उधार दिए 5 हजार रुपए वापस नहीं लौटाने पर तीन साथियों ने ही मिलकर एक श्रमिक की पत्थर पटक पटक कर हत्या कर दी। पहले तो आरोपियों ने उसे शराब पिलाई और बाद में पेड़ से बांधकर बेरहमी से मारपीट की। फिर गंभीर घायल होने पर उस पर पत्थर पटक पटक कर हत्या कर डाली। वारदात के बाद आरोपी फरार हो गए व दूसरे दिन क्षत विक्षत शव मिलने के बाद देलवाड़ा थाना पुलिस द्वारा तहकीकात शुरू की गई। पुलिस ने पहले मृतक की पहचान की और फिर हत्या की वारदात का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
एसपी सुधीर जोशी ने बताया कि देलवाड़ा क्षेत्र के मजेरा गांव में स्थित खीमज माता मंदिर मार्ग पर 11 फरवरी को अज्ञात व्यक्ति का शव मिला। प्रथम दृष्टया पत्थरों से पीट पीट कर हत्या करना प्रतीत हुआ। घटना स्थल के समीप भूमि खातेदार तुलसीराम डांगी की रिपोर्ट पर पुलिस ने शव को अनन्ता मेडिकल कॉलेज के डी फ्रीज में रखवा दिया। साथ ही उसकी पहचान करने के काफी प्रयास किए, मगर पता नहीं चला। फिर पुलिस ने उस शव का बारीकी से परीक्षण किया, जिसके हाथ पर सीए लक्ष्मी लिखा था साथ ही अन्य तथ्यों के आधार पुलिस ने शव की पहचान उदयपुर जिले के डांगियो की गुंदर, बड़गांव निवासी 24 वर्षीय चम्पालाल पुत्र जेता गमेती के रूप में हुई। उसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया। साथ ही हत्या के आरोपियों के बारे में तहकीकात शुरू की गई। पुलिस ने मुखबिरों के साथ परिजन व मित्रों से पूछताछ करते हुए हत्या की वारदात का खुलासा कर दिया। साथ ही कोडियात, नाई जिला उदयपुर निवासी बाबूलाल (27) पुत्र पूना गमेती, कोडियात, नाई जिला उदयपुर निवासी मदनलाल (22) पुत्र भगवान उर्फ भग्गाजी गमेती और मजेरा, देलवाड़ा, राजसमंद निवासी राजू (28) पुत्र गणेश गमेती को गिरफ्तार कर लिया। तीनों ही आरोपियों ने हत्या करना कबूल कर लिया।
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पहले मृतक को पिलाई शराब, फिर बांध पीटा
देलवाड़ा थाना प्रभारी रमेश मीणा ने बताया कि मृतक चम्पालाल गमेती, बाबूलाल गमेती व मदनलाल गमेती साथ में मजदूरी का कार्य करते हैं। इसके चलते तीनों ही जान पहचान है और इसीलिए बाबूलाल ने 6 माह पहले चम्पालाल को 5 हजार रुपए उधार दिए। उधार के रुपए का तकाजा करने पर कुछ माह पहले उदयपुर के बड़गांव में चम्पालाल ने कुछ साथियों के साथ मिलकर बाबूलाल से मारपीट की। फिर उसे डराया व धमकाया। इसके बाद बाबूलाल ने चम्पालाल से मारपीट करते हुए उधार के रुपए वसूलने का प्लान बनाया। इसके तहत नाथद्वारा क्षेत्र में मजदूरी दिलाने के बहाने 10 फरवरी 2024 को चम्पालाल को बाइक पर बिठाकर बाबूलाल मजेरा, देलवाड़ा पहुंचा, जहां उसके मित्र मदनलाल गमेती को कॉल किया, जो उसकी बहन के यहां आया हुआ था। इस पर मदन गमेती ने बताया कि वह तो कांकरोली में जेके फैक्ट्री में ट्रक पर है। इस पर बाबूलाल व चम्पालाल बाइक लेकर जेके फैक्ट्री पहुंच गए, जहां से मदनलाल गमेती को साथ लेकर तीनों ने शराब ली। उसके बाद बाबूलाल, चम्पालाल व मदनलाल तीनों ही देलवाड़ा के पास मजेरा गांव पहुंचे, जहां से मदनलाल ने एक और मित्र राजू गमेती को साथ ले लिया। उसके बाद और शराब मंगवाकर खीमज माता मंदिर मार्ग पर गए, जहां चारों ने शराब पी। शराब पीते पीते ही बाबूलाल ने चम्पालाल से उधार के 5 रुपए देने का तकाजा किया। साथ ही तीखी बहस, तकरार के बाद बाबूलाल ने चम्पालाल को पेड़ से बांध दिया और अन्य दोस्तों की मदद से चम्पालाल को बेरहमी से पीटा, जो गंभीर घायल हो गया, तब उसे पेड़ से खोला। उसके बाद घसीटते हुए खीमजमाता मंदिर रास्ते पर गहरी खाई में ले गए, जहां उसके चेहरे पर पत्थर पटककर हत्या कर दी। वारदात के बाद आरोपी फरार हो गए। फिर दूसरे दिन 11 फरवरी को चम्पालाल गमेती का शव पड़ा होने की सूचना मिली, तो देलवाड़ा थाने से पुलिस मौके पर पहुंची।
इस पुलिस टीम ने की त्वरित कार्रवाई
नाथद्वारा डीएसपी दिनेश सुखवाल के नेतृत्व में देलवाड़ा थाना प्रभारी रमेश मीणा, एएसआई बरकत खां, कांस्टेबल लक्ष्मीनारायण, कैलाशचंद्र, दिनेशचंद्र, तेजपाल, पुष्कर, नानालाल की टीम का गठन किया।