चित्रकूट की पहचान यूं तो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की तपोस्थली के रूप में है, जहां के कण-कण में श्रीराम की उपस्थिति का अनुभव करते हैं. लेकिन इस चित्रकूट का एक काला इतिहास भी है, जो कुख्यात डाकुओं के आंतक से भरा पड़ा है। वैसे तो कई डाकू है, मगर आज एक ऐसे डाकू की कहानी बताने जा रहे है, जो इश्क वाली डाकू के नाम से फेमस है। इसके काम तरीका भी अन्य डाकूओं से काफी जुदा व अलग था, जो दस्यू सुंदरी सरगना के नाम से कुख्यात हुई। उसके आतंक के चलते पुलिस द्वारा ईनामी डकैत घोषित कर दिया। पुलिस ने उसे पकड़ने के खूब प्रयास किए, मगर पुलिस की हर कोई नाकाम ही रही। यह एक ऐसी कातिल हसीना थी, जो जुर्म भी करती और डाकूओं से मोहब्बत भी।
चित्रकूट मध्यप्रदेश के सतना जिले का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यह धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व का स्थान है। इसी चित्रकूट में बगैहा गांव के पास भड़हापुरवा बस्ती की साधना पटेल की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। उसके पिता होरीलाल पटेल डाकू नहीं थे, मगर उनकी कई डकैतों के साथ दोस्ती जरूर थी। साथ ही साधना की बुआ के एक चुन्नीलाल नामक डकैत से संबंध थे। यह सब साधना ने बचपन में देखा। वह खूबसूरत भी थी। उसी दौरान वह 16 साल की उम्र में ही एक डकैत नवल किशोर धोबी को अपना दिल दे बैठी। यही नहीं, साधना तो जीवनभर उसके साथ रहने का फैसला तक कर बैठी। इस पर परिजन इस निर्णय से खफा थे और आनन फानन में वर्ष 2017 में साधना की दूसरे युवक से शादी कर दी, लेकिन साधना को भी वह शादी रास नहीं आई। फिर उसके पिता की मौत हो गई। शादी के छह माह बाद पति से लड़-झगड़कर वापस मायके लौट आई। इसी बीच साधना का अफेयर किसी दूसरे युवक से शुरू हो गया और फिर उसने दूसरी शादी कर ली। साधना की यह शादी भी सिर्फ एक साल ही चली। शादीशुदा होते हुए भी साधना डाकू नवल किशोर धोबी से इश्क लड़ाने लगी। दोनों के मोहब्बत के किस्से गांव में फैलने लगे। फिर साधना ने दूसरे पति को भी छोड़कर नवल किशोर धोबी के साथ जंगल में महबूबा बनकर रहने लगी। बाद में जंगल में ही साधना पटेल ने नवल किशोर धोबी से शादी कर ली। मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश दोनों ही राज्यों के सीमावर्ती इलाके में डाकू नवल किशोर धोबी का काफी आतंक था। उस वक्त साधना पटेल भी उसके दूसरे पति नवल किशोर धोबी से सारे पैंतरेबाजी व डाकूओं के काम करने के तौर तरीके सीख रही थी। जब डाकू नवल किशोर का आतंक बढ़ा, तो यूपी व एमपी पुस ने चित्रकूट के जंगलों में सर्च ऑपरेशन शुरू करते हुए डाकू नवलकिशोर को मार दिया।
डकैत साधना को पकड़वाने का बढ़ता रहा ईनाम
डकैत साधना पटेल की गिरफ्तारी के लिए सबसे पहले 10 हजार रुपए का ईनाम पुलिस द्वारा घोषित कर दिया। बाद में जब लोगों को अपहरण कर चौथी वसूली शुरू हुई, तो पुलिस ने उसकी धरपकड़ के प्रयास बढ़ा दिए। साथ डाकू साधना पटेल के बारे में बताने वाले को वर्ष 2019 में 30 हजार रुपए तक का ईनाम देने की घोषणा कर दी।
नवलकिशोर की मौत के बाद साधना बनी सरगना
डाकू नवल किशोर धोबी की मौत के बाद साधना पटेल ने गिरोह की कमान अपने हाथ ले ली। यहीं से इश्क वाली डाकू के नाम से साधना पटेल कुख्यात हो गई। इस क्षेत्र में करीब पांच दशक बाद यह पहला मौका था, तब उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश के सीमावर्ती पाठा क्षेत्र में किसी महिला डाकू की एंट्री हुई थी। साधना ने अपराध की दुनिया कदम रखते हुए क्षेत्र में कई जगह डाका डाला, खुलेआम लूट की वारदातों को भी अंजाम दिया। इस पर पुलिस द्वारा उसे पकड़ने के लिए 10 हजार रुपए का ईनाम घोषित कर दिया। क्षेत्र में इश्क वाली डाकू का इतना आतंक था कि पुलिस के लिए भी अकेले उस क्षेत्र में जाना जोखिमभरा था।
साधना दोगुना कर दिया गिरोह, पूरे इलाके में दहशत
साधना पटेल ने पहले अपने पति नवल किशोर धोबी के गिरोह को संभाला। उसके बाद एक अन्य डाकू दीपक शिवहरे गिरोह को भी अपनी ही गैंग में शामिल कर दिया। इस तरह उससके गिरोह में डेढ़ दर्जन से ज्यादा कुख्यात सदस्य जुड़ गए, लेकिन पूरे गिरोह की कमान साधना ने अपने ही हाथ में रखी। पहले तो डाकू साधना का कार्य क्षेत्र नयागांव, भरतकूप व आस पास का इलाका ही रहा, मगर बाद में पूरे चित्रकूट, सतना, रीवा तक अपना आतंक फैला दिया। धीरे धीरे उसका खौफ काफी बढ़ने लगा। इस कारण पुलिस के लिए भी साधना पटेल बड़ी चुनौती बनी हुई है। लोग दहशत में थे, पुलिस भी बड़ी ही टेंशन में थी।
इश्क वाली डाकू बनने के पीछे की कहानी
दस्यु सुंदरी साधना पटेल के पिता के आवास पर कई डाकूओं का आना जाना था। शुरुआती दौर में पिता ने पनाह भी दे रखी थी। साधना का गांव में आना जाना बना रहने से स्मार्ट युवाओं को प्रेम जाल में फंसा लेती। फिर उन्हें भी अपने ही गिरोह का दस्य बना लेती। फिर हथियार चलाने से लेकर पुलिस ने बचने व डाकू के रूप में आतंक कायम करने के तौर तरीके भी वह सिखाती रहती। इस तरह नए नए युवाओं को अपने प्रेमजाल में फंसाने के साथ उन्हें अपने गिरोह में शामिल करती। इसी वजह से क्षेत्र में उसे इश्क वाली डाकू के नाम से जानने लगे। इसके चलते कुछ लोग उसे इश्क वाली डाकू अथवा इश्क वाली दस्यु सुंदरी भी कहने लगे।
एनकाउंटर में नवल किशोर की मौत के बाद दीपक से इश्क
जब नवलकिशोर की पुलिस एनकाउंटर में मौत होने के बाद साधना ने पहले तो उसके गिरोह की कमान संभाली। बाद में एक अन्य डाकू गिरोह के सरगना दीपक शिवहरे से दोस्ती कर ली और कुछ समय बाद वही दोस्ती इश्क में बदल गई। साधना व दीपक के प्यार के चर्चे जंगल में काफी रहे। दोनों गिरोह शामिल हो गया और उसकी कमान साधना ने अपने पास ही रखी। तब तक साधना हथियार चलाने से लेकर गिरोह चलाने में एक्सपर्ट हो चुकी थी।
Shadhna Patel को 2019 में पुलिस ने किया था गिरफ्तार
उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश के सीमावर्ती इलाके में इश्क वाली डाकू साधना पटेल का काफी आतंक था। इसको लेकर दोनों ही राज्यों की पुलिस ने डाकू साधना को पकड़ने की जॉइंट प्लान किया। क्योंकि सीमावर्ती इलाके मं चोरी, लूट व डकैती की घटनाएं काफी बढ़ गई थी। अपहरण करके भी फिरौती वसूलने की कई घटनाएं हो चुकी थी। इसके चलते एमपी व यूपी पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के तहत कडियन के जंगल से मध्यप्रदेश के सतना थाना पुलिस ने नवंबर 2019 में डाकू साधना पटेल को गिरफ्तार कर लिया। तब पुलिस ने उसके पास से 315 बोर की रायफल व चार जिंदा कारतूस भी पुलिस ने बरामद किए थे।
साधना की गिरफ्तार के साथ ही खत्म हो गया गिरोह
कुख्यात साधना पटेल गिरोह में सतना पुलिस ने पहले 10 हजार के इनामी डकैत रवि उर्फ रिंकू शिवहरे व दीपक शिवहरे काे पकड़ लिया। फिर 15 हजार का इनामी शिव मूरत कोल, पांच हजार का इनामी धन्नू उर्फ धनपत खैरवार व दादू सिंह उर्फ पट्टीदार सिंह को भी पकड़ा जा चुका था, मगर गिरोह की मुख्य सरगना साधना पकड़ से दूर थी। फिर पुलिस ने मुखबिर बढ़ाई और लगातार सर्च शुरू किया, तो आखिर से कड़ियल के जंगल से घेराबंदी कर पुलिस ने पकड़ लिया। सरगना की गिरफ्तारी के बाद लगभग पूरा डाकू गिरोह खत्म हो गया।
फिरौती से फैलाई दहशत, फिर डरकर भागी भी
वर्ष 2018 में दस्यु सुंदरी ने नयागांव थाना के पालदेव से छोटकू सेन का अपहरण कर सनसनी फैला दी थी। फिरौती के लिए छोटकू के हाथ की अंगुलियां तक काट दी थी। इस घटना में उसके खिलाफ पहला मामला दर्ज हुआ था। उसके बाद पुलिस के सर्च ऑपरेशन में उसकी गैंग के कई सदस्य गिरफ्तार हो चुके थे। इस कारण वह कमजोर पड़ने लगी। करीब चार महीने तक वह उसके साथ छोटू पटेल के साथ जंगल से भी फरार हो गई। चर्चा थी कि साधना और छोटू मुंबई में फरारी काट रही है।
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