01 27 https://jaivardhannews.com/students-of-class-9th-to-12th-will-not-get-admission-after-july-31/

सत्र 2021-22 में कक्षा 9वीं से 12वीं के बच्चे 31 जुलाई तक प्रवेश ले सकते है इसके बाद इन्हें एडमिशन नहीं मिलेगा। जबकि आठवीं तक के बच्चों को पूरे साल प्रवेश दिया जाएगा। निदेशक माध्यमिक शिक्षा सौरभ स्वामी ने आदेश जारी कर ड्रॉपआउट, अनामांकित बच्चों के अलावा नामांकन में वृद्धि के उद्देश्य से आठवीं कक्षा तक के बच्चों का प्रवेश पूर साल देने के आदेश दिए है।

15 जुलाई से 9वीं से बारहवीं कक्षा तक के बच्चों की पढ़ाई शुरू करने को लेकर सभी स्कूलों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। निजी और सरकारी स्कूलों में कोविड-19 की गाइडलाइन के साथ बच्चों का सोशल डिस्टेंस में सीटिंग अरेंजमेंट, मास्क व सेनेटाइजर के अलावा सभी शिक्षकों का वैक्सीनेशन भी करवाया जा रहा है। हालांकि सरकारी गाइडलाइन के अनुसार ही स्कूलों में बच्चों के ट्रांसपोर्टेशन से लेकर क्लास रूम तक की व्यवस्था की जाएगी। फिर भी अभी से इसको लेकर स्कूलों में सेनेटाइजर करने का काम शुरू हो गया है। निजी स्कूल शिक्षण संस्थान संघ के अध्यक्ष महेंद्रसिंह गुर्जर व सचिव नवीन शर्मा ने बताया कि संगठन ने निजी स्कूलों में संपर्क कर शिक्षकों के वैक्सीनेशन करवाने का आग्रह किया है, ताकि बच्चों और टीचर दोनों की सुरक्षा को लेकर कोई समस्या नहीं रहे। चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने 6 अगस्त तक डायरिया की रोकथाम के लिए चलने वाले जिला स्तरीय आईडीसीएफ अभियान बुधवार से शुरू हुआ। एडिशनल सीएमएचओ परिवार कल्याण एवं अभियान के नोड़ल अधिकारी डाॅ. रामनिवास सेंवर ने बताया कि अभियान के तहत ओरआरएस और जिंक के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।

दस्त रोग की रोकथाम व उचित प्रबंधन के लिए आयोजित समस्त गतिविधियों का आयोजन कोविड-19 की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। अभियान की शुरुआत शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मधुबन के भाटों की ढाणी की महिला आरोग्य समिति से बच्चों को जिंक की गोली खिलाकर व ओआरएस का गोल पिलाकर की गई।

इसके तहत दस्त से ग्रसित पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों को ओआरएस एवं जिंक की गोली आदि का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए लोगो जागरूक कर उन्हें दस्त के दौरान ओआरएस व जिंक की महत्वता के बारे में बताया। डाॅ. सेंवर ने बताया कि जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर ओआरएस व जिंक कार्नर स्थापित किये हैं। आईईसी के माध्यम से भी दस्त रोग के बचाव व नियंत्रण के बारे में जागरूकता फैलाई जाएगी।