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जोधपुरा गांव में बंदर की मौत होने पर ग्रामीणों ने हिंदू रीति रिवाज से बंदर का अंतिम संस्कार किया। साथ ही ग्रामीणों ने गांव में बंदर की अंतिम यात्रा भी निकाली। ग्रामीण भक्ति भजनों पर नाचते गाते चल रहे थे।
राजसमंद जिले के कुंवारिया क्षेत्र जोधपुरा गांव में रविवार को एक बंदर की मौत हो गई। उसकी मौत के बाद ग्रामीणों ने उसे नहलाकर पगड़ी और माला पहनाई। लॉरी में बंदर की झांकी सजाकर भजनों की धून के साथ गांव में घूमाया गया। इस दौरान झांकी पर जगह-जगह पुष्प वर्षा कर गुलाल उड़ाई गई। बाद में हिंदू रीति रिवाज के अनुसार बंदर का अंतिम संस्कार किया।

जोधपुरा निवासी कैलाश जाट ने बताया कि गांव में मांगीलाल जाट की छत पर एक बीमार बंदर गत 5 दिनों से रह रहा था। ग्रामीणों का बंदर से लगाव हो गया और वे बंदर की सेवा करने लग गए। प्रतिदिन पानी और भोजन की व्यवस्था करते थे। रविवार सुबह 11 बजे बंदर की मौत हो गई। खबर पर गांव के सभी लोग एकत्रित हो गए। ग्रामीणों ने रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। बंदर को पानी से नहलाकर पगड़ी और माला पहनाई गई। लॉरी में बंदर की झांकी सजाई गई। इसके बाद ग्रामीणों ने भजन करते हुए विभिन्न गली मौहल्लों में झांकी को घूमाया। इस दौरान ग्रामीणों ने फूल और नारियल चढ़ाकर अंतिम विदाई दी। नारियल से लॉरी भर गई। ग्रामीण बजरंग बली के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे।

बस स्टैंड पर जयकारे के साथ मृत बंदर को समाधि दी गई। इस दौरान लक्ष्मणदास, श्यामदास, दिनेश कुमावत, भैरूलाल कुमावत, लेहरुलाल बैरवा, डालुपुरी गोस्वामी सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।