जोधपुर मंडोर उद्यान के प्राचीन दुर्ग से चामुंडा मंदिर से चुराई गई माता की मूर्ति दो दिन बाद पुलिस ने 200 किलोमीटर दूर राजसमंद के गुड़ली गांव से बरामद कर ली है। चोरों ने मूर्ति चुराकर अपने गांव में बने मंदिर में स्थापित कर दी थी, जहां पहले से माता की दो मूर्तियां स्थापित थीं। पुलिस की टीम दो लोगों को गिरफ्तार करके व मूर्ति लेकर जोधपुर पहुंच गई। चोरी के मामले में महिलाओं सहित 12-13 जने शामिल थे। वहां गांव वालों के विरोध के कारण पुलिस केवल दो को ही पकड़ पाई। अब शेष को पकड़ने के लिए मण्डोर थानाधिकारी वीरमसिंह चारण के नेतृत्व में नई टीम बनाकर राजसमंद भेजी गई है। Jodhpur Police द्वारा गहन तहकीकात जारी है।
Jodhpur : 400 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले
मंडोर में चामुण्डा माता मंदिर से 17 फरवरी को माता की मूर्ति गायब हो गई थी। मूर्ति के स्थान पर काला कपड़ा रखा हुआ था। मंदिर प्रांगण में पूजा व तंत्र विद्या के भी सबूत मिले थे। लोगों के भारी विरोध के बाद कार्यवाहक पुलिस उपायुक्त नाजिम अली ने पुलिसकर्मियों की टीम गठित की। पुलिस ने 70 घंटे में 400 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले। मोबाइल ट्रेस किए। समाचार पत्रों में खबरें छपने के बाद गुड़ली गांव से भी पुलिस को इनपुट मिले थे, जिसके आधार पर एएसआई जगदीश चंद्र, कांस्टेबल पूनमचंद और इमीलाल की टीम बनाकर गांव में भेजी थी।
Rajsamand : सादे वस्त्रों में पहुंची पुलिस की टीम
गुड़ली गांव में पुलिस की टीम सादे वस्त्रों में पहुंची। छानबीन के बाद मंदिर में मूर्ति मिल गई, लेकिन मूर्ति हटाने पर गांव वालों के विरोध का सामना करना पड़ा। इस पर जोधपुर पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह ने राजसमंद एसपी से बात की तब वहां स्थानीय थाने का जाब्ता सहायता के लिए पहुंचा। पुलिस ने मौके से महेंद्र सिंह पुत्र अर्जुन सिंह राव और शोभाग सिंह पुत्र केसरसिंह राव को पकड़ा। Rajsamand police ने भी जोधपुर पुलिस की मदद की।
Crime news : अपने गांव में चाहते थे चौथी शताब्दी की प्रतिहारकालीन मूर्ति
पुलिस ने बताया कि मंडोर उद्यान में लगी मूर्ति चौथी शताब्दी की है और प्रतिहारकालीन है। इस मूर्ति की पूजा व अर्चना परिहार वंश के राजा के समय से की जा रही है इसके महत्व के कारण वे अपने गांव में इसे स्थापित करना चाहते थे। गुड़ली गांव के माता के मंदिर में पहले से दो मूर्ति थी। एक गर्भगृह में थी और एक बाहर की तरफ मंडोर से चुराई गई मूर्ति गर्भगृह में एक अन्य मूर्ति के पास विधि विधान से स्थापित कर दी थी।