नगरपालिका देवगढ़ में शोभालाल रेगर के अध्यक्ष पद पर ज्वाइनिंग से पहले ही अधिशासी अधिकारी कृष्णगोपाल माली से जंग छिड़ गई थी और यही विवाद शोभालाल रेगर के नगरपालिका अध्यक्ष की कुर्सी को निगल गया। हालांकि शहर में करीब दस करोड़ से ज्यादा विकास कार्य भी हुए हैं, मगर फिर भी अध्यक्ष व ईओ के बीच मतभेद कम नहीं हुए और लगातार किसी न किसी बात को लेकर रोजाना बहस, तकरार आम बात हो चुकी थी। अध्यक्ष व ईओ के विवाद के बीच में कार्मिक भी चपेट भी आ गए, तो फिर सभी कर्मचारी हड़ताल पर उतर आए और सरकार ने विवाद की जांच करवाई तो शोभालाल रेगर दोषी पाए गए और उन्हें नगरपालिका अध्यक्ष पद से निलंबित कर दिया। इसके लिए स्वायत्त शासन विभाग, जयपुर के निदेशक एवं संयुक्त सचिव हृदेश कुमार शर्मा द्वारा 21 अप्रैल 2023 को ही आदेश जारी कर दिए थे। हालांकि राज्य सरकार की ओर से इस प्रकरण की न्यायिक जांच कराने का निर्णय भी लिया है। इसके तहत विभाग ने संयुक्त विधि परामर्शी को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया है। उन्हें जांच पूरी कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। संयुक्त विधि परामर्शी को ईओ की शिकायत, जांच रिपोर्ट की प्रमाणित कॉपी, आरोप-पत्र, आरोप विवरण-पत्र, दस्तावेज और गवाहों की सूची, पालिकाध्यक्ष से मांगे गए स्पष्टीकरण नोटिस और जवाब की प्रमाणित कॉपी भी दी गई है।

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उल्लेखनीय है कि इस विवाद की शुरूआत 16 फरवरी 2021 को शोभालाल रेगर के अध्यक्ष पद पर ज्वाइनिंग और शपथग्रहण समारोह से ही हो गई थी। इसके लिए अध्यक्ष को शपथग्रहण समारोह के लिए कोरोनाकाल के चलते सभागार नहीं मिला, तब अध्यक्ष शोभालाल जिला कलेक्टर के पास पहुंचे और कलेक्टर की अनुमति लेकर आए तब भी उन्हें नगर पालिका कार्यालय में शपथग्रहण समारोह के लिए सभागार को किराए पर लेना पड़ा। अध्यक्ष के समर्थक द्वारा नगर पालिका में तय किराया शुल्क जमा कराया और उसके बाद शपथग्रहण समारोह हुआ और शोभालाल रेगर ने पदभार ग्रहण किया। इस तरह शोभालाल रेगर के नगर पालिका देवगढ़ में अध्यक्ष पद पर ज्वाइनिंग से पहले ही अधिशाषी अधिकारी कृष्णगोपाल माली से खटपट शुरू हो गई थी। जो आज दिन तक जारी है और इसी विवाद के चलते कर्मचारियों के बीच भी मतभेद हुए तथा मामला बढ़ने पर अध्यक्ष शोभालाल रेगर को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ गई।

सरकार से अनुमोदन

निलम्बन आदेश में निदेशक ने लिखा कि उपरोक्त प्रकरण की न्यायिक जांच करवाने का निर्णय लिया गया है। न्यायिक जांच के लिए विधि विभाग को मामला प्रेषित किया जा चुका है। उन्होंने न्यायिक जांच प्रभावित होने की संभावना जताई। ऐसे में राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के तहत दोषी पाए जाने पर राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (6) के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर उन्हें पालिकाध्यक्ष पद व नगरपालिका देवगढ़ के सदस्य पद से तुरन्त प्रभाव से निलंबित किया जाता है। साथ ही लिखा कि यह आदेश सक्षम स्तर से अनुमोदित है।

पालिकाध्यक्ष के विरुद्ध इन आरोपों ने छीन ली कुर्सी

देवगढ़ पालिकाध्यक्ष के पद पर रहकर अधिशाषी अधिकारी कृष्णगोपाल माली के साथ अशोभनीय व अमर्यादित व्यवहार किया। पत्रावली टेबल पर फेंकी व गाली-गलौज की। अधिशासी अधिकारी की ओर आक्रोशित होकर शोर-शराबा किया और पत्रावली को मंजूर करने का दबाव बनाया। पालिकाध्यक्ष ने राजकमल एवं नीरज कुमार की पत्रावली-2019 से लम्बित होना बताया गया। यदि अधिशाषी अधिकारी पत्रावली का निस्तारण समय पर नहीं कर रहे थे, तो इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से लिखित रूप में नहीं की। पालिकाध्यक्ष एवं अधिशाषी अधिकारी के विवाद में नगरपालिका के कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर दिया, जिससे शहर की सफाई व्यवस्था प्रभावित हुई। इस आचरण को राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के तहत कर्त्तव्यों के निर्वहन में अवचार एवं पद के अन्यथा दुरुपयोग की श्रेणी में माना।

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16 जनवरी को अध्यक्ष के नोटिस से नाराज हुए थे कार्मिक

सफाई व्यवस्था प्रभावित होने से नगरपालिका एवं राज्य सरकार की छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ा। कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार व हड़ताल खत्म करने के लिए कर्मचारियों से समझाइश का पदीय दायित्व निभाने के विपरीत नगरपालिका संयुक्त कर्मचारी संघ अध्यक्ष धर्मसिंह (वरिष्ठ सहायक) को हड़ताल समाप्त करने के लिए अध्यक्ष शोभालाल रेगर द्वारा 16 जनवरी 2023 को नोटिस जारी किया था। इसमें बताया कि उनके द्वारा अधिशाषी अधिकारी से अभद्रता का झूठा आरोप लगा कर्मचारियों को हड़ताल करने के लिए उकसाने का भी आराेप है और हड़ताल अवैधानिक बताई। हड़ताल खत्म नहीं करने पर राजस्थान नगर पालिका सेवा नियमों के तहत सभी कर्मचारियों पर कार्यवाही की चेतावनी दी। पालिका अध्यक्ष ने धर्मसिंह का नोटिस निरस्त कराने की कर्मचारियों ने मांग की। धर्मसिंह पंवार को 20 जनवरी 2023 को दिए पत्र को निदेशालय के आदेशों की पालना में विधि सम्मत नहीं मानते हुए अपास्त किया। यदि नोटिस को कर्मचारियों की मांग के अनुसार पालिकाध्यक्ष के स्तर पर निरस्त किया जाता तो कर्मचारियों में आक्रोश नहीं बढ़ता और समय पर हड़ताल खत्म हो जाती। इसके अलावा अध्यक्ष शोभालाल रेगर द्वारा अधिशासी अधिकारी को कई नोटिस जारी किए और उनके चैम्बर के बाहर चस्पा कर दिए गए, जो अध्यक्ष शोभालाल रेगर के निलबित होते ही सारे आदेश दफ्तर के बाहर से फाड़ दिए गए।

एसडीएम कमेटी ने की जांच, अध्यक्ष पाए गए दोषी

पालिकाध्यक्ष शोभालाल और अधिशासी अधिकारी कृष्णगोपाल माली के बीच गत जनवरी में पत्रावलियों को लेकर हुए झगड़े के बाद चेयरमैन द्वारा पालिका कर्मचारियों को नोटिस थमाने, सफाईकर्मियों के हड़ताल पर उतरने और नगर में सफाई बंदोबस्त गड़बड़ाने को लेकर स्वायत्त शासन विभाग ने देवगढ़ उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी से जांच करवाई। जांच रिपोर्ट मुख्यालय पहुंचने के बाद निदेशक ह्रदेश कुमार शर्मा ने प्रथम दृष्ट्या दोषी पाए जाने पर गत 21 अप्रैल 2023 को निलम्बन नोटिस जारी कर दिया था। फिर शनिवार व रविवार का अवकाश होने से निलंबन आदेश 24 अप्रैल को अध्यक्ष को दिया गया।

पालिकाध्यक्ष के शपथग्रहण समारोह से शुरू हुआ विवाद

  • कोरोनाकाल में पालिका अध्यक्ष को शपथग्रहण समारोह में पालिका का सभा भवन किराए पर लेकर करना पड़ा था, जिसमें उनके एक समर्थक ने किराया राशि नगरपालिका में जमा करवाई थी।
  • अक्टूबर, 2021 की नगरपालिका बोर्ड पहली बैठक अधिशासी अधिकारी ने बुलाई, जिसमें अध्यक्ष ने अपने 16 बिंदु रखने की बात कहते हुए सवाल उठाए व बैठक ही स्थगित कर दी, जो आज तक पूरी नहीं हो पाई।
  • 90 दिन की समयावधि बीतने पर भी नगरपालिका में कमेटियों का गठन नहीं होने पर सरकार ने अपने स्तर पर कमेटियां गठित कर दी, जिस पर अध्यक्ष हाईकोर्ट से स्टे ले आए।
  • पेयजल समस्या को लेकर हुई बैठक में चेयरमैन शोभालाल ने अधिशासी अधिकारी माली पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिला कलक्टर से शिकायत कर दी। ईओ को कांग्रेस का ब्लॉक अध्यक्ष तक बता दिया था।
  • कोरोनाकाल के बाद नगरपालिका की बजट बैठक में भी जोरदार हंगामा हुआ था।
  • नोटशीट और चार्जशीट को लेकर भी बखेड़ा खड़ा हुआ।
  • 13 जनवरी 2023 को उदयपुर के विभाग के उप निदेशक कुशल कुमार कोठारी के समक्ष अध्यक्ष और ईओ के बीच पत्रावलियों को लेकर जोरदार विवाद हुआ।
  • चेयरमैन ने नगरपालिका के कर्मचारी को नोटिस जारी कर दिया, जिससे कर्मचारी वर्ग खफा हो गया।
  • नगरपालिका के कर्मचारी और चेयरमैन के बीच मतभेद बढ़ने के बाद सफाईकर्मियों ने हड़ताल कर दी। नगर में गंदगी के ढेर लग गए और पालिका की खूब किरकिरी हुई।
  • हड़ताल के बाद ईओ के चैम्बर के बाहर पालिकाध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए पत्र चस्पा किए।
  • पालिकाध्यक्ष ने इस दौरान करीब आधा दर्जन पत्र नोटिस की भाषा में ईओ के दफ्तर के बाहर चिपकाए।

अब आगे क्या होगा?

  • देवगढ़ नगरपालिका में शोभालाल रेगर को नोटिस तामील करवा दिया। अब शोभालाल निलंबन को लेकर न्यायालय से स्टे की गुहार लगा सकते हैं।
  • एक तरफा सुनवाई न करने को लेकर स्वायत्त शासन विभाग केविएट दायर कर सकता है। इसके लिए सरकार द्वारा पहले ही तैयारी कर ली गई है।
  • शोभालाल रेगर के विरुद्ध न्यायिक जांच से उन्हें सुनवाई का मौका मिलेगा, जिससे कुछ राहत भी मिल सकती है।
  • शोभालाल रेगर की बहाली नहीं हुई, चेयरमैन के लिए आरक्षित एससी वर्ग के किसी दूसरे पार्षद को राज्य सरकार चेयरमैन के रूप में मनोनीत कर सकती है।

Author

  • Laxman Singh Rathor in jaivardhan News

    लक्ष्मणसिंह राठौड़ अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया जगत में 2 दशक से ज़्यादा का अनुभव है। 2005 में Dainik Bhaskar से अपना कॅरियर शुरू किया। फिर Rajasthan Patrika, Patrika TV, Zee News में कौशल निखारा। वर्तमान में ETV Bharat के District Reporter है। साथ ही Jaivardhan News वेब पोर्टल में Chief Editor और Jaivardhan Multimedia CMD है। jaivardhanpatrika@gmail.com

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लक्ष्मणसिंह राठौड़ अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया जगत में 2 दशक से ज़्यादा का अनुभव है। 2005 में Dainik Bhaskar से अपना कॅरियर शुरू किया। फिर Rajasthan Patrika, Patrika TV, Zee News में कौशल निखारा। वर्तमान में ETV Bharat के District Reporter है। साथ ही Jaivardhan News वेब पोर्टल में Chief Editor और Jaivardhan Multimedia CMD है। jaivardhanpatrika@gmail.com