Leopard Escaped https://jaivardhannews.com/leopard-escaped-captured-by-forest-department/

Leopard Escaped : उदयपुर शहर के पास स्थित लखावली इलाके की पहाड़ियों से एक लेपर्ड पिंजरे से भाग निकला है। वन विभाग की टीम इस लेपर्ड को सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क ले जा रही थी, तभी यह घटना घटी। सुबह करीब आठ बजे वन विभाग के कर्मचारियों को इस बात का पता चला। अब वन विभाग की टीमें पार्क के अंदर इस लेपर्ड की तलाश में जुट गई हैं।

Udaipur News today : लखावली इलाके में लेपर्ड के लगातार देखे जाने के कारण वन विभाग ने एक पिंजरा लगाया था। सोमवार को दोपहर बाद एक लेपर्ड इस पिंजरे में फंस गया। शाम को जब गांववालों को तेंदुए के गुर्राने की आवाज आई तो वे पहाड़ी पर पहुंचे और पिंजरे में फंसे लेपर्ड को देखा। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और लेपर्ड को उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क ले गई। सूत्रों के अनुसार, वन विभाग के कर्मचारियों ने सोमवार की रात 11 बजे तक लेपर्ड को पिंजरे में सुरक्षित देखा था। लेकिन मंगलवार की सुबह जब वे वापस पहुंचे तो लेपर्ड गायब था। पिंजरे को पूरी तरह से बंद पाया गया था, जिससे यह स्पष्ट था कि लेपर्ड ने किसी तरह से बाहर निकलने का रास्ता खोज लिया था। जांच में पता चला है कि लेपर्ड ने पिंजरे के किनारे से लगी एक धातु की प्लेट को तोड़कर भाग निकला है। इस घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग के आला अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि वे इस मामले की गंभीरता से ले रहे हैं और लेपर्ड को ढूंढने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

Leopard Attack News : वन विभाग की टीम कर रही सर्च अभियान

Leopard Attack News : उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में भागे हुए लेपर्ड की तलाश में वन विभाग की टीम लगातार जुटी हुई है। सहायक वन संरक्षक (वाइल्ड लाइफ) गणेश लाल गोठवाल ने बताया कि लेपर्ड पार्क के अंदर ही कहीं छिपा हुआ है। टीम ने पार्क के हर कोने को खंगाला है और चारों तरफ लगी सुरक्षा दीवारों का भी बारीकी से निरीक्षण किया गया है। जांच में यह बात सामने आई है कि दीवारों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है और न ही लेपर्ड के बाहर जाने के कोई निशान मिले हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि लेपर्ड अभी भी पार्क के अंदर ही है। वन विभाग की टीम विशेषज्ञों की मदद से लेपर्ड को ढूंढने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग कर रही है। सहायक वन संरक्षक (वाइल्ड लाइफ) गणेश लाल गोठवाल ने बताया कि बायोलॉजिकल पार्क के गेट नंबर 3 के आगे जेसीबी मशीन लगाकर घास को साफ किया जा रहा है ताकि लेपर्ड के पगमार्कों को आसानी से खोजा जा सके। लगातार बारिश होने के कारण पगमार्कों को पहचानना मुश्किल हो रहा है। बावजूद इसके, वन विभाग की टीम पार्क के अंदर के इलाके में लेपर्ड की तलाश में जुटी हुई है। गोठवाल का मानना है कि मौजूदा स्थिति के आधार पर यह संभावना कम है कि लेपर्ड पार्क से बाहर निकला हो।

Leopard Captured in Udaipur : 4 दिन पहले मारी थी एक लेपर्ड को गोली

Leopard Captured in Udaipur : लखावली गांव की पहाड़ियों में लेपर्ड के लगातार देखे जाने और 10 लोगों पर हमले की घटनाओं के बाद वन विभाग ने एक पिंजरा लगाया था। इस क्षेत्र में तनाव का माहौल था क्योंकि 18 अक्टूबर को इसी इलाके से लगभग 15 किलोमीटर दूर एक तेंदुए को गोली मारी गई थी। हालांकि, अभी तक यह पुष्टि नहीं हुई है कि गोली मारा गया तेंदुआ वही था जो लोगों पर हमले कर रहा था। लखावली के सरपंच मोहनलाल डांगी ने बताया कि गांववालों ने पिछले महीने ही वन विभाग से पिंजरा लगवाने की मांग की थी क्योंकि लेपर्ड की आवाजाही से लोग डरे हुए थे। कुछ समय के लिए जब लेपर्ड की गतिविधियां कम हुईं तो विभाग ने पिंजरा हटा लिया था। लेकिन 18 अक्टूबर को जब लेपर्ड ने एक बकरी का शिकार किया तो गांववालों ने फिर से पिंजरा लगाने की मांग की। वन विभाग ने 19 अक्टूबर को पिंजरा लगाया और 21 अक्टूबर को लेपर्ड उसमें फंस गया।

Leopard Hunted news : लेपर्ड की तलाश में जुटे वन विभाग के दस्ते

Leopard Hunted news : राठौड़ों का गुड़ा गांव, जहां हाल ही में एक पुजारी और एक महिला पर लेपर्ड ने हमला किया था, लखावली से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस घटना के बाद से वन विभाग की टीमें इस क्षेत्र में लगातार तलाश में जुटी हुई हैं। 20 अक्टूबर को राठौड़ों के गुड़ा में लगे सीसीटीवी कैमरों में एक लेपर्ड देखा गया था, जिसने इस क्षेत्र में लेपर्ड की मौजूदगी की पुष्टि की है। मदार और राठौड़ों के गुड़ा में कुल 18 पिंजरे लगाए गए हैं, जिनमें से 5 मदार में और 13 राठौड़ों के गुड़ा में हैं। वन विभाग की टीमें छोटे-छोटे समूहों में इस क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। मदार गांव बड़ी पंचायत, सज्जनगढ़ सेंचुरी और बड़ी तालाब के पास स्थित है। चूंकि लेपर्ड इन तालाबों का पानी पीने के लिए आते हैं, इसलिए इनकी आवाजाही आसपास के इलाकों में लगातार बनी रहती है। वन विभाग का मानना है कि इन पिंजरों और निरंतर सर्च ऑपरेशन के माध्यम से वे जल्द ही लेपर्ड को पकड़ लेंगे।

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  • Parmeshwar Singh Chundawat

    परमेश्वरसिंह चुडावत युवा व उत्साही पत्रकार है। 2 साल में न सिर्फ पत्रकारिता को समझा, बल्कि आहत, पीड़ित की आवाज भी बने। पढ़ने- लिखने के शौकीन परमेश्वर वेब पोर्टल पर SEO Based खबरें बनाने की तकनीकी समझ भी रखते हैं। घटना, दुर्घटना, राजनीतिक हो या कोई नवाचार, हर मुद्दे पर बेहतर डिजिटल कंटेंट यानि रोचक खबर बनाने में माहिर है। jaivardhanpatrika@gmail.com

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By Parmeshwar Singh Chundawat

परमेश्वरसिंह चुडावत युवा व उत्साही पत्रकार है। 2 साल में न सिर्फ पत्रकारिता को समझा, बल्कि आहत, पीड़ित की आवाज भी बने। पढ़ने- लिखने के शौकीन परमेश्वर वेब पोर्टल पर SEO Based खबरें बनाने की तकनीकी समझ भी रखते हैं। घटना, दुर्घटना, राजनीतिक हो या कोई नवाचार, हर मुद्दे पर बेहतर डिजिटल कंटेंट यानि रोचक खबर बनाने में माहिर है। jaivardhanpatrika@gmail.com