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leopard attack : बेटे ने दिखाया साहस, लेपर्ड से भिड़कर पिता की बचाई जान, पैंथर पर बरसाए लात- घूंसें

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leopard attack : मंगलवार को खेत पर जा रहे युवक पर पैंथर ने अचानक हमला कर दिया। लेपर्ड के हमले को देखते ही साथ चल रहे पुत्र पिता को बचाने के लिए लेपर्ड पर टूट पड़ा। तुरंत उसने लेपर्ड के कान पकड़कर खींचे व बाद में पैंथर पर काफी लात घूंसे बरसाए। उसके बाद पिता – पुत्र ने पैंथर को वहां से भगा दिया। यह दिल दहला देने वाली घटना उदयपुर के फलासिया थाना क्षेत्र के उमरिया गांव की है।

जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह उमरिया गांव के रहने वाला हकरा नामक व्यक्ति अपने 25 वर्षीय बेटे दिनेश के साथ खेत पर जा रहे थे, तभी अचानक एक तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया। तेंदुए ने हकरा के कंधे को अपने जबड़े में जकड़ लिया और उन्हें जमीन पर गिरा दिया। यह देख दिनेश तुरंत अपने पिता की मदद के लिए आगे बढ़ा। उसने तेंदुए के पीछे से दोनों कान जोर से खींचकर उसे बुरी तरह झकझोर दिया। फिर उसमें लगातार तीन से चार घूंसे मारे। तेंदुए ने हकरा को छोड़ दिया और भागने लगा। लेकिन लेपर्ड कुछ दूरी पर जाने के बाद, वह वापस घूमकर हमला करने की कोशिश करने लगा। इतने में दिनेश ने डंडा उठा लिया और तेंदुए को जोर से चिल्ला कर ललकारा। इसके बाद तेंदुए जंगल में भाग गया। दिनेश के पिता हकरा को गंभीर चोटें आईं हैं, और उनका इलाज उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल में चल रहा है। दिनेश के हाथ-पैर में मामूली चोटें आई हैं।

Panther Attack : 2 घंटे तक चला ऑपरेशन

लेपर्ड हमले के बाद जंगल और पहाड़ियों में जाकर छिप गया। वन विभाग की टीम ने तेंदुए को ट्रेंकुलाइज करने के लिए उदयपुर से शूटर डीपी शर्मा और वनपाल जितेन्द्र सिंह को बुलाया। 2 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद तेंदुए को ट्रेंकुलाइज किया गया। तेंदुए को उदयपुर बायोलॉजिकल पार्क भेजा गया है, जहां उसका इलाज होगा। उसके बाद उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ा जाएगा। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर तेंदुए को ट्रेंकुलाइज कर दिया। तेंदुए को उदयपुर बायोलॉजिकल पार्क भेजा गया है, जहां उसका इलाज होगा। उसके बाद उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ा जाएगा।

जंगल से आबादी में जंगली जीव जन्तु, जानवरों का आने की बात पुरानी हो चुकी है। क्योंकि अब तो शहरी इलाके में कई जगह पैंथर भी अपना स्थायी आवास बना चुके हैं। सुबह- शाम या रात में पैंथर कहीं न कहीं दिख ही जाता है और कई बार लोगों का आमना सामना होना भी अब आम बात हो गई है। ऐसे में आए दिन शहरी इलाके में पैंथर की दहाड़ भी सुनाई देती है। राजसमंद शहर व पेराफेरी इलाके में पैंथर की चहलकदमी, विचरण, चाल- चलन, अठखेलियां, आराम और शिकार करने के लाइव वीडियो और तस्वीरें देख एक बारगी हर किसी की रूह कांप उठती है। (Panther life) कुछ ऐसे ही पैंथर के रोमांचक, डरावने व लुभावने लाइव वीडियो मोरचणा के युवा व वाइल्ड लाइफ प्रेमी अरिवंद पालीवाल ने शूट किए, जबकि अमित बड़ोला ने लाइव तस्वीरें खींची, जिसे देख हर कोई अचंभित है, रोमांचित है और खुश है, मगर अनजाना डर भी सता रहा है। हालांकि जंगली जानवरों के विशेषज्ञ एवं वन विभाग राजसमंद के एसीएफ विनोद कुमार राय ने स्पष्ट सलाह देते हुए चेताया है कि पैंथर या कोई भी जंगली जानवर एकाएक कभी भी इंसानों पर हमला नहीं करते, लेकिन उसे अगर घेरने का प्रयास किया और कहीं एक जगह फंस गया, तो फिर वह खुद के बचाव के प्रयास में किसी भी व्यक्ति पर हमला कर सकता है, जो स्वाभाविक है। इसलिए अब शहरी क्षेत्र में पैंथर आ ही गया है, तो अब उसके अनुकूल परिस्थिति में जीना सीखना ही एकमात्र विकल्प है।….. पैंथर से बचाव के तरीके जानने है, तो इस लिंक पर क्लिक करकें वन विभाग के एक्सपर्ट से जानिए खास उपाय….

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