​​​​​​​पति ने कोचिंग कराकर बनाया कॉन्स्टेबल उसी की हत्या ढ़ाई साल से पुलिसकर्मी से था अफेयर

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सीआरपीएफ (सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स) में तैनात महिला कॉन्स्टेबल ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी। महिला का प्रेमी भी उसी के साथ सीआरपीएफ में तैनात था, दोनों के बीच करीब ढ़ाई वर्ष से नाजायज रिश्ता है, जबकि महिला का पति गांव में कृषि कार्य करता था। महिला कॉन्स्टेबल पूनम जाट व प्रेमी रामप्रताप को अपना मुंहबोला भाई कहती थी। मगर जब महिला के पति संजय को दोनों के अफेयर के बारें में पता लगा तो उसने पत्नी के साथ मारपीट की उससे नाराज पत्नी ने अपने प्रेमी रामप्रताप के साथ मिलकर अपने पति संजय को मारने की साजिश रची।

दुपट्‌टे से गला घाेंटकर की हत्या

महिला कॉन्स्टेबल पूनम ने 31 जुलाई को अपने पति संजय को मिलने के बहाने दिल्ली बुलाया व पूनम दिल्ली मेट्रो पर अपने प्रेमी के साथ मिलकर पहले ही संजय का इतंजार कर रही थी जब संजय दिल्ली पहुंचा तो पूनम ने उसे कार में बैठाया व दुपट्टे से गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद पूनम अपनी यूनिट में चली गई। बताया गया कि पूनम व रामप्रताप की करीब ढाई साल पहले श्रीनगर में पोस्टिंग के दौरान दोनों की मुलाकात हुई। रामप्रताप बानसूर (अलवर) का है। उसके बाद दोनों में नजदीकियां बढ़ी। इसके बाद पूनम दिल्ली आ गई और राम प्रताप नागालैंड चला गया। उसके बाद दोंनों की केवल फोन पर बातचीत होती रहती थी तथा पूनम के पास दो फोन जिससे वो एक परिवार में बातचीत के लिए तो दुसरा फोन रामप्रताप से बात करने के लिए उपयोग करती थी।

परिवार सदमें में

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इस घटना से पूरा परिवार सदमे में है संजय के पिता मनीराम ने बताया कि- यकीन नहीं होता, जिसे मेरे बेटे ने पढ़ाकर कॉन्स्टेबल बनाया उसी ने मार दिया। मनीराम बोले कि जब पूनम नौवीं पास थी तब शादी होकर इस घर में आई थी, मेरा बेटा कृषि करता था मगर उसने पत्नी को पढ़ाकर कॉन्स्टेबल बनाया। बताया कि मेरे तीन बेटे संजय, अजय और भवानी की शादी 2010 में एक ही परिवार में हुई थी। अपनी तीनों बहनों में पूनम सबसे बड़ी है। संजय बीमारी के कारण शुरू से उसके दोनों पैरों में परेशानी थी, इसलिए वह खेतीबाड़ी करता था। दूसरा बेटा अजय प्राइवेट नौकरी करता है और सबसे छोटा बेटा भवानी आर्मी में है। संजय व पूनम के तीन बच्चे भी है। सबसे बड़ी बेटी सुहाना 13 साल की है और 7वीं क्लास में पढ़ती है। दूसरे नंबर पर इंद्रजीत 10 साल का है और पहली क्लास में पढ़ता है, तीसरा अमरजीत 6 साल का है और LKG में है।

चोरी- छिपे बात करती थी प्रेमी से

पूनम जब ससुराल आती तो भी चोरी-छिपे रामप्रताप से बात करती। इस दौरान एक दिन ससुराल वालों ने उसे रामप्रताप से फोन पर बात करते देख लिया। पूनम की दोनों बहनों और पति संजय ने रामप्रताप के बारे में पूछा तो उसने उसका मुंह बोला भाई बताया, जब पूनम की दोनों बहनों को शक हुआ तो उन्होंने भी बात करने के लिए मना किया, मगर पूनम बात करती रही जब संजय को पता चला तो दोनों के बीच विवाद हो गया तथा उसी के चलतें संजय ने पूनम की पिटाई भी की थी।

शव को दिल्ली से लाया बानसूर

खोह थाना अधिकारी गिर्राज प्रसाद ने बताया कि जब पूनम व रामप्रताप ने संजय की हत्या कर दी तो रामप्रताप अपनी CRPF की वर्दी में था। रामप्रताप वर्दी में ही शव को कार की डिग्गी में रखकर बानसूर ले गया उसने प्लान किया कि वर्दी में रहेगा तो रास्ते में कोई पुलिस की नाकाबंदी भी मिलेगी तो उसकी वर्दी देखकर कोई उसकी कार को रोकेगा नहीं, जिससे वह आराम से शव को दिल्ली से बानसूर तक ले गया। रामप्रताप ने शव को बानसूर ले जाकर वहां विवेकानंद स्कूल के पीछे दफना दिया। रामप्रताप अकेला ही था, इसलिए ज्यादा गहरा गड्‌ढा नहीं खोद पाया। शव दफनाने के बाद उसके ऊपर मिट्टी और कचरा डाल दिया। थाना अधिकारी ने बताया कि रामप्रताप 20 दिन की छुट्टी पर आया हुआ था। वह भी शादीशुदा है और उसके 2 बच्चे हैं। रामप्रताप-पूनम दोनों पुलिस हिरासत में है। उनसे पूरे मामले में पूछताछ की जा रही है।

संजय के पिता ने करवाया गुमशुदगी का मामला दर्ज

जब संजय से बहुत समय से बात नहीं हुई तो उन्होंने पूनम से पूछा तो उसने बताया कि वह दिल्ली आया ही नहीं है। संजय का कहीं पता नहीं चला तो घरवालों ने उसकी तलाश शुरू की। उसके बाद संजय के पिता मनीराम ने 4 अगस्त को खोह थाने में संजय की गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने मामले को लेकर पूनम से पूछताछ की और फोन की डिटेल्स खंगाली। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो पूनम ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। इसके बाद पुलिस टीम 5 अगस्त को बानसूर पहुंची और रामप्रताप को डिटेन किया। पुलिस ने रामप्रताप की निशानदेही पर संजय के शव को विवेकानंद स्कूल के पीछे ग्राउंड से बरामद कर लिया।

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  • Parmeshwar Singh Chundawat

    परमेश्वरसिंह चुडावत युवा व उत्साही पत्रकार है। 2 साल में न सिर्फ पत्रकारिता को समझा, बल्कि आहत, पीड़ित की आवाज भी बने। पढ़ने- लिखने के शौकीन परमेश्वर वेब पोर्टल पर SEO Based खबरें बनाने की तकनीकी समझ भी रखते हैं। घटना, दुर्घटना, राजनीतिक हो या कोई नवाचार, हर मुद्दे पर बेहतर डिजिटल कंटेंट यानि रोचक खबर बनाने में माहिर है। jaivardhanpatrika@gmail.com

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By Parmeshwar Singh Chundawat

परमेश्वरसिंह चुडावत युवा व उत्साही पत्रकार है। 2 साल में न सिर्फ पत्रकारिता को समझा, बल्कि आहत, पीड़ित की आवाज भी बने। पढ़ने- लिखने के शौकीन परमेश्वर वेब पोर्टल पर SEO Based खबरें बनाने की तकनीकी समझ भी रखते हैं। घटना, दुर्घटना, राजनीतिक हो या कोई नवाचार, हर मुद्दे पर बेहतर डिजिटल कंटेंट यानि रोचक खबर बनाने में माहिर है। jaivardhanpatrika@gmail.com