01 40 https://jaivardhannews.com/the-former-sarpanch-wandered-on-the-streets-of-mumbai-for-two-months-in-memory-of-his-son-spent-the-nights-on-the-streets/
मुंबई में बेटे के घर से मारवाड़ अपने परिवार से बात करती पूर्व सरपंच सरस्वती देवी

लॉकडाउन में बेटे की याद आई तो पति को बिना बताए पूर्व सरपंच ट्रेन से मुंबई पहुंच गई। लेकिन बेटे का न तो पता मालूत था और न ही मोबाइल नम्बर। ऐसे में वह मुंबई की सड़कों पर भटकती रही। इस पर एक युवक ने इसका विडियो सोशल मिडिया पर वायरल किया तो बेटे ने ये विडियो देखा तो वह उसे लेने पहुंचा।

लॉकडाउन के दौरान पाली जिले के वोपारी गांव की पूर्व सरपंच को अपने बेटों की याद में डिप्रेशन में आ गई। याद सताने लगी तो पति को बिना बताएं वह मारवाड़ जंक्शन से मुंबई की ट्रेन में बैठ गई। बेटे का मोबाइल नंबर था और न ही घर का पता। दो महीने तक पूर्व सरपंच जुहू में भटकती रही। वहीं घर वाले भी दो महीने से महिला को ढूंढ रहे थे। मुंबई में रहने वाले बेटे ने पुलिस में भी रिपोर्ट दी लेकिन उनकी मां नहीं मिली। आखिर पाली-मारवाड़ के ही एक युवक ने महिला का वीडियो बना उसे वायरल कर दिया। यह वीडियो उनके बेटे तक पहुंचा तो वे उसे लेने पहुंचे।

मारवाड़ जंक्शन के निकट वोपारी गांव में रहने वाली 60 वर्षीय सरस्वती देवी पत्नी सज्जनसिंह राजपुरोहित गांव में अपने पति के साथ रहती थी। उनका एक बेटा विजय सिंह मुम्बई के अंधेरी क्षेत्र में काम काज के सिलसिले में रहते हैं ताे दूसरा बेटा भूपेन्द्रसिंह एयरफोर्स में हैं। सरस्वती देवी लॉकडाउन में बेटों की याद में डिप्रेशन में आ गई। उनकी मानसिक हालत बिगड़ गई। बेटे की याद में वे करीब दो माह पहले अपने पति को बिना बताए वे मारवाड़ जंक्शन से ट्रेन में बैठकर मुम्बई उतर गई। लेकिन बेटा मुम्बई में कहां रहता हैं। उसका नाम, मोबाइल नम्बर कुछ याद नहीं रहने के कारण मुम्बई के जुहू क्षेत्र में करीब दो माह तक बेसहारा की तरह भटकती रही। इधर विजयसिंह के मां के यूं गायब होने की जानकारी मिली तो उन्होंने अपने स्तर पर मुम्बई में उन्हें खूब ढूंढा। थाने में रिपोर्ट भी दी लेकिन मां के बारे में कुछ पता नहीं चला। वरिष्ठ कांग्रेस नेता जब्बरसिंह राजपुरोहित ने बताया कि सरस्वती देवी राजपुरोहित वर्ष 1996-97 में वोपारी की सरपंच रह चुकी हैं। कांग्रेस पार्टी में भी काफी सक्रिय रही हैं। गांव में उनका अच्छा खासा दबदबा हैं। गजेन्द्रसिंह मंडली तक मैसेज पहुंचा तो उन्होंने भी अपने स्तर पर वीडियो को वायरल किया तथा वोपारी गांव में संपर्क किया। जिससे की पूर्व सरपंच अपने परिवार से मिल सके।

करीब दो महीने तक एक ही ड्रेस में जुहू में बेसहारा भटकती रही। जो खाने को मिलता खा लेती। सड़क किनारे जगह मिली तो वहीं सो जाती। इस दौरान जुहू में नाश्ते- मिठाई की दुकान चलाने वाली पाली जिले के रानी गांव के नेमाराम चौधरी उन्हें अपनी दुकान से रोज खाना देते थे। मारवाड़ी ड्रेस पहनी देख उन्होंने एक दिन उनका वीडियो बना लिया।

जिसमें सरस्वती देवी ने बताया कि वह रडावास की है वोपारी रहती हैं। जब नेमाराम ने कहां कि भूख लगे तो दोपहर को भी नाश्ता लेने आ जाना तो उन्होंने कहा कि आपका धंधा हैं रोज आऊ अच्छा छोड़े लगता हैं। यह वीडियो नेमाराम ने एक ऑडियो मैसेज के साथ सोशल मीडिया पर वायरल किया। जिसमें कहां कि यह महिला वोपारी गांव की हैं। जो भी इनको जानते हैं प्लीज इनके घरवालों को जानकारी दे जिससे यह अपने परिवार से फिर से मिल सके। उनका यह वीडियो अंधेरी में रह रहे सरस्वती देवी के बेटे विजयसिंह के पास भी पहुंचा तो वे तुरंत अपनी मां को लेने जुहू गए। उनकी हालत देख उनकी आंखों में आंसू आ गए। मां को गले लगाया तथा दिल से नेमाराम का धन्यवाद देकर मां को हंसी-खुशी घर ले गए।