तालाब में भैंसों को निकालने गया गए युवक का पैर फिसलने से वह डूब गया। इससे उसकी मौत हो गई। युवक के कपड़े व मोबाइल बाहर देखा तो डूबने का अंदेशा हुआ। करीब 12 घंटे की तलाश के बाद गोताखोरों ने शव को बाहर निकाला।
जयपुर के कोटखावदा इलाके में एक युवक की तालाब में डूबने से मौत हो गई। उसके शव को करीब 12 घंटे बाद जयपुर से शुक्रवार को मौके पर पहुंची सिविल डिफेंस के गोताखोरों ने बाहर निकाला। यह घटना गुरुवार शाम को हुई थी। लेकिन शव को अंधेरा होने से बाहर नहीं निकाला जा सका। सिविल डिफेंस के डिप्टी कंट्रोलर जगदीश प्रसाद रावत ने बताया कि मृतक रामरतन मीणा (19) कोटखावदा तहसील के गांव त्रिलोकपुरा का रहने वाला था। वह बीए थर्ड ईयर का स्टूडेंट था। प्रारंभिक जानकारी में सामने आया कि रामरतन गुरुवार दोपहर को भैसों को चराने के लिए गांव में तालाब की तरफ गया था। वहां कुछ भैसें तालाब में चली गई।
तब आसपास के लोगों ने रामरतन को भैसों को निकालने के लिए पानी में उतरते हुए देखा था। इस बीच गहरे पानी में डूबने से रामरतन की मौत हो गई। देर शाम तक वह घर नहीं लौटा तब परिजनों को चिंता हुई। उसके पिता चुन्नीलाल ने रामरतन को तलाश करना शुरु किया।
तब किसी ग्रामीण ने रामरतन को तालाब के पास देखने की जानकारी दी। घर वाले तालाब पहुंचे तब वहां रामरतन का मोबाइल फोन, कपड़े व चप्पलें खुली पड़ी नजर आईं। संदेह होने पर कोटखावदा थाना पुलिस को सूचना दी। अंधेरा होने से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु नहीं हो सका। आज शुक्रवार सुबह 9:30 बजे जयपुर से सिविल डिफेंस टीम के महेंद्र सेवदा, भीम सिंह, युनुस व अन्य गोताखोरों की टीम कोटखावदा के लिए रवाना की गई। करीब एक घंटे में गोताखोरों ने शव को तलाश कर बाहर निकाला। इसके बाद मोर्चरी ले जाया गया। रामरतन की मौत की खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया। दोपहर को शव के पोस्टमार्टम के बाद उसे परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया।