दो दिन की मासूम बच्ची पत्थरों और झाड़ियों के बीच मिली। वहां मौजूद कुछ बच्चों ने रोने की आवाज सुन ली। इसके बाद वहां से गुजर रहे एक किसान ने कपड़ा हटाकर देखा तो मासूम बेसुध पड़ी थी। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और उसे अस्पताल पहुंचाया गया।
चित्तैड़गढ़ के कनेरा क्षेत्र के सरकारी हॉस्पिटल से करीब 100 मीटर की दूरी पर भुवानिया खेड़ी रोड के किनारे झाड़ियों में एक नवजात को कोई फेंक गया। घटना शनिवार देर शाम की है। श्रीनिवास नाम के युवक को जब पता चला कि मासूम को ऐसी हालात में छोड़ कर चले गए तो उसने तुरंत अस्पताल के कर्मचारियों को सूचना दी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे। वे बच्चे को उठाकर कनेरा अस्पताल ले गए, जहां उसका प्रारंभिक उपचार कर पुलिस को सूचना दी। मौके पर कनेरा पुलिस पहुंची और बाल कल्याण समिति को सूचना दी।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश दशोरा ने तुरंत FIR दर्ज कर बच्ची को जिला अस्पताल भेजने का आर्डर दिया। कनेरा SHO रूपलाल मीणा ने सारी फॉर्मेलिटी पूरी कर उसे रात को 108 एम्बुलेंस की सहायता से जिला अस्पताल लेकर आए, जहां बच्चे का उपचार किया गया। जब बच्ची मिली थी तो उसके हाथ पर हल्की सी खरोंच थी और खून के धब्बे थे। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश दशोरा ने बताया कि बच्ची लगभग 2 से 3 दिन की रही होगी। ग्रामीण श्रीनिवास धाकड़ ने मौके पर हॉस्पिटल के कर्मचारियों को बुलाया। हॉस्पिटल में पुलिस पहुंची और नवजात को जिला अस्पताल लेकर आए। नवजात का वजन लगभग दो किलो का है। अभी मासूम स्वस्थ है और उसका इलाज चल रहा है। डॉक्टर ने बताया कि पत्थरों व झाड़ियों के बीच होने की वजह से उसके हाथ पर चोटें आई है।