प्रदेश सरकार की ओर से अवैध खनन पर लगाम और खनन माफिया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के सौ दिवसीय अभियान के तहत खमनोर थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बनास नदी में बजरी का अवैध खनन करते दो पोकलेन मशीनें जब्त कर ली। बजरी माफिया दो ट्रैक्टर लेकर भाग छूटे। इसको लेकर मामला दर्ज होगा।
illegal Mining : थानाधिकारी भगवानसिंह झाला ने बताया कि खमनोर थाना क्षेत्र के सलोदा की सीमा पर बनास नदी में छतरिया बावजी के पास बीती रात भारी मशीनों से बजरी का अवैध खनन होने की सूचना मिली। थानाधिकारी ने बताया कि इस पर वे जाब्ता लेकर तत्काल बनास नदी में पहुंचे। पुलिस टीम जब तक मौके पर पहुंची, उससे पहले ही बजरी माफिया रात में अंधेरे का फायदा उठाकर दो ट्रैक्टर मय ट्रॉली लेकर मौके से भाग गए, जबकि भारी मशीनों को नहीं ले जा सके। पुलिस ने अलग-अलग कंपनियों की दोनों पोकलेन मशीनों को जब्त किया और ट्रकों में भरवाकर खमनोर थाना परिसर में खड़ा करवा दिया। थानाधिकारी ने बताया कि बजरी के मशीनों से अवैध खनन की पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की खनिज विभाग को सूचना दी है। मामले में प्रकरण दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
khanan kriya kitne prakar ki hoti hai
Rajsamand police टीम ने की कार्रवाई
कार्रवाई करने पहुंची पुलिस टीम में थानाधिकारी भवानीसिंह के साथ एएसआई सुरेंद्रसिंह, हैड कांस्टेबल निर्मल कुमार, कांस्टेबल दिनेश सिंह, मदनसिंह, भगवानराम, रोहिताश, धनराज व चालक किशनलाल भी थे।
Illegal Mining : सरकारी निर्माण कार्यों के लिए भी जरूरत
सरकारी योजनाएं, पीएम आवास सहित आमजन को मकान सहित अन्य निर्माण कार्य के लिए बजरी की आवश्यकता है, लेकिन उन्हें अवैध रूप से दूसरे जिले जालोर व अन्य जगह से परिवहन होने वाले 10 हजार वाले ट्रक के 20-22 हजार रुपए देकर मंगवाने पड़ रहे है। राजसमंद जिले में बजरी खनन के लिए लीज जारी की गई है, लेकिन लीज की नीलामी नहीं होने से बजरी खनन नहीं हो पा रहा है। राजसमंद जिले में बजरी खनन की लीज के लिए खान विभाग द्वारा नीलामी का नोटिस जारी किया, मगर न्यायालय द्वारा फिर रोक लगा दी है।
अवैध बजरी : पहले सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक
सुप्रीम कोर्ट ने 16 नवंबर 2017 को बजरी खनन पर राजस्थान में रोक लगा दी थी। इसके बाद 31 मार्च 2018 को बजरी खनन के सभी एलओआई को निर्धारित अवधि पूर्ण होने पर खत्म कर दिया। इसके बाद 4 साल से बजरी खनन पर रोक लगी रही। 11 नवंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान में बजरी खनन पर लगी रोक हटाई, लेकिन सरकार की लापरवाही और अंधेरगर्दी के चलते लीगल बजरी खनन शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में आमजन में आक्रोश और गुस्सा है। हर गांव और घर के निर्माण के लिए बजरी की आवश्यकता है, लेकिन बजरी नहीं मिलने से दुगुने-तीगुने दाम पर लोगों को अवैध और बाहरी जिलों से बजरी परिवहन करवानी पड़ रही है।