#Bharatratn तीन बड़ी विभूतियों चौधरी चरण सिंह, राव और स्वामीनाथन को भारत रत्न

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पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पी.बी. नरसिम्हा राव और मशहूर वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ (मरणोपरांत) से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट में यह घोषणा की। इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और समाजवादी नेता (दिवंगत ) कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की जा चुकी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह ने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।

किसानों के मसीहा

चौधरी चरण सिंह 28 जलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक देश के 5वें प्रधानमंत्री रहे। वह किसानों के मसीहा के तौर पर मशहूर थे। उन्होंने 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी के डांडी मार्च में भाग लिया। वह 1957 और 1970 में उत्तर प्रदेश के सीएम बने। उन्होंने जमींदारी प्रथा के उन्मूलन का उल्लेखनीय कार्य किया। 1977 में बनी जनता पार्टी सरकार में वह गृह एवं वित्तमंत्री और उप-प्रधानमंत्री रहे। जनता दल सरकार गिरने के बाद उन्होंने कांग्रेस के समर्थन से केंद्र में सरकार बनाई थी। उनका 29 मई, 1987 को निधन हो गया।

सुधारों के प्रणेता

पी वी नरसिम्हा राव 1991 से 1996 तक देश के नौवें प्रधानमंत्री रहे। वह तेलुगू, हिंदी, अंग्रेजी, द्रविड़, इंडो-यूरोपीय समेत 18 भाषाओं के जानकार थे। उन्होंने 1971 से 1973 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर जमीनों की चकबंदी और शिक्षा में महत्त्वपूर्ण सुधार लागू किए। प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्होंने केंद्र में विदेश, रक्षा व गृह मंत्रालय संभाले। पीएम के रूप में राव का कार्यकाल आर्थिक सुधारों के लिए याद किया जाता है। अपने कार्यकाल में अयोध्या का विवादित ढांचा ढहने व उसके बाद दंगों को लेकर राव को आलोचना का सामना भी करना पड़ा।

हरित क्रांति के जनक

मशहूर वैज्ञानिक हरित क्रांति के जनक डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन का पिछले साल 28 सितंबर को 98 साल की उम्र में निधन हो गया था। साठ के दशक में भारत अमरीकी गेहूं पर निर्भर था, लेकिन स्वामीनाथन के गेहूं की नई किस्म विकसित करने के बाद 1971 में जरूरत से अधिक खाद्यान्न उत्पादन करने वाला देश बन गया। उन्हें धान व आलू की उपज बढ़ाने में योगदान के लिए भी जाना जाता है। उन्हें 1971 में रेमन मैग्सेसे और 1987 में विश्व खाद्य पुरस्कार से नवाजा गया। उन्हें 1967 में पद्मश्री, 1972 में पद्म भूषण व 1989 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

चुनाव में दिखेगा असर

चौधरी चरण सिंह जाट समाज के सर्वमान्य नेता रहे हैं। उन्हें भारत रत्न दिए जाने का असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर हरियाणा व राजस्थान तक दिखेगा। हरियाणा जाट आबादी वाला सबसे बड़ा प्रदेश है। वहां 31% जाट हैं। राजस्थान में 20%, पश्चिमी यूपी में 17% दिल्ली में 10-12 फौसदी, मध्यप्रदेश में चार- पांच फीसदी, गुजरात में आठ फीसदी, जम्मू कश्मीर में सात-आठ फीसदी और उत्तराखंड में चार-पांच फीसदी जाट हैं।

सोनिया और परिजनों ने किया स्वागत कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने राव को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा का स्वागत किया। राव के पोते एन.वी. सुभाष राव ने कहा, मैं बहुत खुश हूं कि लंबे समय बाद राव को भारत रत्न मिला। मोदी का आभारी हूं। राव के योगदान को लंबे समय तक नजर अंदाज किया गया। डॉ. स्वामीनाथन की बेटी डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि उन्हें गर्व व खुशी है कि उनके पिता के काम को देश में सर्वोच्च नागरिक सम्मान से मान्यता मिली है।

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  • Parmeshwar Singh Chundawat

    परमेश्वरसिंह चुडावत युवा व उत्साही पत्रकार है। 2 साल में न सिर्फ पत्रकारिता को समझा, बल्कि आहत, पीड़ित की आवाज भी बने। पढ़ने- लिखने के शौकीन परमेश्वर वेब पोर्टल पर SEO Based खबरें बनाने की तकनीकी समझ भी रखते हैं। घटना, दुर्घटना, राजनीतिक हो या कोई नवाचार, हर मुद्दे पर बेहतर डिजिटल कंटेंट यानि रोचक खबर बनाने में माहिर है। jaivardhanpatrika@gmail.com

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By Parmeshwar Singh Chundawat

परमेश्वरसिंह चुडावत युवा व उत्साही पत्रकार है। 2 साल में न सिर्फ पत्रकारिता को समझा, बल्कि आहत, पीड़ित की आवाज भी बने। पढ़ने- लिखने के शौकीन परमेश्वर वेब पोर्टल पर SEO Based खबरें बनाने की तकनीकी समझ भी रखते हैं। घटना, दुर्घटना, राजनीतिक हो या कोई नवाचार, हर मुद्दे पर बेहतर डिजिटल कंटेंट यानि रोचक खबर बनाने में माहिर है। jaivardhanpatrika@gmail.com