होटल, ढ़ाबों, धर्मशालाओं की जांच के दौरान एक धर्मशाला में 2 बाल श्रमिक साफ-सफाई करते व झूठे बर्तन धोते मिले। पुलिस ने दोनों बच्चों का रेस्क्यू किया। पूछताछ के दौरान मैनेजर द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं देने पर पुलिस ने संस्थान के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया।
राजसमंद जिले के चारभुजा में पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर शुक्रवार रात होटल, ढाबों, धर्मशालाओं और सरायों की जांच की जा रही थी। इस दौरान पुलिस ने अखिल भारतीय माहेश्वरी सदन संस्थान में काम करते दो बाल श्रमिकों का रेस्क्यू किया। दोनों बच्चे संस्थान की भोजनशाला में साफ-सफाई और झूठे बर्तन धोते हुए मिले। पुलिस ने मैनेजर से पूछताछ की, लेकिन वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। पुलिस ने संस्थान के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्जकर जांच शुरू कर दी है।
थानाधिकारी भवानीशंकर ने बताया कि होटल, ढाबों और धर्मशालाओं की जांच के दौरान टीम अखिल भारतीय माहेश्वरी सेवा सदन संस्थान चारभुजा पहुंची, तो वहां भोजनशाला में दो बच्चे साफ-सफाई करते और झूठे बर्तन धोते मिले। डूंगरपुर जिले के थाना आसपुर पारड़ाजानी निवासी हाल चारभुजा संस्थान मैनेजर दिनेश चन्द्र पुत्र शंकरलाल प्रजापत ने दोनों बाल श्रमिक बिहार राज्य के रहने वाले बताए और कोई कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया। टीम प्रभारी और थाना चारभुजा के बाल कल्याण अधिकारी प्रताप सिंह ने दोनों बाल श्रमिकों को संरक्षण में ले लिया। मैनेजर दिनेश चन्द्र को डिटेन कर मौके की आवश्यक कार्रवाई कर मैनेजर और रेस्क्यू किए बाल श्रमिकों को थाने पर लेकर आए। थाना चारभुजा पर धारा 75, 79 बालको का संरक्षण और देखरेख अधिनियम 2015 व धारा 374 भादस में मामला दर्ज किया गया। बाल श्रमिकों को बाल कल्याण अधिकारी प्रताप सिंह ने नियमानुसार रात को थाने में रखा जाना उचित नहीं होने से बाल कल्याण समिति राजसमंद के समक्ष पेश किया। कार्रवाई करने वाली टीम थानाधिकारी भवानी शंकर, सहायक उपनिरीक्षक प्रताप सिंह, हेड कांस्टेबल किशोर सिंह, कांस्टेबल भगवान सिंह शामिल थे।