भारत के प्रथम क्रांतिकारी एवं स्वतंत्रता सेनानी-मंगल पांडे

ByParmeshwar Singh Chundawat

Aug 16, 2023 #1857 क्रांति मंगल पांडेय, #jaivardhan news, #jayavardhan news, #jayvardhan news, #live rajsamand, #mangal pandey, #mangal pandey 2005 song, #mangal pandey aamir khan, #mangal pandey aamir khan movie, #mangal pandey biography in hindi, #mangal pandey dance, #mangal pandey film, #mangal pandey full movie, #mangal pandey full movie i मंगल पांडे i aamir khan, #mangal pandey history, #mangal pandey last scene, #mangal pandey movie, #mangal pandey movie song, #mangal pandey scene, #mangal pandey songs, #mangal pandey songs dance, #mangal pandey status, #mangal pandey story, #mangal pandey: the rising (2005) songs, #mewar news, #Rajasthan news, #rajasthan news live, #rajasthan police, #rajsamand news, #udaipur news, #अमर शहीद मंगल पांडे जी की कहानी, #मंगल पांडे, #मंगल पांडे 1857, #मंगल पांडे 1857 की क्रांति, #मंगल पांडे का गांव नगवा बलिया, #मंगल पांडे जयंती, #मंगल पांडे द राइज़िंग, #मंगल पांडे मातादीन भंगी, #मंगल पांडे या कोतवाल धनसिंह गुर्जर, #मंगल पांडे स्टोरी इन हिंदी, #मंगल पांडेय, #मंगल पांडेय का जन्म, #मंगल पांडेय का जीवन परिचय, #मंगल पांडेय जीवन परिचय, #शहीद मंगल पांडे का गांव
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माइ एहड़ो पूत जण,के दाता के सूर।
नितर रेइजे बांजड़ी,मत गमाईजे नूर।।

ये राजस्थानी दोहा पढ़कर मन में एक अलग ही जोश और राष्ट्रप्रेम की लहरें हिलोरें मारने लगती है और भुजाएं फड़कने लगती है। ऐसे ही स्वतंत्रता और स्वदेश प्रेम के पुजारी,अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने के लिए भारत माता के वीर सपूत शहीद मंगल पांडे के बारे में हम संक्षिप्त जानकारी प्राप्त कर इस "स्वतंत्रता दिवस के अमृत महोत्सव का शुभारंभ करेंगे। क्रांतिकारी मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा गांव में माता अभयरानी की कोख से हुआ इनके पिता दिवाकर पांडे थे।
मंगल पांडे कलकत्ता के पास बैरकपुर छावनी मे 34 वी बंगाल नेटिव इन्फैंट्री" की पैदल सेना के सिपाही थे और उनका बैल्ट नं.-1446 था। मंगल पांडे के अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह की गूंज संपूर्ण भारत में दावानल की तरह फ़ैल गई जिसे बुझाने के लिए अंग्रेजों को नानी याद आ गई परंतु सन् 1857 की क्रांति के शुभारंभ ने 1947  में भारत की स्वतंत्रता के बीज बो दिए थे। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस विद्रोह के परिणाम स्वरूप अपने देशभक्त सैनिक को ब्रिटिश अफ़सर पर हमले का आरोपी मान कर मात्र 30 वर्ष की आयु में 8 अप्रैल 1857 को फांसी देकर अपने डर को कम किया। मंगल पांडे भारत के पहले शहीद थे जो भारत माता के लिए और देशवासियों की आजादी के लिए संपूर्ण भारत में क्रांति का शुभारंभ कर गये परिणाम स्वरूप 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों की गुलामी से भारत मुक्त हुआ और आज हम सभी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं।
ऐसे वीर सपूत भारत माता के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी और शहीद को मेरा बारंबार प्रणाम। इस लेख का समापन मैं अपनी स्वरचित कविता की चार पंक्तियों से करना चाहुंगा-
आज हमें इस,आजादी की रक्षा करनी है,
तन से करनी,मन से करनी,धन से करनी है।
स्वतंत्रता दिवस हमें, याद दिलाने आ गया,
मिल के रहो, मिल के रहो, मिल के रहो रे।।

जय हिन्द। 

बख्तावर सिंह चुंडावत
प्रधानाचार्य रा.उ.मा.वि.-जनावद(कुंभलगढ़)
जिला-राजसमन्द
मो.नं.-9413287301