पुलिस ने जिस व्यक्ति को मरा समझा वो फिर 20 साल बाद लौट आया। जी हां यह कोई काल्पनिक नही बल्कि सच्ची घटना है। नैवी से रिटायर्ड जवान ने अपने साले की हत्या के बाद दो लोगों को जिंदा जला अपने मरने की कहानी बना दी। उसके बाद से ही आरोपी अलग- अलग राज्यों में फरार था। आश्चर्य होगा कि उस आरोपी की पत्नी भी 20 साल से जो पेंशन लेती रही। बता दें की आरोपी अभी तिहाड़ जेल में बंद है। 13 साल से आरोपी अपना नाम बदलकर प्रॉपर्टी डीलर का कार्य कर रहा था। यह सबको चौंका देने वाली घटना जोधपुर की है।
दिल्ली पुलिस की Crime ब्रांच ने 28 सितंबर 2023 को अमन सिंह नाम के एक व्यक्ति को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। 5 महीने की लगातार पूछताछ के बाद पुलिस को मालूम पड़ा कि जो अमन सिंह नाम का व्यक्ति है, उसका तो असली नाम बालेश कुमार है और वह जोधपुर के डांगियावास का रहने वाला है। इसके बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जब जोधपुर पुलिस से संपर्क किया तो उन्हें पता चला कि बालेश कुमार का तो 20 साल पहले ही निधन हो चुका है। जोधपुर के डीसीपी ईस्ट आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि जब उन्हें इस घटना की जानकारी प्राप्त हुई तो उन्होंने डांगियावास थाने के SI मनोज कुमार को दिल्ली भेजा। SI मनोज कुमार ने दिल्ली जाकर जांच की और पाया कि अमन सिंह और बालेश कुमार एक ही व्यक्ति हैं। SI मनोज ने बताया कि यह तो वही व्यक्ति है जिसने 20 साल पहले ट्रक में 2 लोगों को जिंदा जलाकर अपने मरने की साजिश रची थी। अब पुलिस आरोपी बालेश कुमार को प्रोडक्शन वारंट पर जोधपुर लाने की तैयारी कर रही है। उसके बाद इस मामले में आगे की जांच की जाएगी। पुलिस ने इस घटना में शामिल आरोपी बालेश की पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया।
Crime story : 20 साल पहले की साले की हत्या
Crime पुलिस ने बताया कि आरोपी बालेश कुमार ने 20 साल पहले अपने मरने की कहानी रची थी। बताया कि आरोपी ने अपने ही साले राजेश उर्फ खुशीराम की अपने भाई सुंदरलाल के साथ मिलकर हत्या कर दी। आरोपी बालेश का उसके साले की पत्नी के साथ अफेयर था, जिसके चलते 18 मार्च 2004 को बालेश उसका भाई सुंदरलाल व साला बवाना में शराब पार्टी कर रहे थे। शराब पार्टी के दौराना आरोपी बालेश व राजेश के बीच बहस हो गई। उसके बाद दोनों भाइयों ने गुस्से में आकर राजेश की गला दबाकर हत्या कर दी। उसके बाद पुलिस ने सुंदरलाल को तो गिरफ्तार कर लिया, मगर बालेश ने झूठी कहानी रचकर बचने की कोशिश कर दी। पुलिस ने बताया कि बालेश व सुंदरलाल का ट्रांसपोर्ट का काम था।
Real crime story in hindi : पुलिस से बचने के लिए मरने की रची साजिश
पुलिस ने बताया है कि 1 मई 2004 को एक ट्रक में आग लगने से दो लोगों के मरने की सुचना प्राप्त हुई। जिसके बाद तत्काल पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने बताया कि शवों की शिनाख्त की तो नेवी में अर्दली पोस्ट से रिटायर्ड बालेश कुमार के रूप में हुई। दूसरे व्यक्ति की कोई खबर नही मिली। हालांकि जब शव को बालेश की पत्नी संतोष को बताया तो उसने भी शव की पहचान कर ली थी। हालांकि उस दिन आरोपी बालेश ने खुद को बचाने के लिए दो अन्य लोगों की जान ले ली। बताया कि पहले तो आरोपी ने अपने ही ट्रांसपोर्ट में काम कर रहे बिहार निवासी मनोज व मुकेश को शराब पिलाई, जब दोनों युवक शराब के नशे में धत्त हो गए तो उन्हे ट्रक में बिठा दिया। उसके बाद आरोपी बालेश ने ट्रक व व्यक्तियों पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी। उसके बाद बालेश की पत्नी ने एक शव की पहचान अपने पति के रूप में कर दी। उसके बाद आरोपी पत्नी ने ट्रक का इंश्योरेंस भी ले लिया और 20 साल तक जो पेंशन मिली उसे भी लेती रही।
आरोपी नाम बदलकर बना प्रॉपर्टी डीलर
पुलिस ने बताया कि उस घटना के बाद आरोपी पुलिस से बचने के लिए खुद को मृत घोषित करवाने के बाद बालेश कुमार दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में अमन सिंह के रूप में रहने लगा। वहां आकर वो प्रॉपर्टी का काम करने लगा। बता दें की आरोपी हरियाणा के पानीपत का रहने वाला है। पुलिस से बचााव के लिए आरोपी बालेश ने सभी दस्तावेज अपने अमनसिंह के नाम से बना दिए। उसकी पत्नी संतोष, विधवा होने का नाटक करते हुए, नौसेना से पेंशन ले रही थी। वह और उनके दो बेटे कभी-कभी बालेश से मिलने नजफगढ़ आते थे। दिल्ली क्राइम ब्रांच को गुप्त सूचना मिली कि हत्या का आरोपी नजफगढ़ में रह रहा है। रिकॉर्ड चेक करने के बाद, पुलिस ने बालेश को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि बालेश 2004 से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में फरारी काट रहा था।