राजस्थान में उपचुनाव को लेकर नेताओं द्वारा बड़े-बड़े वादे किए जा रहे है। ऐसा नही है कि नेता इस चुनाव में ही वादे कर रहे है जब भी चुनाव होते है तब ऐसी विकास की बातें होती है। लेकिन चुनाव खत्म होते ही वादे कभी पूरे हाेते ही नहीं। एक गांव में आजादी के बाद अब तक सड़क ही नहीं बनी। गांव में सड़क नहीं होने से यहां के बच्चों की शादियां नहीं हो रही है। पूर्व में यहां के ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार भी किया था।
उदयपुर जिले के धमानिया ग्राम पंचायत से 3 किलोमीटर दी बणजारी गांव है। यहां आज भी पक्की सड़क नहीं है। लोगों को करीब 2 किलोमीटर कच्ची और गड्ढों वाली सड़क से आना जाना पड़ता है। पीने की पानी की भी कमी है। यहां शादी करने आने वाले लोग इसलिए मुकर जाते हैं क्योंकि सड़क खराब है। ऐसी स्थिति में बेटी का रहना भी मुश्किल हो जाएगी। धामनिया और तारावट होते हुए आगे जाने के लिए सड़क पक्की है। मगर इस रोड से 2 किमी अंदर बसे 700 लोगों की आबादी वाले गांव में सड़क कच्ची है। ग्रामीण बताते हैं पिछले 3 दशकों से हर चुनाव हमारे यहां वोट मांगने आने वाले नेताओं से सड़क बनवाने की मांग करते हैं। चुनावी माहौल में नेता उचित आश्वासन दे देते हैं, मगर बाद में गांव की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में सड़क नहीं होने से आम दिनों में तो परेशानी कम होती है। बारिश के दिनों में सड़क पर कीचड़ ज्यादा होने से वाहनों का आवागमन बंद हो जाता और पैदल चलना भी बेहद मुश्किल होता है। हालत और ज्यादा खराब हो जाते है, जब मरीजों को अस्पताल पहुंचाना पड़ता है।