केलवा पुलिस ने रविवार रात को बड़ी कार्रवाई करते हुए 9 वाहन जब्त किए और 4 खनन माफियाओं को गिरफ्तार किया है। खनन माफिया रात के अंधेरे में आमेट उपखंड़ के जैतपुरा चारागह भूमि से अवैध खनन कर रहे थे। प्रतिदिन 500 टन फेल्सपार निकाला जा रहा था, लेकिन जिम्मेदारों द्वारा कार्रवाई नहीं की गई, जिससे जिम्मेदारों की मिलीभगत होने की भी आशंका है। अवैध खनन से सरकार को लाखों रुपए के राजस्व नुकसान हो रहा था। साथ ही वन्यजीव भी जंगल छोड़ आबादी क्षेत्र में आने लगे थे। खनन माफियाओं को खौफ होने के कारण ग्रामीण भी इनका विरोध नहीं कर रहे थे। उच्च क्वालिटी का पत्थर होने के कारण 1500 से 2 हजार रुपए टन से बेचा जाता है।
केलवा थाना अधिकारी प्रवीण जुगतावत ने बताया कि जेतपुरा में अवैध खनन होने की जानकारी मिली थी। अवैध खनन की जगह पुलिस के जवान को निगरानी के लिए लगा दिया। इस पर रात के अंधेरे में खनन करने पहुंचे लोगों से वैध कागज होने के बारे में पूछताछ की गई। अवैध रुप से खनन करना पाए जाने पर 2 जेसीबी, 3 डंपर, 2 टैक्टर और 2 बाइक को जब्त किया गया। पुलिस ने आगलगांव निवासी दिनेश पुत्र धनराज गुर्जर, जेतपुरा निवासी प्रकाश पुत्र रतनलाल जाट, आगलगांव निवासी कन्हैयालाल पुत्र किशनलाल गुर्जर और धांयला निवासी धर्मेंद्र पुत्र सोहनलाल भील को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी वाहन चालक है, पुलिस अवैध खनन करने वालों के बारे में इनसे पूछताछ कर रही है।
40 हजार पौधों को कर दिया नष्ट
वन विभाग द्वारा 2004 में इस क्षेत्र में 40 हजार पौधे लगाए थे। 5 साल तक निगरानी करने के बाद ग्राम पंचायत को सुरक्षा करने के लिए सौंप दिए, लेकिन खनन माफियाओं ने इन पौधों को नष्ट कर लाखो टन अवैध खनन कर दिया। भरी ब्लास्टिंग कर पहाड़ों को काट दिया।
जंगल में खनन से जंगली जानवार आबादी क्षेत्र में आने लगे
चारागाह भमि पर खनन माफियाओं द्वारा पहाड़ों को काटने के लिए भारी मात्रा में अवैध ब्लास्टिंग की जाती है। जंगली जानवर इस ब्लास्टिंग की आवाज से डर आबादी क्षेत्र में आ जाते है। इस कारण ग्रामीणों में जंगली जानवरों से डर बना रहता है।