एक सरपंच ने फर्जीवाड़ा कर मार्कशीट में कांटछांट कर दी साथ ही 2 संतान बताकर सरपंच का चुनाव जीत गया। इस पर कोर्ट ने सरपंच को पांच साल की सजा सुनाई और 22 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। डूंगरपुर कोर्ट ने 6 साल पहले बहुचर्चित नवलश्याम सरपंच चुनावों में 9वीं क्लास की फर्जी मार्कशीट और 4 की जगह 2 संतान बताकर चुनाव जीतने वाले पूर्व सरपंच को बुधवार को 5 साल की कारावास की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) डूंगरपुर ने मामले में सुनवाई पूरी करते हुए बुधवार को फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी पूर्व सरपंच विरमा उर्फ वीरमल निवासी नवलश्याम को जाली दस्तावेजों से सरपंच का चुनाव लड़ने का दोषी मानते हुए 5 साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। नवल श्याम निवासी गौरीशंकर ने 31 मार्च 2015 को एसीजेएम कोर्ट में इस्तगासा पेश किया था। इस पर बिछीवाड़ा थाने में केस दर्ज हुआ था।
गौरीशंकर ने बताया था कि 18 जनवरी 2015 को ग्राम पंचायत नवलश्याम में सरपंच पद के चुनाव थे। इसमें वह और आरोपी विरमा उर्फ वीरमल प्रत्याशी थे। चुनाव में 5वीं पास की योग्यता के साथ 27 नवंबर 1995 के बाद तीसरी संतान नहीं होने का नियम था। विरमा 5वीं कक्षा पास नहीं है और संतान संबंधी जानकारी भी गलत दी गई हैं। विरमा ने राजकीय माध्यमिक विद्यालय की 9वीं कक्षा की मार्कशीट नामांकन के समय पेश की है, जिसमें स्कूल का नाम नहीं है। मार्कशीट में कांट-छाटकर फर्जीवाड़ा किया गया है।
गौरीशंकर ने यह भी बताया था कि चुनाव नामांकन ने विरमा उर्फ वीरमल ने हंसा व पंकज अपनी 2 संतान बताई है, जबकि राकेश ओर अरविंद भी उसकी 2 और संताने है। विरमा की कुल 4 संताने है। विरमा उर्फ वीरमल ने गलत दस्तावेज ओर जानकारी देकर सरपंच का चुनाव लड़ा और सरपंच का चुनाव जीत लिया था। इस बहुचर्चित मामले में 6 साल बाद फैसला आया है। इसके बाद पिछले साल पंचायती राज के चुनावों में ग्राम पंचायत नवल श्याम से गौरीशंकर सरपंच का चुनाव जीते है।