प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम का विस्तार हो गया है। कुछ मंत्रियों की छुट्टी हुई है तो कई नए व अनुभवी चेहरों को टीम में शामिल किया गया है। राजस्थान से राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव को भी मोदी की टीम में शामिल किया गया है। यादव को अमित शाह का नजदीकी माना जाता है। यादव ने कई राज्यों में भाजपा की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई है
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलवाई। मोदी कैबिनेट के विस्तार में फिलहाल राजस्थान के सांसदों में से केवल एक को ही मंत्री बनने का मौका मिला है। अजमेर से संबंध रखने वाले भूपेंद्र यादव दूसरी बार राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं। केंद्र में भूपेंद्र यादव के मंत्री बनने के बाद अब राजस्थान से चार मंत्री हो गए हैं। राजस्थान से अब भूपेंद्र यादव और गजेंद्र सिंह शेखावत कैबिनेट मंत्री हैं जबकि अर्जुन मेघवाल और कैलाश चौधरी राज्य मंत्री हैं। भूपेंद्र यादव अमित शाह के नजदीकी हैं। भूपेंद्र यादव ने 2013 के विधानसभा चुनावों से पहले वसुंधरा राजे के नेतृत्व में निकाली गई सुराज संकल्प यात्रा के संयोजक थे। यादव ने ही सुराज संकल्प यात्रा का पूरा मैनेजमेंट संभाला था। अमित शाह की चुनाव मैनेजमेंट की कोर टीम का हिस्सा रहे हैं। यूपी, बिहार सहित कई राज्यों में भूपेंद्र यादव चुनाव मैनेजमेंट की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। यूपी विधानसभा चुनावों के हिसाब से जातीय समीकरण साधने का मैसेज देने की दिशा में भी यादव को केंद्र में मंत्री बनाने के पीछे एक कारण बताया जा रहा है।
भूपेंद्र यादव का जन्म 30 जून 1969 को हुआ। अजमेर के रहने वाले यादव ने पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय से विधि स्नातक की डिग्री है। वर्ष 2000 से 2009 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव रहने के बाद 2010 में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। वर्ष 2012 और 2018 में राज्यसभा सदस्य बने। कानूनी मुद्दों पर अच्छी पकड़ रखने वाले यादव पर अमित शाह पूरा भरोसा रखते हैं।
वकालत के दौरान अरूण जेटली के संपर्क में आए, राममंदिर केस की जिम्मेदारी संभालने के बाद तेजी से बढ़ा कद
भूपेंद्र यादव वकालत के दौरान अरुण जेटली के संपर्क में आए। उसके बाद यादव का राजनीतिक सफर हुआ। जेटली ने राम मंदिर केस से संबंधित जिम्मेदारी यादव को सौंपी, इस केस में यादव ने खूब मेहनत की। राम मंदिर केस में भूमिका निभाने के बाद यादव का बीजेपी और संघ में उच्च स्तर पर संपर्क बढ़ा और फिर लगातार तरक्की करते गए। साल 2010 में वे बीजेपी राष्ट्रीय मंत्री बनाए गए, फिर 2012 में राजस्थान से राज्यसभा में भेजे गए, 2018 में राजस्थान से ही दोबारा राज्यसभा सांसद बने।