कश्मीरी पत्रकार व एक्टिविस्ट याना मीर (Yana Mir) ने भारत देश की छवि खराब करने वाले कतिपय लोगों को मुंहतोड़ जवाब दिया। Journlist Yana Mir यह बात यूके की संसद में यह बात कही। यूके (UK) में संकल्प दिवस का आयोजन किया, जिसमें याना मीर को जम्मू व कश्मीर में विविधता के प्रचार के लिए विविधता राजदूत पुरस्कार से सम्मानित किया गया। याना मीर जैसे ही यूके की संसद में बोलने लगी, तो उसका उद्बोधन सुनकर यूके की संसद में तालियां गूंज उठी।
Journlist Yana Mir ने यूके की संसद में न सिर्फ भारत का शानदार तरीके से प्रतिनिधित्व किया, बल्कि पाकिस्तान सहित उन सभी लोगों को भी मुंहतोड़ जवाब दिया, जो भारत की छवि खराब करते हैं। यूके की ससंद में याना का भाषण सुनकर वहाँ मौजूद लोगों ने याना के लिए जमकर तालियां बजाई। साथ ही पत्रकार याना मीर ने यूके की संसद में भारतीय सेना की भी खूब तारीफ की। याना ने कहा कि भारतीय सेना जम्मू व कश्मीर में अच्छा काम कर रही है। याना ने अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू और कश्मीर में आए सकारात्मक बदलाव के बारे में सबको बताया। साथ ही जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात से भी सबको अवगत कराया।
देखिए, यह है कश्मीरी पत्रकार का पूरा संबोधन
याना ने कहा, “मैं मलाला यूसुफज़ई नहीं हूं। मैं मलालायूसुफ ज़ई नहीं हूं क्योंकि मैं स्वतंत्र हूं और मैं अपने देश, भारत, अपनी मातृभूमि कश्मीर, जो भारत का हिस्सा है, में सुरक्षित हूं। मुझे कभी भी अपनी मातृभूमि से भागकर आपके देश (यूके) में शरण लेने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। मैं कभी भी मलाला यूसुफ़ज़ई नहीं बनूंगी। लेकिन मुझे मलाला यूसुफज़ई द्वारा मेरे देश, मेरी प्रगतिशील मातृभूमि को उत्पीड़ित कहकर बदनाम करने पर आपत्ति है। मुझे सोशल मीडिया और विदेशी मीडिया पर मौजूद ऐसे सभी टूलकिट सदस्यों से आपत्ति है, जिन्होंने कभी भी भारतीय कश्मीर का दौरा करने की परवाह नहीं की, लेकिन वहाँ उत्पीड़न की कहानियाँ गढ़ीं। मैं आप सभी से आग्रह करती हूं कि धर्म के आधार पर भारतीयों का ध्रुवीकरण करना बंद करें। इस साल संकल्प दिवस पर हम आपको हमें तोड़ने नहीं देंगे। मुझे बस यही उम्मीद है कि ब्रिटेन और पाकिस्तान में रहने वाले अपराधी अंतर्राष्ट्रीय मीडिया, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार मंचों पर मेरे देश को बदनाम करना बंद कर देंगे। अवांछित, चयनात्मक आक्रोश बंद करें। यूके में अपने आरामदायक लिविंग रूम से बैठकर दूर भारतीय समाज का ध्रुवीकरण करने की कोशिश करना बंद करें। आतंकवाद के इस अंधेरे वाले गड्ढे के कारण हज़ारों कश्मीरी माताएं पहले ही अपने बेटों को खो चुकी हैं। हमारे पीछे मत पड़ो। मेरे कश्मीरी समुदाय को शांति से रहने दो। धन्यवाद और जय हिंद।”