लक्ष्मणसिंह राठौड़/ पवन वैष्णव @ आमेट (राजसमंद)

बारिश का दौर अभी नहीं थमा, उससे पहले ही दो- दो मटकी पेयजल के लिए शहरवासी तरस गए। जलदाय विभाग से लेकर प्रशासन तक को कई बार अवगत कराने के बाद भी जलापूर्ति व्यवस्था में सुधार नहीं होने से शहर के लोग उग्र हो गए। महिलाएं खाली मटकियां लेकर आई, तो शहरवासी हाथ में काले झंडे लेकर आए और जलदाय विभाग के साथ प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। इस तरह आमेट शहर का बाजार पूर्ण रूप से बंद रहा। लोगों के आक्रोश को देखते हुए भारी पुलिस जाब्ता तैनात किया गया। साथ ही लोगों ने उपखंड अधिकारी निशा सहारण को ज्ञापन देकर तत्काल पेयजल का प्रतिदिन प्रबंध करने की मांग उठाई।

यह मामला है राजसमंद जिले के आमेट शहर का। मानसून का दौर खत्म होने को है, मगर अभी तक जलापूर्ति में कोई सुधार नहीं हुआ। बारिश भी कम हुई, मगर जलदाय विभाग द्वारा वैकल्पिक प्रबंध नहींं किए गए। आपको बता दूं कि अभी 8 से 10 दिन के अंतराल में जलापूर्ति हो रही है। इस कारण पेयजल की गंभीर समस्या से आमजन त्रस्त व परेशान है।

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जिला कलक्टर ने भी नहीं दिया ध्यान
कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्रसिंह राठौड़ ने जिला कलक्टर को समस्या से अवगत कराते हुए बाघेरी बांध से 24 घंटे में जलापूर्ति करने की मांग की, लेकिन न तो बाघेरी बांध परियोजना द्वारा जल वितरण शुरू किया गया और न ही जिला प्रशासन द्वारा कोई ध्यान दिया गया। इस कारण आमजन के लिए घर पर पेयजल का बड़ा संकट गहरा गया। फिर भी जिला कलक्टर नीलाभ सक्सेना द्वारा भी गंभीरता से नहीं लिया गया। इस कारण अब आमेट शहर के लोग आक्रोशित हो गए।

जलदाय विभाग ने भी पल्ला झाड़ दिया

जलदाय विभाग के सहायक अभियंता धन्नालाल ने मीडिया को बताया कि बाघेरी नाका से मिलने वाले पानी का समय तय नहंी है। साथ ही मानसून में भरपूर मात्रा में पानी की आवक के बावजूद बाघेरी से जलापूर्ति नहीं से समस्या आई है। इसके लिए उपखंड अधिकारी आमेट के साथ जिला कलक्टर नीलाभ सक्सेना को भी अवगत कराया गया है। इस तरह जलदाय विभाग ने पूरा मामला प्रशासन पर डालते हुए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।

आमेट शहर में मटकियों के साथ प्रदर्शन

पेयजल समस्या को लेकर परेशान महिलाएं खाली मटकियां लेकर आई, तो पुरुष हाथों में काले झंडे थामे हुए थे। सभी लोगों ने लक्ष्मी बाजार, सदर बाजार, नगरपालिका कार्यालय, बस स्टैंड होकर उपखंड कार्यालय पहुंचे, जहां जमकर विरोध प्रदर्शन किया। बाद में उपखंड अधिकारी निशा सहारण ने पेयजल समस्या का जल्द ही समाधान करने का आश्वासन दिया। शहरवासी व व्यापारियों ने कहा कि पहले भी आश्वासन दिया, मगर अब तक समस्या का समाधान क्यों नहीं हो पाया।

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लोग बोले- समस्या समाधान, तभी उठेंगे धरने से

उपखंड कार्यालय के बाहर सभी लोग धरने पर बैठ गए और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उपखंड अधिकारी निशा ने जल्द समस्या समाधान का आश्वासन दिया, मगर शहरी लोग बोले कि आपने तो पहले भी आश्वासन दिया, मगर अभी तक समाधान नहीं हुआ। अब समाधान नहीं होगा, तब तक वे धरने पर बैठे रहेंगे अथवा लिखित में देवे। इस तरह अभी तक लोग अपनी मांग पर अड़े हुए हैं और उपखंड कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं।

5 दिन में जलापूर्ति का दिया आश्वासन

धरना स्थल पर जलदाय विभाग के अधिकारियों ने आठ दिन की बजाय 5 दिन में जलापूर्ति का आश्वासन दिया। फिर भी आक्रोशित लोगों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर 12 सितंबर तक व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो फिर उग्र आंदोलन किया जाएगा और उसके लिए जलदाय विभाग के साथ प्रशासन ही जिम्मेदार रहेगा।

दोपहर बाद खुलने लग गया बाजार

पेयजल संकट को लेकर आक्रोशित व्यापार मंडल के आह्वान पर आमेट आधे दिन तक पूर्ण रूप से बंद रहा। दोपहर 12 बजे तक बाजार बंद रहा और आक्रोशित लोगों ने उपखंड कार्यालय के बाहर धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया। जलदाय विभाग व एसडीएम के आश्वासन के बाद लोग धरने से उठे, मगर 12 सितंबर तक समस्या समाधान नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है।