जन्म के दो घंटे बाद ही नवजात को कचरे में फैंक दया। कचरे से नवजात के रोने की आवाज पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। जिस पर पुलिस तत्काल मौके पर पहुंच नवजात को अस्पताल पहुंचाया। नवजात के हल्दी चोटे आई है और सांसद लेने में दिक्कत हो रही है हालांकि अब वह स्वस्थ है।
यह घटना अलवर जिले के भिवाड़ी के रबाना गांव की है। जहां सुबह करीब 5 से 7 बजे के बीच नवजात को कचरे में फेंक दिया गया। उसके रोने की आवाज सुनकर ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस नवजात को अस्पताल लेकर आई। अभी नवजात की सांसें चल रही हैं। डॉक्टर ने बताया कि नवजात सुबह 5 बजे के आसपास जन्मा है। जिसका ग्रामीणों को सुबह 7 बजे पता चला। रबाना गांव में पुलिस मित्र अकबर व पूर्व सरपंच ने बताया कि गांव में गली व घरों के पीछे कचरा पड़ा रहता है। वहां कचरे के अंदर से रोने की आवाज आई तो गांव के लोगों ने देखा। कपड़े में लिपटी नवजात पड़ी मिली। करीब दो घंटे से वहां पड़ी होने की आंशका है। इस बीच कचरे में पड़े होने के कारण नवजात के शरीर पर कई जगह खरोंच के निशान हैं।
शेखपुर अहीर थाना एसएचओ रामकिशोर ने बताया कि सबसे पहले गांव के राजेंद्र व रविप्रकाश को नवजात के पड़े होने का पता लगा। उनके जरिए पुलिस मित्र अकबर को जानकारी मिली। उसने पुलिस थाने में सूचना दी। इसके करीब 15 मिनट बाद ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और बालिका को अगले 15 मिनट में सीएचसी तिजारा में भर्ती करा दिया। वहां डॉक्टर ने बताया कि नवजात को सांस लेने में थोड़ी दिक्कत आ रही है, लेकिन वह स्वस्थ है। कुछ देर इलाज के बाद नवजात को अलवर चिल्ड्रन सेंटर के लिए रैफर कर दिया। भिवाड़ी पुलिस ने दो दिन में दो मासूम को बचाने का काम किया है। पहले दिन दिल्ली से अपहरण कर लेकर आई तीन साल की बेटी को मेड से बचाया। उसे भिवाड़ी के खुशखेड़ा में पुलिस ने पकड़ लिया। बाद में बिजनेसमैन पति-पत्नी को उनकी बेटी सौंप दी गई। उसके कुछ घंटे बाद ही पुलिस की तत्परता ने नवजात की जान बचाई है। भिवाड़ी एसपी राममूर्ति जोशी का कहना है कि पूरी टीम स्फूर्ति से काम करती है तो बेहतर परिणाम आते हैं। भिवाड़ी में हमारा यही प्रयास है।