अन्य महिला तथा पूजा गर्जर के खिलाफ रिपोर्ट दी गई। मेघवाल का आरोप है कि पूजा गुर्जर ने 1 लाख 11 हजार रुपए हड़प लिए है। इस मामले में पुलिस एक आरोपी कोमल काे गिरफ्तार कर चुकी है और अनुसंधान जारी है। हनी ट्रेप का शिकार एक डाक विभाग के कार्मिक ने भी रिपोर्ट दी। इस तरह पुलिस ने एक के बाद एक कर तीन प्रकरण दर्ज कर लिए और अब तक चार महिला व चार युवकों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में अभी पुलिस की जांच जारी है, जिसमें कई कारोबारी, सरकारी कर्मचारी, व्यापारी हनीट्रेप का शिकार बने हैं। तीनों ही प्रकरणों में अलग अलग जांच जारी है। इसके तहत कांकरोली थाना पुलिस मुख्य सरगना जन्नत बानू के अलावा सुनीता लक्षकार, कोमल यादव, अफसाना खान, श्रवण गुर्जर आदि को गिरफ्तार किया जा चुका है। अन्य फरार आरोपियों की तलाश पुलिस कर रही है।
Crime news : रिटायर न्यायिक कर्मचारी भी फंसा
Crime news : शिव कॉलोनी, कांकरोली निवासी गोवर्धनलाल जीनगर की रिपोर्ट पर नीतू देवी और पूजा गुर्जर के खिलाफ राजनगर थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया। फिलहाल इस प्रकरण की जांच पुलिस कर रही है। बताया कि नीतूदेवी ने 12 दिसंबर दोपहर दफ्तर से घर जा रहे थे, तभी उधार रुपए मांगे, तो उन्होंने मना कर दिया। साथ ही पैसे नहीं देने पर झूठा मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया। बाद में 16 दिसंबर 2024 को उसे जानकारी मिली कि नीतू ने बलात्कार की झूठी रिपोर्ट दी और नीतू व एक अन्य महिला पूजा गुर्जर इस मामले में राजीनामा करने के लिए 5 लाख रुपए की मांग कर रही है, जबकि ऐसी कोई घटना ही घटित नहीं हुई। इस तरह आरोपी महिला नीतू देवी व पूजा गुर्जर ने झूठा व मनगढ़त षड़यंत्र रच लिया। इस पर पीड़ित न्यायिक कर्मचारी गोवर्धनलाल ने 18 दिसंबर 2024 को राजनगर थाने में हनी ट्रेप की रिपोर्ट दे दी। उसके बाद नीतू देवी ने भी गोवर्धनलाल के खिलाफ रिपोर्ट दी। फिलहाल इस प्रकरण में पुलिस की जांच जारी है।
Police Investigation : का कारोबारी भी प्रेमजाल का शिकार
Police Investigation : हनी ट्रेप गिरोह के प्रेम जाल में कुंवारिया का एक कारोबारी भी फंस गया। कुंवारिया के निर्मल कुमार ओस्तवाल की रिपोर्ट पर कुंवारियाा थाना पुलिस ने कांकरोली निवासी अफसाना बानु, हनी ट्रेप गिरोह सरगना जलचक्की, कांकरोली निवासी जन्नत बानू, उदयपुर निवासी सुनीता उर्फ शालिनी, छापरी, गंगापुर (भीलवाड़ा) निवासी कमलेश वैष्णव व अन्य तीन आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दी। बताया कि आरोपियों ने अश्लील फोटो व वीडियो बनाकर उसे परेशान किया और उसके बाद बदनाम करने की साजिश रचकर उससे 4 लाख रुपए हड़प लिए। इस पर कुंवारिया थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज करते हुए सभी पहलुओं पर गहन जांच शुरू कर दी।
गिरोह का तरीका: कैसे काम करता था हनी ट्रैप?
- पहला कदम – पहचान बनाना
गिरोह पहले अपने लक्षित व्यक्ति को चिन्हित करता था। इसके लिए वे विशेष रूप से अमीर व्यापारियों, सरकारी कर्मचारियों, और सेवानिवृत्त अधिकारियों को चुनते थे। - दूसरा कदम – दोस्ती और विश्वास हासिल करना
गिरोह की महिलाएं लक्षित व्यक्ति से दोस्ती करती थीं और धीरे-धीरे उनका विश्वास जीत लेती थीं। - तीसरा कदम – निजी जानकारी का दुरुपयोग
जब व्यक्ति पूरी तरह जाल में फंस जाता, तो गिरोह उसकी तस्वीरें, चैट्स या वीडियो के माध्यम से उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर देता। - चौथा कदम – धन उगाही
ब्लैकमेलिंग के जरिए गिरोह पीड़ित से मोटी रकम वसूलता था।
गिरोह की सरगना तमन्ना और उसकी भूमिका
तमन्ना, जो इस गिरोह की मुखिया मानी जाती है, फिलहाल जेल में है। पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है कि तमन्ना ने ही इस गिरोह को संगठित किया था। उसने कई महिलाओं को अपने गिरोह में शामिल किया और उन्हें ट्रेनिंग दी कि वे कैसे लक्षित व्यक्ति को फंसाएं।
पुलिस की कार्रवाई और भविष्य की योजना
राजसमंद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच टीम गठित की है। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों और इसके नेटवर्क को खोजने में जुटी है। इसके अलावा, पुलिस ने आम जनता को भी जागरूक रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने की अपील की है।
हनी ट्रैप से बचाव के उपाय
- अनजान लोगों से सावधान रहें: अगर कोई अनजान व्यक्ति आपसे संपर्क करता है और दोस्ती बढ़ाने की कोशिश करता है, तो सतर्क रहें।
- सोशल मीडिया पर सावधानी: अपनी निजी जानकारी और तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करने से बचें।
- पुलिस को सूचित करें: अगर आपको किसी प्रकार का ब्लैकमेलिंग का सामना करना पड़े, तो तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं।
- साइबर सिक्योरिटी का पालन करें: अपने मोबाइल और कंप्यूटर में मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें और संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।