इस गांव के श्मशान घाट में टीनशेड नहीं है बाकी दिनों में कोई दिक्कत नहीं होती लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत बारिश के दिनों में होती है। बारिश के मौसम में गांव में अगर किसी की मौत हो जाए तो उसका दाह संस्कार करना किसी चुनौती से कम नहीं है। क्योंकि गिली लकड़ियां आग नहीं पकड़ती लोग तिरपाल के सहारे करते है दाह संस्कार।
राजसमंद जिले की ग्राम पंचायत घाटी के राजस्व गांव खेमाखेडा के श्मशान घाट पर टिनशेड नहीं होने से बारिश के बीच खुले में शव का अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। ग्रामीण तिरपाल ढककर अंतिम संस्कार करने को मजबूर है। ग्रामीणों ने बताया कि श्मशान घाट पर टिन शेड लगा हुआ नहीं है। ना ही बैठने की व्यवस्था है।
जानकारी अनुसार शुक्रवार को खेमाखेडा निवासी सोसरबाई गुर्जर की निधन हो गया। क्षेत्र में रिमझिम बारिश के कारण ग्रामीणों ने रूकने का इंतजार किया। बारिश बंद नहीं होने पर बारिश के बीच ही अंतिम संस्कार करने का निर्णय लेना लिया। पहले लकड़ियों को बारिश से भीगने से बचाया गया। इसके बाद तिरपाल ढककर अंतिम संस्कार किया।
ग्रामीण नारायणलाल गुर्जर सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि श्मशान घाट पर न तो टिन शेड और ना ही अंतिम संस्कार करने के लिए कोई व्यवस्था है। बैठने की भी व्यवस्था नहीं है। श्मशान घाट तक जाने वाला रास्ता भी सही नहीं है। बारिश के मौसम में परेशानी का सामना करना पड़ता है। लहरीलाल, शिवलाल, रमेश आदि ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत से श्मशान घाट पर टिनशेड,बैठने की व्यवस्था करवाने की मांग की है। ग्रामीणों ने मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी हैं।