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Permanent Account Number : पैन कार्ड (Pan Card) एक विशिष्ट पहचान संख्या होती है, जिसे भारतीय आयकर विभाग (Income Tax Department) द्वारा जारी किया जाता है। यह दस अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक (Alphanumeric) कोड होता है, जो हर करदाता (Taxpayer) के लिए अद्वितीय होता है। इसे मुख्य रूप से वित्तीय लेन-देन (Financial Transactions) को ट्रैक करने और कर चोरी (Tax Evasion) को रोकने के उद्देश्य से जारी किया जाता है।

पैन कार्ड केवल एक पहचान पत्र (Identity Card) ही नहीं बल्कि एक महत्वपूर्ण वित्तीय साधन (Financial Instrument) है, जो सरकार को टैक्स चोरी पर अंकुश लगाने में मदद करता है। अगर किसी व्यक्ति के पास अभी तक पैन कार्ड नहीं है, तो उसे जल्द से जल्द आवेदन कर इसे बनवा लेना चाहिए, क्योंकि बिना पैन कार्ड के कई महत्वपूर्ण वित्तीय कार्यों को पूरा करना असंभव हो सकता है।

विभिन्न वर्गों में पैन कार्ड की स्थिति (PAN Card Distribution Across Different Categories)

  • व्यक्तिगत पैन कार्ड
  • व्यवसायिक पैन कार्ड
  • एनआरआई (NRI) पैन कार्ड
  • कंपनियों के लिए पैन

भविष्य में पैन कार्ड प्रणाली का विकास (Future Development of PAN Card System)

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा विश्लेषण से कर चोरी पर नजर
  • ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से अधिक सुरक्षित पैन कार्ड
  • तेजी से ई-पैन जारी करने की योजना

पैन कार्ड की अनिवार्यता और उपयोगिता (Necessity and Utility of PAN Card)

आज के डिजिटल और आर्थिक रूप से उन्नत युग में पैन कार्ड अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह वित्तीय पारदर्शिता बनाए रखने में सहायक है। गलत या फर्जी पैन कार्ड रखना अपराध की श्रेणी में आता है, इसलिए सही जानकारी के साथ पैन कार्ड बनवाना आवश्यक है। पैन कार्ड न केवल एक पहचान पत्र है, बल्कि यह कर प्रशासन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। सही और जिम्मेदार उपयोग से यह देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत बना सकता है।

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पैन कार्ड से संबंधित भविष्य की संभावनाएँ (Future Prospects of PAN Card)

  • डिजिटल इंडिया पहल के तहत पैन कार्ड को अधिक डिजिटल और सुरक्षित बनाया जाएगा।
  • अधिक स्वचालित और त्वरित सेवाएँ प्रदान की जाएंगी।
  • कर चोरी रोकने के लिए डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बढ़ेगा।

History of PAN Card : भारत में कर प्रणाली को सुचारू बनाने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए पैन कार्ड की अवधारणा को लागू किया गया। भारत सरकार ने 1972 में पहली बार करदाताओं को पहचान संख्या जारी करने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन यह पूरी तरह व्यवस्थित नहीं थी। 1995 में, भारतीय आयकर विभाग ने पैन कार्ड की व्यवस्थित प्रणाली विकसित की। पैन कार्ड करदाता को विशिष्ट पहचान प्रदान करता है, जिससे कर चोरी रोकने और वित्तीय गतिविधियों की पारदर्शिता बनाए रखने में मदद मिलती है।

  • 1964: स्थायी खाता संख्या (Permanent Account Number) की पहली बार चर्चा की गई।
  • 1972: सरकार ने करदाताओं के लिए विशिष्ट नंबर जारी करने की शुरुआत की, लेकिन यह पूरी तरह व्यवस्थित नहीं था।
  • 1995: भारतीय आयकर विभाग (Income Tax Department) ने पैन कार्ड को व्यवस्थित करने के लिए एक नई प्रणाली विकसित की।
  • 1 जुलाई 1995: भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से पैन कार्ड को लागू किया।
  • 2003: पैन कार्ड को इलेक्ट्रॉनिक रूप से जोड़ने और बैंकिंग सेवाओं (Banking Services) में आवश्यक बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई।
  • 2017: आधार (Aadhaar) को पैन कार्ड से जोड़ना अनिवार्य कर दिया गया, जिससे फर्जी (Fake) पैन कार्ड को समाप्त किया जा सके। फर्जी पैन कार्ड की समस्या को रोकने के लिए। आधार और पैन को आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर लिंक किया जा सकता है। पैन कार्ड निष्क्रिय हो सकता है और वित्तीय लेन-देन में बाधा आ सकती है।

पैन कार्ड आज हर व्यक्ति के लिए आवश्यक दस्तावेजों में से एक बन चुका है। इसे निम्नलिखित कार्यों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है:

  1. बैंक खाता खोलने के लिए: कोई भी व्यक्ति यदि बैंक (Bank) में खाता खोलना चाहता है तो पैन कार्ड अनिवार्य होता है।
  2. आयकर रिटर्न (Income Tax Return – ITR) भरने के लिए: करदाता को अपना आईटीआर दाखिल करने के लिए पैन कार्ड अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होता है।
  3. 50000 रुपये से अधिक के लेन-देन के लिए: बैंकिंग, निवेश (Investment), और अन्य वित्तीय कार्यों में यदि राशि 50,000 रुपये से अधिक हो, तो पैन कार्ड की आवश्यकता होती है।
  4. संपत्ति खरीदने-बेचने के लिए: किसी भी अचल संपत्ति (Real Estate) की खरीद-फरोख्त के लिए पैन कार्ड आवश्यक होता है।
  5. शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करने के लिए: म्यूचुअल फंड (Mutual Fund), शेयर (Shares), या अन्य वित्तीय साधनों में निवेश के लिए पैन कार्ड अनिवार्य होता है।
  6. नवीनतम सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए: पैन को आधार से लिंक करना अब जरूरी हो गया है ताकि सरकारी योजनाओं (Government Schemes) का फायदा उठाया जा सके।
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भारत में पैन कार्ड धारकों की संख्या

भारतीय आयकर विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में अब तक लगभग 50 करोड़ से अधिक लोगों के पास पैन कार्ड है। यह संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, क्योंकि सरकार ने इसे बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं (Financial Services) के लिए अनिवार्य बना दिया है।

पैन कार्ड (Permanent Account Number – PAN) एक विशिष्ट पहचान संख्या है, जिसे भारतीय आयकर विभाग (Income Tax Department) द्वारा जारी किया जाता है। यह दस अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक (Alphanumeric) कोड होता है, जो प्रत्येक करदाता (Taxpayer) के लिए अद्वितीय होता है।

पैन कार्ड का उपयोग मुख्य रूप से वित्तीय लेन-देन (Financial Transactions) को ट्रैक करने, कर चोरी (Tax Evasion) को रोकने, और टैक्स संग्रह की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। यह बैंकों, निवेश संस्थानों, और सरकार द्वारा वित्तीय पहचान पत्र के रूप में स्वीकार किया जाता है।

यह किन लोगों के लिए आवश्यक है?

  • आयकर दाता (Taxpayers)
  • बैंक खाता धारक (Bank Account Holders)
  • निवेशक (Investors)
  • व्यवसायी और कंपनियाँ (Businessmen & Companies)
  • विदेशी नागरिक जो भारत में वित्तीय गतिविधियाँ करते हैं।
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पैन कार्ड की संरचना और विशेषताएं (Structure & Features of PAN Card)

पैन नंबर दस अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड होता है, जिसमें प्रारंभिक पाँच अक्षर, चार संख्याएँ और अंतिम एक अक्षर होता है। हर पैन नंबर अनूठा होता है और इसे बदला नहीं जा सकता।

  • कार्डधारक का नाम
  • पैन नंबर
  • जन्मतिथि/स्थापना तिथि
  • आयकर विभाग का प्रतीक चिह्न
  • कार्डधारक का फोटो और हस्ताक्षर

व्यक्तिगत पैन कार्ड (Individual PAN Card)

यह भारत के नागरिकों, कर्मचारियों और स्वरोजगार लोगों के लिए जारी किया जाता है।

कंपनी/संस्था के लिए पैन कार्ड (PAN for Companies/Organizations)

किसी भी कंपनी, ट्रस्ट, या फर्म के लिए पैन आवश्यक होता है।

विदेशी नागरिकों और एनआरआई (NRI) के लिए पैन (PAN for Foreign Nationals & NRIs)

विदेशी नागरिक और एनआरआई जो भारत में वित्तीय गतिविधियाँ करते हैं, उन्हें भी पैन कार्ड प्राप्त करना अनिवार्य है।

ऑनलाइन आवेदन (Online Application – NSDL, UTIITSL Portal)

  • NSDL या UTIITSL पोर्टल पर आवेदन करें।
  • फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन शुल्क जमा करें।

ऑफ़लाइन आवेदन (Offline Application)

  • नजदीकी पैन सेवा केंद्र पर जाएँ।
  • फॉर्म 49A भरकर दस्तावेज़ संलग्न करें।
  • शुल्क का भुगतान करें और रसीद प्राप्त करें।

आवश्यक दस्तावेजों की सूची

  • आधार कार्ड
  • वोटर आईडी
  • पासपोर्ट
  • बैंक स्टेटमेंट

आवेदन शुल्क और समय सीमा

  • भारतीय नागरिकों के लिए: ₹110
  • विदेशी नागरिकों के लिए: ₹1020
  • पैन कार्ड जारी होने में 15-20 दिन लगते हैं।

बैंकिंग सेवाओं में उपयोग

  • बैंक खाता खोलने के लिए अनिवार्य।
  • 50,000 रुपये से अधिक के लेन-देन के लिए आवश्यक।

आयकर रिटर्न भरने में अनिवार्यता

कोई भी व्यक्ति जिसकी आय कर योग्य है, उसे पैन कार्ड रखना आवश्यक है।

संपत्ति और वाहन खरीदने में उपयोग

बड़ी संपत्ति, गाड़ियाँ आदि खरीदते समय पैन अनिवार्य होता है।

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निवेश और वित्तीय लेन-देन के लिए आवश्यकता

शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड और बीमा खरीदने के लिए आवश्यक।

विदेश यात्रा और विदेशी मुद्रा विनिमय में अनिवार्यता

विदेश जाने के लिए 50,000 रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा खरीदने के लिए पैन जरूरी है।

बीमा और अन्य सरकारी योजनाओं के लिए

सरकारी सब्सिडी और बीमा योजनाओं के लिए पैन अनिवार्य है।

पैन कार्ड में गलतियों को कैसे सुधारें? (How to Correct Errors in PAN Card?)

यदि आपके पैन कार्ड में नाम, जन्मतिथि, फोटो, हस्ताक्षर, पिता का नाम या अन्य कोई जानकारी गलत दर्ज हो गई है, तो इसे सुधारने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाएँ:

  1. ऑनलाइन आवेदन करें – एनएसडीएल (NSDL) या यूटीआईआईटीएसएल (UTIITSL) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
  2. सुधार फॉर्म भरें – “Request for New PAN Card or/and Changes or Correction in PAN Data” फॉर्म भरें।
  3. दस्तावेज़ संलग्न करें – पहचान पत्र, जन्म प्रमाण पत्र या अन्य आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
  4. शुल्क भुगतान करें – भारतीय नागरिकों के लिए लगभग ₹110 और विदेशी नागरिकों के लिए ₹1020 शुल्क देय है।
  5. आवेदन की स्थिति जाँचें – आवेदन सबमिट करने के बाद इसकी स्थिति ऑनलाइन देख सकते हैं।

पैन कार्ड खो जाने पर डुप्लिकेट पैन कैसे प्राप्त करें? (How to Get a Duplicate PAN Card if Lost?)

यदि आपका पैन कार्ड खो गया है, तो आपको नया पैन कार्ड प्राप्त करने के लिए यह प्रक्रिया अपनानी होगी:

  1. एफआईआर दर्ज करें – पैन कार्ड खोने की सूचना पुलिस स्टेशन में दें।
  2. डुप्लिकेट पैन के लिए आवेदन करें – एनएसडीएल या यूटीआईआईटीएसएल वेबसाइट पर जाकर नया पैन कार्ड री-इश्यू करने के लिए आवेदन करें।
  3. आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें – आधार कार्ड, पहचान प्रमाण, पता प्रमाण और एफआईआर की कॉपी संलग्न करें।
  4. शुल्क जमा करें – ₹110 (भारतीय नागरिकों के लिए) या ₹1020 (विदेशी नागरिकों के लिए) का शुल्क जमा करें।
  5. ई-पैन डाउनलोड करें – ई-पैन की सुविधा का लाभ उठाते हुए तुरंत डिजिटल कॉपी प्राप्त कर सकते हैं।
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फर्जी पैन कार्ड से बचाव के उपाय (Ways to Prevent Fake PAN Cards)

  1. पैन कार्ड की वैधता जाँचें – आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर पैन की प्रमाणिकता जाँचें।
  2. संवेदनशील जानकारी साझा न करें – अपने पैन नंबर को अज्ञात वेबसाइटों या व्यक्तियों से साझा न करें।
  3. संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखें – यदि आपका पैन किसी संदिग्ध वित्तीय गतिविधि में प्रयोग हो रहा है, तो तुरंत आयकर विभाग को सूचित करें।
  4. सुरक्षित डिजिटल सेवाओं का उपयोग करें – केवल आधिकारिक पोर्टल पर ही अपने पैन से जुड़ी सेवाओं का लाभ उठाएँ।

कर चोरी रोकने में पैन कार्ड की भूमिका (Role of PAN Card in Preventing Tax Evasion)

पैन कार्ड आयकर विभाग को वित्तीय लेन-देन की निगरानी करने में मदद करता है और कर चोरी को रोकने के लिए एक प्रभावी उपकरण है। यह निम्नलिखित क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाता है:

  • बड़े वित्तीय लेन-देन जैसे ₹50,000 से अधिक की बैंक जमा पर पैन आवश्यक होता है।
  • अचल संपत्ति की खरीद-फरोख्त में इसका उपयोग किया जाता है।
  • शेयर बाजार, म्युचुअल फंड और अन्य निवेशों में पारदर्शिता लाने के लिए पैन अनिवार्य होता है।

सरकार द्वारा जारी नवीनतम नियम (Latest Government Rules on PAN Card)

सरकार समय-समय पर पैन कार्ड से जुड़े नए नियम लागू करती है। कुछ हालिया नियम इस प्रकार हैं:

  • आधार से लिंक करना अनिवार्य – सभी पैन धारकों को अपने पैन को आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है।
  • एक व्यक्ति, एक पैन नियम – एक व्यक्ति के पास केवल एक पैन कार्ड होना चाहिए। दो पैन होने पर भारी जुर्माना लग सकता है।
  • व्यापारिक संस्थानों के लिए अनिवार्यता – 5 लाख रुपये से अधिक के वार्षिक टर्नओवर वाले व्यवसायों के लिए पैन नंबर अनिवार्य कर दिया गया है।

पैन कार्ड से जुड़ी कानूनी प्रक्रियाएँ (Legal Procedures Related to PAN Card)

  • फर्जी पैन कार्ड पर कानूनी कार्रवाई – गलत जानकारी देकर पैन प्राप्त करने पर धारा 277 के तहत कानूनी कार्यवाही हो सकती है।
  • आधार से पैन का मिलान अनिवार्य – आधार से पैन का मिलान न होने पर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने में समस्या आ सकती है।
  • गलत जानकारी देने पर दंड – गलत जानकारी देने पर ₹10,000 तक का जुर्माना हो सकता है।

डिजिटल और ई-पैन कार्ड (Digital and e-PAN Card)

ई-पैन (e-PAN) क्या है? (What is e-PAN?)

ई-पैन एक डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित पैन कार्ड है, जो आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है। यह PDF फॉर्मेट में उपलब्ध होता है और इसे तुरंत डाउनलोड किया जा सकता है।

ई-पैन बनवाने की प्रक्रिया (Process to Obtain e-PAN)

  1. आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाएँ
  2. आधार नंबर दर्ज करें
  3. OTP के माध्यम से सत्यापन करें
  4. डिजिटल रूप में पैन प्राप्त करें

इसके लाभ और उपयोगिता (Benefits and Utility of e-PAN)

  • तुरंत डाउनलोड किया जा सकता है
  • प्लास्टिक कार्ड की जरूरत नहीं
  • डिजिटल रूप में सुरक्षित रहता है
  • आसानी से वैरिफाई किया जा सकता है

पैन कार्ड बनाने की पूरी प्रक्रिया (Complete Process to Apply for PAN Card)

पैन (Permanent Account Number) कार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसका उपयोग वित्तीय लेन-देन, कर भुगतान और पहचान प्रमाण के रूप में किया जाता है। इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से बनवाया जा सकता है। नीचे दोनों प्रक्रियाओं को विस्तार से समझाया गया है।

पैन कार्ड एक आवश्यक दस्तावेज है, जो कराधान और वित्तीय गतिविधियों के लिए अनिवार्य है। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से इसे बनवाया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया तेज़ और सुविधाजनक है, जबकि ऑफलाइन प्रक्रिया उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो इंटरनेट का उपयोग नहीं कर सकते। ई-पैन (Instant e-PAN) के माध्यम से अब कुछ ही मिनटों में पैन कार्ड प्राप्त करना संभव हो गया है, जिससे यह प्रक्रिया और भी आसान हो गई है।

चरण 1: आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ (Visit the Official Website)

पैन कार्ड आवेदन के लिए दो अधिकृत एजेंसियाँ हैं:

  1. NSDL (Protean eGov Technologies Limited)https://www.onlineservices.nsdl.com/paam/endUserRegisterContact.html
  2. UTIITSL (UTI Infrastructure Technology and Services Limited)https://www.pan.utiitsl.com/PAN/

चरण 2: आवेदन फॉर्म भरें (Fill the Application Form)

  1. नया पैन कार्ड (Form 49A – भारतीय नागरिकों के लिए)
  2. विदेशी नागरिकों के लिए (Form 49AA)

आवेदन फॉर्म में निम्नलिखित जानकारी भरनी होती है:

  • पूरा नाम (Full Name)
  • जन्म तिथि (Date of Birth)
  • पिता/माता का नाम (Father’s/Mother’s Name)
  • आधार नंबर (Aadhaar Number)
  • मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी (Mobile Number & Email ID)
  • पता (Address)

चरण 3: आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें (Upload Required Documents)

  • पहचान प्रमाण (ID Proof): आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस
  • पता प्रमाण (Address Proof): आधार कार्ड, बैंक स्टेटमेंट, राशन कार्ड
  • जन्मतिथि प्रमाण (Date of Birth Proof): जन्म प्रमाण पत्र, 10वीं की मार्कशीट
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चरण 4: आवेदन शुल्क का भुगतान करें (Pay the Application Fee)

श्रेणीशुल्क (₹)
भारतीय नागरिक (फिजिकल कार्ड)₹110
भारतीय नागरिक (ई-पैन)₹66
विदेशी नागरिक₹1020

भुगतान के लिए क्रेडिट/डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, यूपीआई या डिमांड ड्राफ्ट का उपयोग किया जा सकता है।

चरण 5: आवेदन सबमिट करें और एक्नॉलेजमेंट प्राप्त करें (Submit the Application & Get Acknowledgment)

  • फॉर्म सबमिट करने के बाद एक Acknowledgment Number (15-digit) प्राप्त होगा, जिससे आवेदन की स्थिति ट्रैक की जा सकती है।

चरण 6: पैन कार्ड प्राप्त करें (Receive PAN Card)

  • ई-पैन (e-PAN) 4-5 दिनों में ईमेल पर आ जाता है।
  • फिजिकल पैन कार्ड स्पीड पोस्ट द्वारा 15-20 दिनों में आपके पते पर भेज दिया जाता है।

चरण 1: फॉर्म 49A डाउनलोड करें (Download Form 49A)

  • फॉर्म NSDL या UTIITSL वेबसाइट से डाउनलोड करें या नजदीकी पैन सेंटर से प्राप्त करें।

चरण 2: फॉर्म भरें (Fill the Form Manually)

  • अपनी व्यक्तिगत जानकारी, आधार नंबर, संपर्क विवरण और जन्मतिथि सही-सही दर्ज करें।

चरण 3: आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें (Attach Required Documents)

  • पहचान प्रमाण – आधार कार्ड/पासपोर्ट/वोटर आईडी
  • पता प्रमाण – बैंक स्टेटमेंट/बिजली बिल/राशन कार्ड
  • जन्मतिथि प्रमाण – जन्म प्रमाण पत्र/10वीं की मार्कशीट
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चरण 4: शुल्क भुगतान करें (Pay the Fees)

  • शुल्क का भुगतान डिमांड ड्राफ्ट या नकद (केवल पैन सेंटर पर) किया जा सकता है।

चरण 5: फॉर्म और दस्तावेज जमा करें (Submit the Form and Documents)

  • भरे हुए फॉर्म और दस्तावेजों को नजदीकी पैन सेवा केंद्र (PAN Facilitation Center) पर जमा करें।
  • आवेदन जमा करने के बाद Acknowledgment Slip प्राप्त होगी, जिससे आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।

चरण 6: पैन कार्ड प्राप्त करें (Receive PAN Card)

  • आवेदन सत्यापित होने के बाद, 15-20 दिनों में पैन कार्ड आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

यदि आपको जल्दी पैन कार्ड चाहिए, तो आप ई-पैन (e-PAN) प्राप्त कर सकते हैं।

त्वरित ई-पैन आवेदन प्रक्रिया (Instant e-PAN Application Process)

  1. आधिकारिक पोर्टल पर जाएँ: https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/
  2. आधार नंबर दर्ज करें और OTP से सत्यापन करें।
  3. ई-पैन तुरंत डाउनलोड करें।

त्वरित ई-पैन की विशेषताएँ (Features of Instant e-PAN)

  • पूरी तरह से नि:शुल्क (Free)
  • आधार नंबर से सीधे पैन कार्ड प्राप्त करें
  • 10 मिनट में जारी हो जाता है

4. पैन कार्ड आवेदन की स्थिति कैसे जाँचें? (How to Check PAN Card Application Status?)

  1. NSDL पोर्टल पर जाएँ: https://tin.tin.nsdl.com/pantan/StatusTrack.html
  2. Acknowledgment Number दर्ज करें।
  3. “Submit” पर क्लिक करें और स्टेटस देखें।

सही जानकारी दर्ज करें – गलत जानकारी देने पर आवेदन रद्द हो सकता है।
आधार से लिंक अनिवार्य – अब पैन कार्ड को आधार से जोड़ना आवश्यक है।
एक व्यक्ति, एक पैन – एक व्यक्ति के पास सिर्फ एक ही पैन कार्ड हो सकता है।
ई-पैन को प्राथमिकता दें – यदि आपको जल्द पैन चाहिए, तो ई-पैन का विकल्प चुनें।

Author

  • Laxman Singh Rathor in jaivardhan News

    लक्ष्मणसिंह राठौड़ अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया जगत में 2 दशक से ज़्यादा का अनुभव है। 2005 में Dainik Bhaskar से अपना कॅरियर शुरू किया। फिर Rajasthan Patrika, Patrika TV, Zee News में कौशल निखारा। वर्तमान में ETV Bharat के District Reporter है। साथ ही Jaivardhan News वेब पोर्टल में Chief Editor और Jaivardhan Multimedia CMD है। jaivardhanpatrika@gmail.com

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By Laxman Singh Rathor

लक्ष्मणसिंह राठौड़ अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया जगत में 2 दशक से ज़्यादा का अनुभव है। 2005 में Dainik Bhaskar से अपना कॅरियर शुरू किया। फिर Rajasthan Patrika, Patrika TV, Zee News में कौशल निखारा। वर्तमान में ETV Bharat के District Reporter है। साथ ही Jaivardhan News वेब पोर्टल में Chief Editor और Jaivardhan Multimedia CMD है। jaivardhanpatrika@gmail.com