01 63 https://jaivardhannews.com/seeing-a-buffalo-calf-in-kumbhalgarh-the-panther-was-imprisoned-in-the-cage-got-injured-while-trying-to-escape/

ओलादर गांव में लम्बे समय से ग्रामीण पैंथर के आंतक से परेशान थे। आए दिन पशुओं के शिकार से ग्रामणों में भय व्याप्त था। शाम ढलते ही आबादी में पैंथर के दस्तक से ग्रामीणों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया था। वन विभाग ने पिंजरा लगाकर पैंथर को पकड़ कर अन्य जगह पर छोड़ दिया।

राजसमंद जिले के कुंभलगढ़ तहसील क्षेत्र के ओलादर पंचायत के पास कोठी की भागल में पैंथर (Leopard) पिंजरे में कैद हाे गया। गुरुवार को वन विभाग ने पैंथर (Leopard) काे अज्ञात जगह पर छोड़ दिया। भागल क्षेत्र में पैंथर (Leopard) के आतंक से परेशान ग्रामीणों ने वन विभाग से पिंजरा लगाने की मांग की थी। इस पर देर शाम को वन विभाग ने पिंजरा लगा दिया था। ऐसे में रात में तेंदुआ पिंजरे में आ गया।

कुंभलगढ़ रेंजर किशोरसिंह ने बताया कि पैंथर (Leopard) ने भागल में पृथ्वीसिंह राजपूत के बाड़े में भैंस के बछड़े का शिकार कर लिया था। ऐसे में ग्रामीणों में भय व्याप्त हो गया। सूचना पर वन विभाग की टीम ने पहुंचकर रात को पिंजरा लगाने के बाद देर रात पैंथर (Leopard) पिंजरे में कैद हो गया। सवेरे इसकी सूचना ग्रामीणों को लगी ताे माैके पर भीड़ जमा हाे गई। वहीं इस दाैरान पिंजरे से पैंथर (Leopard) की दहाड़ भी सुनाई दी। मौके पर कई लोगों ने अपने मोबाइल से सेल्फी ली।

बताया कि ग्रामीणों ने उसी भैंस के बछड़े को पिंजरे में रख लिया। उसके लालच में पैंथर (Leopard) पिंजरे में आ गया। ग्रामीणों ने पिंजरे में आए तेंदुए को देखकर वन विभाग को सूचना दी। इस पर रेंजर किशोर सिंह, वन विभाग के हेमंत व जिप्सी चालक भैरूसिंह पहुंचे। विभाग की टीम ने देवीसिंह, तेजू टांक सहित ग्रामीणाें की मदद से वन विभाग (Forest department) कि गाड़ी में पैंथर (Leopard) काे चढ़ाकर दूसरी जगह ले जाकर छाेड़ा। वही एसडीएम जयपालसिंह राठौड़, तहसीलदार सज्जनराम भी माैके पर पहुंचे। वहीं जैसे ही पिंजरे में तेंदुआ कैद हुआ तो उसने बचने का जतन किया। इससे पैर, आंख और ललाट पर भी चोटें पहुंची।