Organ Transplant Scam : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 1 अप्रैल को अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में फोर्टिस और ईएचसीसी अस्पतालों में छापेमारी की। इस दौरान, एसीबी ने दोनों अस्पतालों से 35 से अधिक फाइलें जब्त की। साथ ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों की टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
एसीबी डीआईजी डॉ. रवि ने बताया कि जांच में अब तक सामने आया है कि आरोपियों ने नेपाल, बांग्लादेश और कंबोडिया के मरीजों को फर्जी एनओसी देकर उनका ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया था। पिछले 3 सालों में, इन बदमाशों ने 1000 से अधिक फर्जी सर्टिफिकेट बनाए, जिसके आधार पर अस्पतालों के डॉक्टरों ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट किए। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों की टीम ने एनओसी फर्जीवाड़ा के मामले में एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह, फोर्टिस और ईएचसीसी अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर को गिरफ्तार किया था। ACB को शक था कि ये लोग ऑर्गन की खरीद-फरोख्त करते हैं, लेकिन जांच में यह बात सामने आई कि इनके द्वारा किसी भी प्रकार से गलत व्यक्ति को ऑर्गन डोनेट नहीं किया गया था।
सर्टिफिकेट का मनचाहा पैसा लेते
जिन मरीजों की स्थित नाजुक होती थी, उनसे जल्दी सर्टिफिकेट बनाने के लिए मनचाहा पैसा लिया जाता था। अस्पताल में ये लोग प्रति सर्टिफिकेट 35 हजार दिया करते थे, जबकि मरीज से 1 लाख रुपए तक लिया करते थे। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा की अध्यक्षता में हुई बैठक में मरीजों के परिजनों को एनओसी देने की प्रक्रिया में बदलाव का निर्णय लिया गया है।
अंग प्रत्यारोपण के लिए एनओसी : अब ऑनलाइन होगी प्रक्रिया
ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए एनओसी जारी करने में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद, एसएमएस हॉस्पिटल प्रशासन ने मरीजों के परिजनों को एनओसी देने की प्रक्रिया में बदलाव का निर्णय लिया है। अब यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई। डॉ. बगरहट्टा ने बताया कि फर्जी एनओसी जारी करना एक गंभीर मामला है और इसे रोकने के लिए ऑनलाइन प्रणाली ज़रूरी है। एसएमएस हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने बताया कि वे इस प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ ही नई एसओपी बनाने पर भी विचार कर रहे हैं, ताकि मरीजों को ज्यादा लंबा इंतजार नहीं करना पड़े और उन्हें जल्द से जल्द ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए एनओसी मिल सके।
ऑनलाइन प्रक्रिया में:
- जिस अस्पताल में ट्रांसप्लांट होना है, वहां का प्रशासन मरीज और डोनर दोनों की एप्लीकेशन ऑनलाइन ही भेजेगा।
- एनओसी जारी करने से पहले सभी दस्तावेजों की जांच ऑनलाइन की जाएगी।
- पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और जवाबदेह होगी