Mahalaxmi Murder : शादी के बाद युवती के चार साल की बेटी होने के बाद पति को छोडकर अन्य युवक के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने लग जाती है। फिर अचानक एक दिन उसकी 59 टुकडो में लाश उसी के घर के फ्रीज में मिलती है, तो न सिर्फ परिवार के सदस्य, बल्कि पड़ोसी व पुलिस भी हैरान है। हालांकि हत्या करने वाला भी स्पष्ट हो गया, लेकिन हत्या के कारण स्पष्ट नहीं हो पाया। शायद अब हत्या के कारण रहस्य ही बना रहे। प्रथम दृष्टया एक तरफा प्यार में हत्या की बात सामने आ रही है।
Bengaluru Mahalakshmi Case : कर्णाटक के बेंगलुरू शहर की। बात है 20 सितंबर की। बेंगलुरू शहर के व्यालिकावल में तीन मंजिला मकान में 29 साल की महालक्ष्मी की लाश के टुकड़े मिले थे। वह शादीशुदा थी। वह 4 साल से पति को छोडकर अकेले रहती थी महालक्ष्मी के भाई उक्कम सिंह ने दैनिक भास्कर को बताया था कि उनका परिवार नेपाल के कठंद राज्य के टीकापुर गांव का रहने वाला है। 30 साल पहले मम्मी-पापा काम के लिए बेंगलुरु आए और यहीं बस गए। महालक्ष्मी की शादी नेलमंगला में रहने वाले हेमंत दास से हुई थी। हेमंत मोबाइल एसेसरीज की शॉप में काम करता है। महालक्ष्मी एक मॉल में काम करती थी। उनकी 4 साल की एक बेटी भी है। महालक्ष्मी और हेमंत करीब 4 साल से अलग-अलग रह रहे थे। हालांकि, दोनों का अभी तलाक नहीं हुआ था। बेटी हेमंत के साथ रहती थी। महालक्ष्मी अक्टूबर 2023 से बसप्पा गार्डन के पास 5वीं क्रॉस पाइपलाइन रोड पर व्यालिकावल में किराए के मकान में रह रही थी। घर से बदबू आने पर मर्डर का खुलासा हुआ। उसकी बिल्डिंग में रहने वाले जीवन प्रकाश को तेज बदबू का एहसास हुआ। बदबू मकान के टॉप फ्लोर से आ रही है, जहां महालक्ष्मी रहती थी। जीवन प्रकाश महालक्ष्मी के दरवाजे पर पहुंचे तो बदबू इतनी बढ़ गई कि खड़ा होना मुश्किल हो गया था। दरवाजे बाहर से लॉक लगा था। जीवन ने तुरंत महालक्ष्मी के भाई उक्कम सिंह और बहन को फोन लगाया। देर रात करीब 12.30 बजे महालक्ष्मी की फैमिली पहुंची। इसके बाद दरवाजे का लॉक तोड़ा गया था। कमरे में खून बिखरा पड़ा था और जमीन पर कीड़े रेंग रहे थे। घर का सारा सामान बिखरा पड़ा था।
Bengaluru fridge horror : फ्रिज खोलकर देखा तो उड़ गए होश
Bengaluru fridge horror : महालक्ष्मी की मां ने फ्रिज खोला तो अंदर बेटी का कटा सिर, पैर और डेडबॉडी के 59 से ज्यादा टुकड़े थे। पुलिस ने महालक्ष्मी के परिवार को बताया था कि CCTV फुटेज में मर्डर की रात 2 लोग स्कूटी से महालक्ष्मी के घर आए थे। पुलिस ने इस मामले में अशरफ नाम के हेयर ड्रेयर से पूछताछ की थी। फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम को घर के अंदर से किसी भी फोर्स एंट्री के सबूत नहीं मिले हैं। फर्श पर भी खून के निशान नहीं मिले हैं। ऐसा माना जा रहा है कि आरोपियों ने हत्या के बाद खून को केमिकल से साफ किया और फरार हो गए। FSL एक्सपर्ट ल्यूमिनोल नाम के केमिकल का इस्तेमाल करके खून के धब्बों का पता लगा रहे हैं। हालांकि FSL का ये दावा और परिवार का बयान आपस में मेल नहीं खाता है। उक्कम ने दावा किया है कि जब वे लोग अंदर घुसे तो फर्श पर खून और कीड़े थे। पुलिस ने रेफ्रिजरेटर जब्त कर फोरेंसिक जांच कराई। पुलिस को शक है कि हत्यारे ने भागने से पहले घर को अच्छी तरह से धोया या फिर उसके शरीर को कहीं और काटा। बेडरूम में मिला ट्रॉली सूटकेस शव रखकर उसे ठिकाने लगाने के लिए लाया गया था। पुलिस को शक है कि डेडबॉडी को घर से बाहर ले जाकर ठिकाने लगाने में रिस्क था। जहां महालक्ष्मी रहती है, वो भीड़भाड़ वाला इलाका है। इसी वजह से मर्डर करने वालों ने बॉडी के टुकड़े किए। उन्हें फ्रिज में भर दिया, ताकि कुछ दिनों तक बदबू न आए। आरोपियों ने खून के निशान मिटाए और फरार हो गए। शुरुआती जांच में पता चला है कि बॉडी के टुकड़े 19 दिनों से फ्रिज में बंद थे। अब तक शव के 59 टुकड़े मिले हैं। इन टुकड़ों को बोरिंग हॉस्पिटल के पोस्टमॉर्टम हाउस में पहले एक-दूसरे के साथ जोड़ा गया। फिर आगे की जांच की गई। महालक्ष्मी का मोबाइल घर से बरामद हुआ, उसे ऑफ किया गया था। उसकी भी फोरेंसिक जांच करवाई जा रही है। बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर बी दयानंद ने बताया कि बॉडी के टुकड़े कर सिंगल डोर वाले 165 लीटर के फ्रिज में रखे गए थे। जांच में सामने आया है कि महिला के सिर को तीन हिस्सों में काटा गया। पैर के कई टुकड़े किए गए। महिला की आंतें, सिर के बाल और अन्य छोटे हिस्से एक प्लास्टिक में भर फ्रिज में रखे हुए थे।
Mahalakshmi case mukti ranjan : महालक्ष्मी के कातिल ने कर दी हत्या
Mahalakshmi case mukti ranjan : कातिल ने डेडबॉडी के 59 टुकड़े किए और उन्हें फ्रिज में रख दिया। बेंगलुरु पुलिस को जिन 4 लोगों पर मर्डर का शक था, उनमें मुक्तिरंजन भी शामिल था। वो महालक्ष्मी के साथ एक ही शोरूम में काम करता था। महालक्ष्मी की डेडबॉडी मिलने के बाद मुक्तिरंजन की तलाश की गई, लेकिन वो नहीं मिला। पुलिस 21 सितंबर से उसे ढूंढ रही थी। 25 सितंबर की दोपहर 30 साल के मुक्तिरंजन ने ओडिशा में अपने गांव में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उसकी डेडबॉडी एक पेड़ पर लटकती मिली। पुलिस को डेड बॉडी के पास एक डायरी और सुसाइड नोट मिला। इसमें मुक्तिरंजन ने महालक्ष्मी के मर्डर की बात कबूली है। पुलिस को पता चला है कि महालक्ष्मी मुक्तिरंजन को किडनैपिंग केस में फंसाने की धमकी दे रही थी। मुक्तिरंजन ने सुसाइड नोट में लिखा कि वह महालक्ष्मी को पसंद करता था। उससे बहुत प्यार करता था, लेकिन वो आए दिन मुझसे झगड़ा करती थी। मैंने उस पर काफी पैसा खर्च किया। उसका बर्ताव मेरे लिए ठीक नहीं था। वो मुझे किडनैपिंग केस में फंसाने की धमकी दे रही थी। मैं 3 सितंबर को महालक्ष्मी के घर गया था। वो मुझसे बहस करने लगी। मैं बात ही कर रहा था, तभी महालक्ष्मी ने मुझ पर हाथ उठा दिया। मुझे बहुत गुस्सा आया, इतना कि मैंने उसे मार डाला। गुस्से में मैंने जो कुछ किया, वो गलत था। मैं डर गया था, इसलिए भागकर घर आ गया। इधर महालक्ष्मी की हत्या व मुक्तिरंजन द्वारा हत्या के बाद सुसाइड करने का सुसाइड नोट मिलने के बाद मुक्तिरंजन का भाई सत्यरंजन पुलिस से बोला कि एक दिन उसके भाई ने उसे फोन किया था।
वो बहुत टेंशन में लग रहा था। मैंने पूछा तो बोला- वो लड़की महालक्ष्मी मुझे ब्लैकमेल कर रही है। मुझसे सोने की चेन और 7 लाख रुपए ले चुकी है। फैमिली को ये बात पता चली तो वे भाई पर बहुत नाराज हुए। उससे कहा कि सब उस लड़की को दे दोगे, तो हम कहां जाएंगे। महालक्ष्मी के मर्डर की खबर मिलते ही पुलिस उसके घर पहुंची। लाश के टुकड़े रिकवर करके इन्वेस्टिगेशन शुरू की गई। पुलिस को शक था कि मर्डर में महालक्ष्मी के पति हेमंत का हाथ हो सकता है। दोनों में बिल्कुल नहीं बनती थी। महालक्ष्मी ने फरवरी में उसके खिलाफ मारपीट की शिकायत दर्ज कराई थी। महालक्ष्मी हेमंत से अलग रहती थी। पुलिस ने हेमंत से पूछताछ की। उसने बताया कि महालक्ष्मी का अशरफ नाम के हेयर ड्रेसर के साथ अफेयर चल रहा था। मैंने एक दिन उसका मोबाइल चेक किया था। इसी से पता चला कि वो अशरफ से बात करती है। अशरफ उसे बाइक से घर लेने और छोड़ने जाता था। हेमंत के बयान से पुलिस को लगा कि अशरफ ने ही महालक्ष्मी की हत्या की होगी। अशरफ की तलाश शुरू की गई। वो बेंगलुरु में ही था और सैलून में काम करता मिला। पुलिस उसे थाने ले आई। अशरफ उत्तराखंड का रहने वाला है। पुलिस ने उसकी 20 दिनों की लोकेशन और कॉल डिटेल का रिकॉर्ड चेक किया। अशरफ अब भी पुलिस की कस्टडी में है। पुलिस ने महालक्ष्मी के घर के पास लगे CCTV कैमरों की फुटेज देखी। पता चला कि 2 सितंबर की रात दो लोग स्कूटी से महालक्ष्मी के घर आए थे। फुटेज में उनके चेहरे साफ नहीं दिख रहे थे। अब तक की जांच में साफ था कि हेमंत और अशरफ ने महालक्ष्मी का मर्डर नहीं किया। उसे मारने वाला कोई तीसरा व्यक्ति था। जांच आगे चलती रही।
Mahalakshmi case bangalor : ऐसे मिला मुक्तिरंजन का क्लू
Mahalakshmi case bangalor : पुलिस सोर्सेज ने बताया कि इस मामले में 67 लोगों से पूछताछ की गई। इनमें से 8 लोग शक के घेरे में थे। महालक्ष्मी के परिवार से भी पूछताछ की। उसके भाई उक्कम ने 3 लोगों पर शक जताया था। एक महालक्ष्मी का मैनेजर, एक ऑफिस कलीग और एक दोस्त। पुलिस ने मैनेजर और दोस्त को पकड़ा, लेकिन पूछताछ करके छोड़ दिया। अब तक पुलिस को यकीन हो गया था कि मर्डर मुक्तिरंजन ने ही किया है। उक्कम ने दैनिक भास्कर डिजीटल से बातचीत में बताया था कि पुलिस मुख्य आरोपी तक नहीं पहुंच पाई है। वो ओडिशा का रहने वाला है और महालक्ष्मी के ऑफिस में साथ काम करता है। इसी बीच बेंगलुरु पुलिस को मुक्तिरंजन के छोटे भाई का फोन नंबर मिला। उससे बात करने पर मुक्तिरंजन का क्लू मिल गया। भाई ने बताया कि मुक्तिरंजन ने घर पर फोन किया था। मुझसे बोला कि जल्दी घर खाली करके कहीं चले जाओ। मैंने वजह पूछी तो कहा कि फोन पर बात नहीं कर सकता। घर आ रहा हूं, मिलकर सब बताऊंगा। मुक्तिरंजन के भाई की बातों से भी साफ हो गया कि महालक्ष्मी का मर्डर उसी ने किया है। पुलिस ने मुक्तिरंजन को पकड़ने के लिए उसकी लोकेशन ट्रैक करवाई। शुरुआत में मुक्तिरंजन के मोबाइल की लोकेशन पश्चिम बंगाल में मिली। फिर फोन स्विच ऑफ आने लगा। आखिर में उसकी लोकेशन ओडिशा के फंडी गांव में मिली। लोकेशन आइडेंटिफाई होने के बाद बेंगलुरु पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए टीम भेज दी। पुलिस मुक्तिरंजन को खोज ही रही थी कि 25 सितंबर की दोपहर उसका शव कुलेपाड़ा के कब्रिस्तान में लटका मिला। ये जगह उसके घर से करीब 3 किमी दूर है। फिलहाल, मुक्तिरंजन की खुदकुशी का केस दुशिरी थाने में दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक, मुक्तिरंजन सुसाइड से एक दिन पहले 24 सितंबर को घर आया था। उधर, मुक्तिरंजन की मां ने भी उसके घर आने की बात मानी है। वे बताती हैं, ‘मेरे तीन बच्चे हैं। मुक्तिरंजन सबसे छोटा है। वो 2 साल से घर नहीं आया था। अचानक रात में 10 बजे आया। बहुत टेंशन में था। आते ही बोला- मां चाय बना दो। फिर खाना मांगा। सुबह 4 बजे तक वो घर में रहा। इसके बाद चला गया। जाते वक्त लैपटॉप, अंगूठी और चेन ले गया। मुक्तिरंजन के भाई सत्यरंजन बताते हैं कि महालक्ष्मी के मर्डर से पहले मुक्तिरंजन मेरे पास आया था। वो 10-12 दिन बेरहामपुर में मेरे हॉस्टल में रुका। तभी उसने बताया था कि मैं बहुत परेशान हूं। डर है कि कोई बड़ा क्राइम न कर बैठूं।
सत्यरंजन का आरोप है कि एक बार मुक्तिरंजन केरल जा रहा था। तब महालक्ष्मी ने उसकी बाइक को रोका और किडनैपिंग की बात कहकर उसकी पिटाई करवा दी थी। वहां मौजूद लोगों ने उसे बहुत मारा और पुलिस के हवाले कर दिया। मुक्तिरंजन पुलिस को 1 हजार रुपए देकर छूटा था। अब फिलहाल महालक्ष्मी मर्डर केस को 3 हफ्ते बीत चुके हैं। बेंगलुरु पुलिस महालक्ष्मी के परिवार और उसके दोस्त अशरफ से अब भी पूछताछ कर रही है। पता चला है कि महालक्ष्मी मुक्तिरंजन पर शादी करने का दबाव बना रही थी। काम के दौरान भी महालक्ष्मी को किसी स्टाफ से मुक्तिरंजन का बात करना बर्दाश्त नहीं था। अब तक ये भी पता नहीं चला है कि महालक्ष्मी के शरीर के टुकड़े उसकी हत्या के बाद किए गए या उस वक्त जब वो जिंदा थी। ये सब मुक्तिरंजन के अरेस्ट होने के बाद ही पता चलता, लेकिन उसने खुदकुशी कर ली।
Mahalakshmi case ashraf : महालक्ष्मी के भाई पर शक
Mahalakshmi case ashraf : पुलिस अब भी तीन पॉइंट्स पर केस की जांच कर रही है। मुक्तिरंजन की आत्महत्या की खबर आने के बाद महालक्ष्मी के भाई उक्कम सिंह को फोन किया। कई बार कोशिश के बाद फोन उठा। फोन किसी पुलिस अधिकारी ने उठाया। उन्होंने कहा कि आप बार-बार फोन मत कीजिए। उक्कम अभी थाने में है। उससे पूछताछ चल रही है। पुलिस को लग रहा है कि इस केस में उक्कम सिंह और अशरफ का भी इन्वॉल्वमेंट हो सकता है। पुलिस पता लगा रही है कि कहीं इन्हीं दोनों ने मुक्तिरंजन पर किडनैपिंग के केस में फंसाने का दबाव तो नहीं बनाया था। मुक्तिरंजन के भाई सत्यरंजन ने बताया है कि महालक्ष्मी के भाई उक्कम और उसके दोस्तों ने मुक्तिरंजन को धमकाया था। उसकी पिटाई भी की थी। कहा था कि जैसा महालक्ष्मी बोल रही है, वैसा ही करो। अगर नहीं किया तुम्हें और तुम्हारे भाइयों को मार डालेंगे। मुक्तिरंजन के भाई के बयान पर अब पुलिस उक्कम सिंह से पूछताछ कर रही है।
Who was the killer of Mahalakshmi? : मुक्तिरंजन व महालक्ष्मी की मॉल में हुई मुलाकात
Who was the killer of Mahalakshmi? : बेंगलुरु पुलिस के मुताबिक, 2023 में एक मॉल में मुक्तिरंजन और महालक्ष्मी की मुलाकात हुई थी। दोनों कपड़े के शोरूम में काम करते थे। काम के दौरान ही दोस्त बन गए। दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे। महालक्ष्मी, मुक्तिरंजन पर शादी करने का दबाव बना रही थी। शादी न करने पर किडनैपिंग के केस में फंसाने की धमकी देती थी। दोनों में इसी बात पर बहस होती थी। इसी गुस्से में मुक्तिरंजन ने उसकी हत्या कर दी। महालक्ष्मी केस के जांच अधिकारी बेंगलुरु से ओडिशा पहुंच गए हैं। पुलिस अब मुक्तिरंजन के लैपटॉप का डेटा रिकवर करेगी। इससे केस से जुड़े और खुलासे हो सकते हैं।
बेंगलुरु के महालक्ष्मी मर्डर केस के मुख्य आरोपी ने ओडिशा के भद्रक जिले के गांव में बुधवार दोपहर फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। उसका शव एक पेड़ पर लटकता मिला। उसकी बाइक भी वहीं खड़ी मिली। पुलिस के मुताबिक मृतक का नाम मुक्तिरंजन रॉय है। उसके पास से एक डायरी बरामद हुई है, जिसमें उसने महालक्ष्मी के मर्डर की बात कबूली है। महालक्ष्मी और रंजन साल 2023 एक-दूसरे जानते थे और रिलेशनशिप में थे। दोनों एक ही मॉल में काम करते थे। 20 सितंबर को बेंगलुरु के व्यालिकावल इलाके में बसप्पा गार्डन के पास बने तीन मंजिला मकान में 29 साल की महालक्ष्मी की लाश मिली थी। उसके शव के 59 टुकड़े कर फ्रिज में रखे गए थे।महालक्ष्मी मल्लेश्वरम में एक कॉस्ट्यूम आउटलेट में टीम लीडर थी। कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने भी कहा था कि संदिग्ध के ओडिशा में होने की जानकारी मिली है। आरोपी को पकड़ने के लिए टीमों का गठन किया गया है। उन्हें ओडिशा भेजा गया है। बेंगलुरु पुलिस भी आरोपी की तलाश कर रही थी।
इस क्राइम घटना के फैक्ट
इस कहानी के फैक्ट पर बात करें तो 1 सितंबर को महालक्ष्मी और मुक्तिरंजन आखिरी बार काम के लिए शोरूम गए थे। 2 सितंबर से महालक्ष्मी का मोबाइल बंद हो गया। 3 सितंबर को मुक्तिरंजन के मुताबिक, वो महालक्ष्मी के घर गया था, इसी दिन उसका मर्डर किया। 20 सितंबर को महालक्ष्मी के घर से बदबू आने पर उसके मर्डर का पता चला, फ्रिज में लाश के टुकड़े मिले। 25 सितंबर को मुक्तिरंजन बेंगलुरू से भागकर घर पहुंचा, सुबह खुदकुशी की। 26 सितंबर को पुलिस ने बताया कि मुक्तिरंजन ने सुसाइड नोट में महालक्ष्मी की हत्या की बात कबूली है, लेकिन महालक्ष्मी की हत्या के कारण को लेकर अब भी कई सवाल खडे है, जिसकाे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। क्योंकि आरोपी मुक्तिरंजन के भाई सत्यरंजन का बयान भी सवाल खडे कर रहा है, तो सीसीटीवी फुटेज में दो लोग दिखाई दे रहे हैं, तो यही सवाल है कि एक व्यक्ति मुक्तिरंजन था, तो दूसरा कौन है। इस कारण महालक्ष्मी हत्या के बाद भी कई रहस्य है, जिससे पर्दा नहीं उठ पा रहा है और कई तरह के सवाल खडे हो रहे हैं। फिलहाल महालक्ष्मी की हत्या को लेकर यह स्पष्ट हो गया कि मुक्तिरंजन ने ही उसकी हत्या की है और प्रथम दृष्टया उनके बीच प्यार भी था और शादी का दबाव भी बनाया जा रहा था, तो क्या यही कारण था उसकी हत्या का। खैर, जो भी हो, लेकिन अभी महालक्ष्मी केस एक पहेली बनकर रह गया है, जो पुलिस को न सिर्फ चौंका रहा है, बल्कि चक्करघिन्नी भी बनाता जा रहा है।
यह कहानी बताने के पीछे हमारा उद्देश्य किसी की भावना को आहत करना या परेशान करना नहीं, बल्कि आमजन को शिक्षित व सतर्क करना है। महालक्ष्मी की शादीशुदा जिंदगी ठीक से कट रही थी, तो उसने पति को छोड मुक्तिरंजन से क्यों रिलेशन जोडा और रिलेशन जोड लिया, तो मुक्तिरंजन शादी के लिए क्यों रजामंद नहीं था। कहीं न कहीं बात अविश्वास की है। इस कहानी यह सीख मिलती है कि बिना सोचे समझे किसी भी इतना विश्वास नहीं करना चाहिए, भविष्य में पछतावे के सिवाय कुछ नहीं कर पाए। इस तरह महालक्ष्मी ने अनैतिक प्यार के चलते न सिर्फ मासूम बेटी को दरकिनार कर दिया, बल्कि पति से भी अलग रहने लग गई। आखिर ऐसे हालात क्यों उत्पन्न हुए, यह चिंताजनक बात है। खैर, यह कहानी आपको कैसी लगी और आपके नजरिए में यह कहानी क्या सीख देती है, कमेंट करके जरूर बताएं। इसी तरह रियल घटना पर आधारित क्राइम की नई कहानी के लिए हमारे यू ट्यूब चैनल को जरूर सब्सक्राइब करें और फेसबुक पेज पर भी फॉलो करें। धन्यवाद