hospital girl theft in udaipur https://jaivardhannews.com/kidnapped-baby-girl-from-mb-hospital-in-udaipur/

उदयपुर के महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय (MB Hospital) से चोरी 13 माह की मासूम बच्ची अव्यांशी आखिर तीन दिन बाद पुलिस ने तलाश कर दस्तियाब कर ली और चोरी कर ले जाने वाली महिला को गिरफ्तार कर लिया। राजसमंद के कार मैकेनिक के पेट में ऑपरेशन के चलते वह आईसीयू में भर्ती था, जहां उसकी देखभाल के लिए उसकी बहन अस्पताल में रह रही थी। रात में वह आईसीयू वार्ड के बाहर सो रही थी, तभी वहां से अज्ञात महिला धीरे से उठाकर मासूम बच्ची को चुरा ले गई। जैसे ही बच्ची को देख उसकी मां व परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। रात्रि गश्त में चौराहों पर तैनात सुरक्षा गार्ड की सजगता रंग लाई, जिससे चोरी का राजफाश हो सका।

हाथीपोल थाना प्रभारी आदर्श परिहार ने बताया कि महाराणा भूपाल राजकीय अस्पताल उदयपुर से 3 दिन पहले 24 फरवरी की दरमियानी रात में चोरी हुई 13 माह की बच्ची अव्यांशी मंगलवार सुबह 6 बजे मिल गई। उदयपुर पुलिस अव्यांशी को अस्पताल से चुराने वाली आरोपी महिला मंजू गमेती उर्फ लीलाबाई (30) को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। इससे पहले उदयपुर पुलिस की आठ अलग-अलग थानों की टीमों के 33 जवान व अधिकारियों ने 300 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों को खंगाला, फिर बच्ची को चुराने वाली महिला मंजू तक पहुंचने के लिए कड़ी से कड़ी जोड़ी। तब जाकर आरोपी तक पुलिस पहुंची। Udaipur police की त्वरित कार्रवाई को लेकर पीड़ित परिवार ने भी आभार व्यक्त किया।

गश्ती गार्ड की सजगता से पकड़ी गई बच्चा चोर महिला

पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल बताते हैं कि सबसे अहम सुराग सीसीटीवी कैमरे से मिला। कैमरे में आरोपी मंजू बच्ची को चोरी करने से पहले कोर्ट चौराहे पर दिखी, जहां वह एक गार्ड से बात करते दिखी। पुलिस ने पता किया तो जांच में गार्ड का नाम गणेश मेघवाल निकला। पुलिस ने सबसे पहले गार्ड गणेश मेघवाल से पूछताछ की तो उसने आरोपी मंजू का मोबाइल नंबर दिया, फिर महिला की पहचान कर मोबाइल की लोकेशन जांची, जो चीरवा स्थित डोरियों फला महादेव मंदिर के पीछे मिली। पुलिस ने दबिश दी तो वहां रोशन गमेती के घर में आरोपी मंजू और मासूम अव्यांशी मिली। पुलिस ने आरोपी मंजू को गिरफ्तार कर बच्ची अव्यांशी को दस्तयाब किया। महिला ने अपना नाम अंजू गमेती बताया है, जो मूलतः टीडी की है। मंजू के पति मुकेश की 2 साल पहले मौत हो गई है। अब आरोपी मंजू पति के घर को छोड़कर रोशन गमेती के साथ नाते आ गई। इसने बच्ची को चोरी करने की पहली वजह उसके कोई बच्चा नहीं होना बताया है। बच्चे की चाह में चोरी की। दूसरी वजह वह नाते आने के बाद रोशन गमेती के घर वालों को यह बताना चाहती थी कि यह बच्ची रोशन की है ताकि उसे रोशन के परिवारजन अपनी बहू की तरह मानकर रखते रहें। हालांकि पुलिस गार्ड, मंजू, रोशन के बीच की कड़ी और इनसे जुड़े लोगों की हिस्ट्री खंगाल रही है। रोशन की तलाश की जा रही है।

कई सवाल अनसुलझे, पुलिस पूछताछ जारी

डिप्टी चांदमल और हाथीपोल थानाधिकारी आदर्श परिहार का कहना है कि MB Hospital से बच्ची को चुराकर आरोपी मंजू फतेहपुरा से साइफन के बीच तक पैदल गई। इसके बाद किसी ऑटो या किसी अन्य वाहन से चीरवा पहुंची। यह भी पता लगाया जा रहा है कि आरोपी मंजू को आखिर कौन साइफन से चीरवा तक लेकर गया। आरोपी मंजू के मोबाइल की लोकेशन गत 20 फरवरी से एमबी अस्पताल के इर्द-गिर्द मिली है। क्या वह 20 तारीख से ही अस्पताल में बच्चा चोरी की फिराक में थी? आरोपी मंजू बच्ची को चोरी करने से पहले गार्ड गणेश मेघवाल के यहां कलेक्टर बंगला के पीछे रात में रुकी थी। अब आरोपी मंजू से पूछताछ की जा रही है।

मां से मिलते ही खिलखिला उठी अव्यांशी

मां से मिलकर आव्यांशी खिलखिला उठी। मां ने कहा कि मेरे लिए मेरी बेटी ही मेरी निधि है। आरोपी के पूरे नेटवर्क को खंगालने की जरूरत है ताकि किसी और के साथ यह घटना न हो। बेटी को पाकर मां के साथ उनके सभी परिजनों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। साथ ही पुलिस की मशक्कत भी थम गई।

24 फरवरी सुबह नीदं में बच्ची को चुराया

सुंदर नगर, अशोक गार्डन, भोपाल, मध्यप्रदेश निवासी हिना परिहार की 13 माह की बेटी अव्यांशी को शनिवार तड़के 5:30 बजे आरोपी मंजू गमेती एमबी अस्पताल के सर्जिकल वार्ड नम्बर-113 के बाहर बदामदे से चोरी कर ले गई थी। हिना अपनी बेटी को लेकर सर्जिकल वार्ड के बाहर बरामदे में सो गई थी। रात सो रही थी। इसके बाद उसकी सुबह 5.30 बजे नींद खुली तो बच्ची उसके पास नहीं थी। हिना के पति संदीप पुत्र वृंदावन ने हाथीपोल थाने में 13 माह की बेटी अव्यांशी को किसी अज्ञात महिला द्वारा चोरी कर ले जाने का मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस ने जांच-पड़ताल की तो आरोपी महिला मंजू आखिरी बार फतेहपुरा-साइफन के बीच सड़क मार्ग पर बच्ची को ले जाती सीसीटीवी कैमरों में दिखाई दी। उसी बरामदे में सो रहे एक बुजुर्ग ने भी आरोपी महिला द्वारा बच्ची को ले जाने की पुष्टि की थी।

सुबकते हुए बोली मां- बेटी मिलते ही सारे जख्म ठीक हो गए

तीन दिन बाद फिर से बेटी को सीने से चिपकाते ही खुशी से आंखें नम हैं। जैसे ही मेरी बेटी सामने आई तो देखते ही बोलीं- मां, यह सुनते ही ऐसा लगा मानो कलेजे के जख्मों पर किसी ने मरहम लगाकर पलभर में ठीक कर दिया हो। जबकि, बेटी के चोरी होने के बाद से ना एक पल नींद आई, ना कुछ खा सकी, ना पानी गले उतरा, भगवान से सिर्फ एक ही विनती कर रही थी कि मेरी मासूम बेटी को मुझे लौटा दो। 13 माह की बेटी पता नहीं किस हाल में होगी, कहां होगी, कौन महिला, क्यों चोरी कर ले गई, मेरी बेटी के साथ अनहोनी नहीं हो जाए। ऐसे तमाम सवाल तीन दिन से मुझे बेचैन किए हुए थे। इसी चिंता से 6 बार बेहोश हो चुकी हूं। मैं खुद को कोश रही थी कि मैं अस्पताल के बरामदे में उस रात सोई ही क्यों? नींद से जागी तो पास में सो रही बेटी गायब थी? डेढ़ घंटे तक इधर-उधर देखा, तमाम लोगों से पूछा- पर बेटी का पता नहीं चला। फिर पुलिस के पास पहुंची तो पुलिस ने एक घंटे बाद बताया कि एक महिला बच्ची को ले जाते हुए सीसीटीवी कैमरे में दिखाई दी है। यह सुनते ही सन्न रह गई। अब ईश्वर से प्रार्थना करने के अलावा मेरे पास कुछ नहीं था। तीन दिन अथक प्रयास कर पुलिस ने मेरी बेटी को ढूंढ निकाला, जिसके लिए उदयपुर पुलिस की आजीवन ऋणी रहूंगी।