देश में कोरोना के मामले बढ़ने से फिर से नाइट कर्फ्यू की नौबत आ गई है। लोगों की लापरवाही देश पर भारी पड़ने लगी है। लोग बिना मास्क बाहर निकल रहे है। अब राज्य सरकारों ने फिर से सख्ती शुरू कर दी है। कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन तीन गुना तेजी से बढ़ रहा है। इसको लेकर केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को पाबंदियां बढ़ाने के निर्देश दिए।
मध्यप्रदेश में लोग नए साल का जश्न खुलकर नहीं मना सकेंगे। सरकार ने तत्काल प्रभाव से नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। नई गाइडलाइन भी जारी कर दी है। ऐसे में लोग रात 11 से सुबह 5 बजे तक घर से नहीं निकल सकेंगे। यानी रात 12 बजे नए साल के जश्न की जो तैयारियां की जा रही हैं, उन्हें झटका लगा है। सरकार ने 17 नवंबर को नाइट कर्फ्यू सहित कोविड की सभी पाबंदियां हटा दी थीं। 37 दिन बाद अब फिर से केस बढ़ने के कारण नाइट कर्फ्यू लगाना पड़ा है।
सरकार ने कहा है कि जिम, कोचिंग, थिएटर, सिनेमा हॉल, स्वीमिंग पूल में 18 साल उम्र से ज्यादा के उन्हीं लोगों को एंट्री मिलेगी, जिन्होंने दोनों डोज लगवा लिए हैं। बच्चों पर यह बंधन लागू नहीं होगा।
गाइडलाइन
- लोग खरीदारी के लिए मार्केट और मॉल आ-जा सकेंगे। इसके लिए व्यापारी संगठन दुकानदारों-कर्मचारियों को दोनों डोज लगवाने के लिए कहना होगा।
- सरकारी कर्मचारियों को डोज लगवाना होगा। ड्यूटी पर भी आना होगा।
- स्कूल, हॉस्टल, कॉलेज में शिक्षकों, कर्मचारियों और 18 साल से ज्यादा उम्र के छात्रों को वैक्सीन लगवाना होगा। अभी ये खुले रहेंगे।
- जुर्माना शहर के अनुसार नियमानुसार रहेगा। यह अलग-अलग हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने किया नाइट कर्फ्यू का ऐलान
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने गुरुवार से राज्य में नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया। प्रदेश में अब रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक आवाजाही पर रोक रहेगी। मुख्यमंत्री ने लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करने, मास्क पहनने और कोरोना से बचाव के सभी उपायों का पालन करने की अपील की है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि MP में कई महीने बाद कोविड के 30 नए केस मिले हैं। महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली में पिछले एक सप्ताह से मामले तेजी से बढ़े हैं। इन तीनों राज्यों से मध्यप्रदेश में बहुत लोग आते हैं। पहले भी महाराष्ट्र, फिर गुजरात और उसके बाद मध्यप्रदेश में कोरोना की पहली और दूसरी लहर आई। दोनों लहरों के दौरान राज्य में संक्रमण की शुरुआत इंदौर और भोपाल से हुई थी। इंदौर में अब फिर से वीकली केस नवंबर की तुलना में दिसंबर में तीन गुना हो गए हैं, जो चिंता की बात है।