मार्बल पर बढ़ाई गई राॅयल्टी के विरोध में मार्बल व्यवसाय तीसरे दिन भी ठप रहा। बढ़ाई गई दरों को कम करने की मांग को लेकर मार्बल व्यापारियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। मार्बल व्यवसाय बंद होने से राजसमंद जिले में करीब 40 हजार से ज्यादा मजदूर बेरोजगार हो गए है ।
राज्य सरकार की ओर से मार्बल के कच्चे माल पर रॉयल्टी 21 प्रतिशत बढ़ाने के विरोध में मंगलवार से ही खदानों में लदान बंद हैं। राजसमंद में 1200 मार्बल व 300 ग्रेनाइट खदानें, 3 हजार कटर, 500 मार्बल गैंगसा तथा 300 ग्रेनाइट गैंगसा कटर में लदान बंद है। मार्बल व्यवसाय बंद होने से मार्बल व्यवसाय से जुड़े करीब 40 हजार श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। लदान बंद होने से ट्रांसपोर्ट व्यवसाय बंद रहा। इन खदानों से प्रतिदिन 3500 ट्रकों और ट्रेलर से लदान होता है,जो बंद हो गया।
मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को दिया ज्ञापन
मार्बल माइंस ऑनर्स एसोसिएशन ने गुरुवार को कलेक्टर अरविंद पोसवाल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। एसोसिएशन अध्यक्ष गौरव सिंह राठौड़ ने बताया कि कोविड-19 की वजह से पहले से ही मार्बल व्यवसाय की हालत खराब हैं। बाजार में उपलब्ध मार्बल के अन्य विकल्प जैसे सिरामिक टाइल्स, विट्रीफाईड टाइल्स, आयातित विदेशी मार्बल और मंदी से मार्बल व्यवसाय लड़खड़ाया हुआ हैं। राज्य सरकार की ओर से ऐसे समय में रॉयल्टी वृद्धि करने से इस व्यवसाय पर गंभीर हानिकारक प्रभाव पड़ेगा। पूर्व में कई बार राज्य सरकार को रॉयल्टी कम करने के लिए निवेदन किया गया लेकिन कोई राहत प्राप्त नहीं मिली। मार्बल व्यवसायियों ने सरकार से बढ़ाई गई रॉयल्टी को पुनः कम कर रॉयल्टी की पुरानी दर करने की मांग की। इस दौरान एसोसिएशन संरक्षक हरि सिंह राठौड़, तनसुख बोहरा, पर्यावरण विकास संस्था अध्यक्ष रामनारायण पालीवाल, दिनेश बडाला, मधुसूदन व्यास, महेश प्रताप सिंह, सुरेश सांखला, देवीलाल बुनकर, परमेश्वर बोहरा मौजूद थे।