आज हम भले ही शिक्षित भारत की बात करते हैं मगर कई ऐसे गांव हैं, जहां पर आज भी कुप्रथाएं विधमान हैं। शिक्षा होने के बावजूद भी कई लोग अंधविश्वास की पट्टी बांधे चल रहे है। कुप्रथा का एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां महिला को डायन कहकर अमानवीय यातनाएं दी गई। घटना बांसवाड़ा जिले की है। जहां पर महिला को कुप्रथा के चलते निर्वस्त्र कर रातभर पीटा गया। महिला को खाना तक नही दिया।
बांसवाड़ा जिले के मोटागांव क्षेत्र में महिला के पूर्व सरपंच पति, सौतन (पहली पत्नी) और सास ने डायन कहते हुए तीनों ने महिला को निर्वस्त्र कर खाट से बांधा, फिर बुरी तरह पीटा। आरोप है कि पति ने महिला के मुंह पर मुक्के मारे, भूखे रखा। पीड़िता का पिता संयोग से बेटी के ससुराल पहुंचा तो उसे छुड़ाया और अस्पताल ले गया। बाद मैं पुलिस उपधीक्षक कार्यालय पहुंचकर इंसाफ की गुहार लगाई।
महिला ने बताई आपबीती
पुलिस को दी रिपोर्ट में महिला ने बताया- आरोपी पति से 2021 में मेरा नातरा विवाह हुआ था। उसके पहले से एक पत्नी है। पहले सब ठीक रहा, मेरे 2 बेटियां भी हुईं। लेकिन पहली पत्नी का बेटा बीमार हुआ तो पति, सौतन व सास मुझे डायन कहकर प्रताड़ित करने लगे। पिछली 14 फरवरी को रात 12 बजे पति आया, यह कहते हुए चोटी पकड़कर मारपीट की कि तू ने बेटे पर जादू टोना कर बीमार कर दिया है। बेटे को ठीक नहीं किया तो तुझे मार डालूंगा इसी दौरान पहली पत्नी और सास भी आ गई और डायन कहते हुए मुझ पर नींबू छिड़का। दोनों ने मेरे हाथ पकड़ लिए और पति ने मुझे निर्वस्त्र कर पीटा। बाद में खाट से बांधकर बुरी तरह पीटा। आरोप है कि पीड़िता को भोजन तक नहीं दिया और दोनों बेटियों को उससे छीन लिया। पति ने मुंह पर मुक्के मारे, जिससे वह खाना तक नहीं खा पा रही। उसे बांधकर कमरे में बंद कर दिया।
पिता ने लगाई गुहार, पुलिस बोली कल आना
मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि पिता गुहार लेकर मंगलवार सुबह घाटोल डिप्टी नानालाल सालवी के ऑफिस पहुंचा लेकिन उसे यह कहकर लौटा दिया गया कि साहब नहीं हैं, कल आना। डिप्टी सालवी ने पुछताछ पर बताया कि वो तो कल बेणेश्वर मेले में ड्यूटी के कारण वहां थे। इसलिए उनको यह मामला संज्ञान में नहीं था। उसके बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता में लेते हुए प्रकरण दर्ज किया।