राजसमंद में ऐतिहासिक कुंभलगढ़ दुर्ग की फोटो को जवाहर नवोदलय विद्यालय के एक शिक्षक ने स्कूल की दीवार पर हूबहू पेंटिंग बना दी। इसे देख ऐसा आभास होता है मानो दुर्ग को वास्तिवक फोटो हो। दुर्ग की इस पेंटंग को इंडिया बुक ऑफ रिकाॅड्र्स में शामिल किया गया। यह पेंटिंग अब्दुल रशीद ने बनाई है।
पेंटिंग काे बनाने में करीब 15 दिन लगे। पेंटिंग पर कोई भारी खर्चा भी नहीं आया। मात्र दस हजार रुपए की सामग्री से पेंटिंग तैयार हो गई। जुलाई 2021 में रशीद ने इस पेंटिंग के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में आवेदन किया, जिसका चयन हाे गया। अब्दुल रशीद कला के माध्यम से देश-विदेश में भी ख्याति प्राप्त कर चुके हैं। कुंभलगढ़ के बाद अब किशनगढ़ क्षेत्र की धराेहर पर कार्य करने में जुट गए हैं।
अजमेर जिले के भिनाय गांव निवासी अब्दुल रशीद ने इस पेंटिंग काे बनाने का काम अक्टूबर 2016 में शुरू किया। इसके बाद अध्यापक अब्दुल रशीद का चयन काॅलेज व्याख्याता में हाे गया। इसके चलते पेंटिंग का काम अधूरा रह गया। नवंबर में वापस आकर अब्दुल रशीद ने इस पेंटिंग का काम पूरा किया। वर्तमान में वे रतनलाल कंवरलाल पाटनी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय किशनगढ़ में सहायक आचार्य चित्रकला पद पर कार्यरत हैं। वाॅल पेंटिंग बनाने का मुख्य उद्देश्य छात्र अपनी विरासत के महत्व को समझें और उसके प्रति सम्मान प्रकट कर भविष्य में इन्हें संरक्षित रखने के प्रयास करें। इस तरह की वाॅल पेंटिंग बनाने की प्रेरणा रशीद काे तत्कालीन प्राचार्य केके जोशी, वर्तमान प्राचार्य घनश्याम मीणा से मिली। इस पेंटिंग का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए आवेदन भी कर चुके हैं।