01 24 https://jaivardhannews.com/light-rain-in-eastern-rajasthan-western-state-also-yearned-for-drops-due-to-this-it-is-not-raining/

बारिश नहीं होने से पश्चिमी राजस्थान में किसान बारिश की बाट जाेह रहे हैं। अभी 10 दिन और इंतजार करना पड़ सकता है। वहीं पूर्वी राजस्थान में अत्यधिक बारिश की वजह से सभी बेहाल हैं। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो यह परिस्थितियां पाकिस्तान व पश्चिमी राजस्थान के ऊपर बने एंटी साइक्लोनिक फ्लो की वजह से बनी है।

मानसून सीजन में यह एंटी साइक्लोनिक फ्लो इन क्षेत्रों में सक्रिय होता है, लेकिन यह स्ट्राॅन्ग होता है तो पश्चिमी राजस्थान में वह कम दबाव के क्षेत्र को प्रवेश नहीं करने देता और यहां बारिश की संभावनाएं कम हो जाती हैं। पूर्वी राजस्थान में भी बारिश ज्यादा हुई है। यही वजह थी कि जोधपुर संभाग के कई क्षेत्रों में बारिश बहुत कम हुई। इसके अलावा भी कुछ परिस्थितियां हैं, जिससे यहां बारिश कम हुई है।

मानसून की दो ब्रांच है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर। अधिकांश बारिश बंगाल की खाड़ी ब्रांच की वजह से होती है। वहां कम दबाव का क्षेत्र विकसित होता है और वह कम दबाव का क्षेत्र उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश होते हुए राजस्थान की तरफ बढ़ता है। इसके साथ बादल व पर्याप्त मात्रा में नमी भी राजस्थान में प्रवेश करती है और बारिश होती है।

लेकिन इस बार पाकिस्तान व पश्चिमी राजस्थान पर बने एंटी साइक्लोनिक फ्लो की वजह से यह कम दबाव का क्षेत्र मध्यप्रदेश तक पहुंचने के बाद राजस्थान में प्रवेश नहीं कर पाया, यह उत्तर प्रदेश की तरफ मुड़ गया। यही कारण है कि पश्चिमी राजस्थान के कई हिस्सों में बारिश कम हुई है।

मानसून का प्रवेश भी देरी से
तिब्बतियन एंटी साइक्लोन की स्थिति बदलने की वजह से कम दबाव के क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में बनना बंद हो गए। यही कारण था कि देशभर में 20 जून के बाद बारिश की संभावनाएं कम हो गईं। इसका असर 10 जुलाई के आसपास असर दिखाता रहा। इसके बाद जब असर कम हुआ तो मानसून सक्रिय होने लगा। यही कारण है कि जुलाई आधा निकलने के आसपास मानसून सक्रिय हुआ। इसके बाद ही बारिश की संभावनाएं थीं, लेकिन अच्छी बारिश वहीं हुई और जयपुर व बीकानेर के बीच हुई एक बारिश के बाद पूरे राजस्थान में मानसून का प्रवेश हुआ।

राजस्थान के कुछ हिस्सों में भारी बारिश है तो कुछ स्थानों पर बारिश हुई ही नहीं है। इसका कारण यह है कि इस बार कम दबाव के क्षेत्रों का रूट बदल गया है। सामान्यतया बंगाल की खाड़ी में बनने वाले कम दबाव के क्षेत्र का रूट उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश होते हुए राजस्थान की तरफ होता है। इससे राजस्थान में बारिश होती है।

पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान व पश्चिमी राजस्थान के ऊपर वायुमंडल में एक एंटी साइक्लोनिक फ्लो बना हुआ है। इसके असर से मौजूदा कम दबाव का क्षेत्र मध्यप्रदेश से पश्चिमी राजस्थान तक नहीं पहुंच पाया और इसके कारण कम दबाव का क्षेत्र मध्यप्रदेश के ऊपर लगातार 4 से 5 बना रहा। इससे पूर्वी राजस्थान में अतिवृष्टी की परिस्थिति बनी, जबकि पश्चिमी राजस्थान के अधिकांश भागों में बारिश की कमी दर्ज हुई।

Author

  • Laxman Singh Rathor in jaivardhan News

    लक्ष्मणसिंह राठौड़ अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया जगत में 2 दशक से ज़्यादा का अनुभव है। 2005 में Dainik Bhaskar से अपना कॅरियर शुरू किया। फिर Rajasthan Patrika, Patrika TV, Zee News में कौशल निखारा। वर्तमान में ETV Bharat के District Reporter है। साथ ही Jaivardhan News वेब पोर्टल में Chief Editor और Jaivardhan Multimedia CMD है। jaivardhanpatrika@gmail.com

    View all posts Chief Editor, Managing Director

By Laxman Singh Rathor

लक्ष्मणसिंह राठौड़ अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया जगत में 2 दशक से ज़्यादा का अनुभव है। 2005 में Dainik Bhaskar से अपना कॅरियर शुरू किया। फिर Rajasthan Patrika, Patrika TV, Zee News में कौशल निखारा। वर्तमान में ETV Bharat के District Reporter है। साथ ही Jaivardhan News वेब पोर्टल में Chief Editor और Jaivardhan Multimedia CMD है। jaivardhanpatrika@gmail.com