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एक नाबालिग किशोरी को बहला फुसलाकर बलात्कार करने और बाद में जबरदस्ती शादी करने के लिए अनैतिक दबाव बनाने के मामले में पोक्सो कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आरोपी को 10 साल के कारावास की सजा से दंडित किया। बदमाश किशोरी को भगाकर गुजरात ले गया, जहां चार माह तक लगातार बलात्कार किया। इस तरह किशोरी गर्भवती भी हो गई। पोक्सो न्यायालय राजसमंद के न्यायाधीश सुनील कुमार पंचोली ने बलात्कार के मामले की सुनवाई पूरी करते हुए यह फैसला सुनाया है।

पोक्सो न्यायालय राजसमंद के विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने बताया कि 1 मई 2018 को एक महिला ने भीम पुलिस थाने में एक रिपोर्ट दी थी। बताया था कि 29 अप्रैल 2018 को सुबह करीब 10.30 बजे उसकी पुत्री अपने ससुराल जाने के लिए निकली थी, तब उसने शाम को उसके ससुराल फोन किया, तो उसे पता चला कि उसकी पुत्री अपने ससुराल नहीं पहुंची है। उसने आस-पड़ोस ,रिश्तेदार सभी जगह तलाश कर ली, लेकिन उसकी पुत्री का कोई पता नहीं चल पाया। इस पर पीड़ित महिला ने भीम थाने में आकर उसकी पुत्री के लापता होने और अनैतिक घटना कारित होने का अंदेशा भी जताया।

थाने में एफआईआर दर्ज होने के साथ ही पुलिस द्वारा गहन तलाश शुरू की गई, जिसमें काहरी, देवगढ़ निवासी प्रभुलाल पुत्र दुर्गाराम द्वारा भगा ले जाने का पता चला। पुलिस ने आरोपी प्रभुलाल को गिरफ्तार करते हुए किशोरी को मुक्त करवा दिया। साथ ही पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपी प्रभुलाल द्वारा पीड़ित किशोरी के साथ जबरन बलात्कार किया और जबरन शादी करने के लिए भी अनैतिक दबाव बनाया गया। बताया गया कि घटना वाले दिन आरोपी उस पीड़िता को लेकर गुजरात के गांधीनगर लेकर गया, जहां पर करीब चार माह तक रखते हुए बलात्कार किया। साथ ही वह किशोरी गर्भवती भी हो गई थी और आरोपी द्वारा जबरन शादी करने का दबाव बनाया जा रहा है। इस तरह पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करते हुए गर्भवती किशोरी को आरोपी के चंगुल से मुक्त कराया। साथ ही अनुसंधान पूरा होने के बाद भीम थाना पुलिस द्वारा पोक्सो न्यायालय में आरोपी प्रभुलाल के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया गया।

न्यायालय में 14 गवाह व 34 दस्तावेजी साक्ष्य पेश

न्यायालय में पीड़िता व राज्य सरकार की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य तथा परिवादिया के अधिवक्ता गोपाल कृष्ण जाट ने 14 गवाह न्यायालय में परीक्षित करवाएं। साथ ही 34 दस्तावेजी साक्ष्य भी न्यायालय के समक्ष पेश किए गए। साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय द्वारा आरोपी प्रभुलाल को दोषी करार दिया गया। इस तरह पोक्सो न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात अभियुक्त प्रभु लाल पिता दुर्गा राम निवासी काहरी, पुलिस थाना देवगढ़ को धारा 363, 366, 376(2)(ढ), भारतीय दंड संहिता व धारा 5 (l)/ 6 पोक्सो एक्ट में दोष सिद्ध घोषित कर दिया।

तीन धाराओं में दोषी, 10 वर्ष का कारारावास

पोक्सो न्यायालय विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने बताया कि

  • धारा 363 भादस : 1 वर्ष का कठोर कारावास तथा 1000/-जुर्माना
  • धारा 366 भादस : 3 वर्ष का कठोर कारावास तथा 3000/-जुर्माना
  • धारा 376(2) (ढ) भादस : 10 वर्ष का कठोर कारावास तथा 10,000/-जुर्माना